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    Vinod Khanna's Biography

    विनोद खन्ना भारतीय फिल्मो के जाने माने अभिनेता हैं। विनोद को ना केवल एक अभिनेता के रूप में जाना जाता है बल्कि उन्होंने अपनी पहचान एक राजनेता के रूप में भी बनाई है। विनोद खन्ना को साल 1980 की दशक में दूसरे सबसे महंगे अभिनेता के रूप में जाना जाता है।

    विनोद खन्ना के द्वारा अभिनय की गई फिल्मो की बात करे तो उन्होंने ‘मस्ताना’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘मेरे अपने’, ‘एक हसीना दो दीवाने’, ‘हाथ की सफाई’, ‘हेरा फेरी’, ‘दो शिकारी’, ‘खुदा कसम’, ‘राज महल’, ‘फरिश्ते’, ‘हमशक़्ल’, ‘एक्का राजा रानी’, ‘अमर अख़बार अन्थोनी’, ‘रिस्क’, ‘वांटेड’, ‘दबंग’, ‘दबंग 2’, ‘रमैया वस्तावैया’, ‘दिलवाले’ जैसी बड़ी बड़ी फिल्मो में अभिनय किया था।

    विनोद खन्ना का प्रारंभिक जीवन

    विनोद का जन्म 06 अक्टूबर 1946 को पेशावर, ब्रिटिश भारत (जो की अब पकिस्तान में है) में हुआ था। उन्होंने एक पंजाबी परिवार में जन्म लिया था। विनोद के पिता का नाम ‘किशनचंद खन्ना’ था जो पेशे से कपड़ों का व्यवसाय चलाया करते थे। उनकी माँ का नाम ‘कमला खन्ना’ था। विनोद के एक भाई थे जिनका नाम ‘प्रमोद खन्ना’ था और उनकी तीन बहने भी थीं।

    विनोद के जन्म के बाद भारत और पकिस्तान अलग हुआ था, जिसके बाद विनोद के परिवार ने पेशावर को छोड़ कर मुंबई आने का फैसला किया था। विनोद ने मुंबई में ‘सट. मैरी’स स्कूल’ और ‘सट. ज़ेवियर’स हाई स्कूल’ से स्कूल की पढाई शुरू की थी। इसके बाद विनोद के परिवार ने मुंबई से दिल्ली में आने का फैसला लिया था। विनोद ने दिल्ली में ‘दिल्ली पब्लिक स्कूल’ और नाशिक से ‘बार्नेस स्कूल’ से अपने स्कूल की पढाई पूरी की थी। इसके बाद विनोद ने ‘स्य्देंहम कॉलेज’, दिल्ली से अपने ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी।

    विनोद खन्ना का दिहांत 27 अप्रैल 2017 को मुंबई के ‘सर एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर’ में हुआ था। विनोद का दिहांत उनकी 70 वर्षीय की उम्र में हुआ था। 02 अप्रैल 2017 को उनकी तबियत ख़राब होने के कारण उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। डॉक्टर के मुताबिक विनोद को ‘ब्लैडर कैंसर’ था जिसके कारण उनकी मौत हुई थी। हालांकि उनके परिवार ने इस बारे में कोई भी जानकारी देने से साफ़ इंकार कर दिया था।

    विनोद खन्ना का व्यवसाय जीवन

    विनोद खन्ना का शुरुआती व्यवसाय जीवन

    विनोद खन्ना को बचपन में इंजीनियर की पढाई पढ़नी थी लेकिन उनके पिता ने उन्हें कॉमर्स की पढाई पढ़ने को कहा था। विनोद को कॉलेज के समय से क्रिकेट खेलना और थिएटर में अभिनय करना पसंद था। विनोद एक बेहतरीन क्रिकेटर भी रह चुके हैं। विनोद को अभिनेता सुनील दत्त ने सबसे पहले अपनी फिल्म ‘मान का मीत’ में अभिनय करने का मौका दिया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘प्राण’ नाम के किरदार को दर्शाया था। यह फिल्म साल 1968 में रिलीज़ हुई थी।

    साल 1969 की विनोद की पहली फिल्म का नाम ‘नतीजा’ है। इस फिल्म में विनोद ने ‘विनोद’ नाम के किरदार को ही दर्शाया था। साल 1970 में विनोद को सबसे पहले फिल्म ‘सच्चा झूठा’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘सी.आई. डी. इंस्पेक्टर प्रधान’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल विनोद को फिल्म ‘आन मिलो सजना’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। फिल्म के निर्देशक ‘मुकुल दत्त’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘अनिल चौधरी’ नाम के किरदार को दर्शाया था। उसी साल उन्होंने फिल्म ‘मस्ताना’ और ‘पूरब और पश्चिम’ में भी अभिनय किया था।

    साल 1971 में विनोद ने फिल्म ‘मेरा गाओं मेरा देश’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज खोसला’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘जब्बार सिंह’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में विनोद खन्ना और धर्मेन्द्र ने मुख्य किरदारों को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल विनोद ने फिल्म ‘मेरे अपने’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘गुलज़ार’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘श्याम’ नाम के किरदार को दर्शाया था। विनोद की अगली फिल्म का नाम ‘हंगामा’ था।

    उसी साल विनोद ने फिल्म ‘हम तुम और वो’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘शिव कुमार’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘विजय’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को विनोद खन्ना, भारती विष्णुवर्धन और अरुना ईरानी ने अभिनय किया था। साल का अंत विनोद ने फिल्म ‘गुड्डी’ के साथ किया था।

    साल 1972 में सबसे पहले विनोद को फिल्म ‘परिचय’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘गुलज़ार’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘अमित’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘दो यार’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘केवल मिश्रा’ थे। विनोद को फिल्म ‘एक हसीना दो दीवाने’ में भी अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘एस. एम. अब्बास’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘प्रकाश’ नाम के किरदार को दर्शाया था।

    साल के अंत में विनोद को फिल्म ‘परछाइयां’ में देखा गया था। उस फिल्म के निर्देशक ‘शरणकुमार चाँद’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘दिलीप खन्ना’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को विनोस खन्ना और बिंदु ने अभिनय किया था।

    विनोद खन्ना का फिल्मो का बाद का सफर

    साल 1973 से साल 1975 तक विनोद ने फिल्म ‘कच्चे धागे’, ‘अचानक’, ‘अनोखी अदा’, ‘धमकी’, ‘पांच दुश्मन’, ‘प्यार का रिश्ता’, ‘हाथ की सफाई’, ‘कुंवारा बाप’, ‘चौकीदार’, ‘फरेबी’, ‘सौदा’, ‘ज़मीर’, ‘क़ैद’, ‘प्रेम कहानी’, ‘सेवक’ जैसी बड़ी बड़ी फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शको के बीच पेश किया था। यह सभी फिल्मे बॉक्स ऑफिस में सफल फिल्मो की सूचि में दर्ज हुई थीं।

    साल 1976 में विनोद ने फिल्म ‘हेरा फेरी’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रकाश महरा’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘अजय’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, सायरा बनु, सुलक्षणा पंडित और असरानी ने अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इसके बाद उसी साल विनोद ने फिल्म ‘लगाम’ और ‘नहले पे देहला’ में भी अभिनय किया था।

    उस साल की विनोद की अगली फिल्म का नाम ‘शंकर शम्भू’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘चंद’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘पप्पू आर. सिंह’ और ‘शम्भू एल. छोटे’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। इस फिल्म के बाद विनोद ने फिल्म ‘शके’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अरुना-विकास’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘विनोद जोशी’ नाम के किरदार को दर्शाया था।

    साल 1977 में सबसे पहले विनोद ने फिल्म ‘परवरिश’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मनमोहन देसाई’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘किशन’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल विनोद को फिल्म ‘आधा दिन आधी रात’, ‘खून पसीना’ और ‘हत्यारा’ में भी देखा गया था।

    उसी साल विनोद ने फिल्म ‘अमर अख़बार अन्थोनी’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मनमोहन देसाई’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘अमर’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में विनोद के साथ साथ अभिनेता अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर ने भी मुख्य किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में बेहतरीन कमाई के साथ अपना नाम ब्लॉकबस्टर फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था। उसी साल के अंत में विनोद को फिल्म ‘चोर सिपाही’ और ‘इंकार’ में भी अभिनय करते हुए देखा गया था।

    साल 1978 में विनोद ने फिल्म ‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज खोसला’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘अजय चौहान’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल विनोद को फिल्म ‘डाकू और जवान’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को सुनील दत्त, रीना रॉय, विनोद खन्ना और लीना चंदवरकर ने अभिनय किया था। इसी साल विनोद ने फिल्म ‘आखरी डाकू’, ‘खून की पुकार’, ‘मुक़द्दर का सिकंदर’, ‘खून का बदला खून’ जैसी फिल्मो में भी अभिनय किया था।

    साल 1979 में विनोद ने ‘फिल्म लहू के दो रंग’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘महेश भट्ट’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘इंस्पेक्टर राज सिंह’ और ‘गोपी लथूरिआ’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। इसके बाद विनोद को फिल्म ‘दो शिकारी’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘कुलजीत पल’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘सतीश’ नाम के किरदार को दर्शाया था। फिल्म में विनोद खन्ना और रेखा की जोड़ी को देखा गया था।

    उसी साल की विनोद की अगली फिल्म का नाम ‘युवराज’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘सुभाष घई’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘गजेंद्र’ और ‘विक्रमदेव’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद विनोद को फिल्म ‘मीरा’ में देखा गया था जहाँ उन्होंने अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ मुख्य किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘गुलज़ार’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘राणा भोजराज सीसोदिआ’ नाम का किरदार अभिनय किया था। साल के अंत में विनोद को फिल्म ‘सरकारी मेहमान’ में अभिनय करते हुए देखा गया था।

    साल 1980 से साल 1983 में विनोद ने फिल्म ‘क़ुरबानी’, ‘गरम खून’, ‘ज़ालिम’, ‘बॉम्बे 405 माइल्स’, ‘एक और एक ग्यारह’, ‘खुदा कसम’, ‘जेल यात्रा’, ‘कुदरत’, ‘राजपूत’, ‘राज महल’, ‘इंसान’, ‘दौलत’, ‘तक़दीर’ और ‘दलित के दुश्मन’ जैसी फिल्मो में मुख्य किरदारों को दर्शाया था।

    साल 1987 में विनोद ने एक बार फिर फिल्मो की दुनिया में अपनी वापसी की थी। उनकी इस फिल्म का नाम ‘इन्साफ’ था, जिसके निर्देशक ‘मुकुल आनंद’ थे। इस फिल्म में विनोद ने ‘अविनाश कपूर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल विनोद को फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर ‘अर्जुन सिंह’ नाम के किरदार को दर्शाया था।

    साल 1988 में सबसे पहले विनोद ने फिल्म ‘दयावान’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘फिरोज खान’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘शक्ति वेल्लु’ और ‘दयावान’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को विनोद खन्ना, माधुरी दीक्षित और फिरोज खान ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल विनोद को फिल्म ‘आखरी अदालत’ में भी देखा गया था। इस के निर्देशक ‘राजीव महरा’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘इंस्पेक्टर अमर कौशल’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद साल का अंत विनोद ने फिल्म ‘फैसला’ के साथ किया था।

    साल 1989 में सबसे पहले विनोद को फिल्म ‘चांदनी’ में देखा गया था। इस फिल्म में विनोद ने ‘ललित खन्ना’ नाम के किरदार को दर्शाया था और फिल्म में मुख्य किरदारों को ऋषि कपूर और श्रीदेवी ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल विनोद को फिल्म ‘महादेव’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज एन. सिप्पी’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘अर्जुन सिंह’ नाम के किरदार को दर्शाया था। विनोद ने साल का अंत फिल्म ‘उस्ताद’ के साथ किया था।

    साल 1990 से साल 1995 तक विनोद खन्ना ने कई फिल्मो में अभिनय किया था। उन सभी फिल्मो में से जो फिल्मे बॉक्स ऑफिस में सफल फिल्मो की सूचि में दर्ज हुई थीं उनके नाम ‘मुक़द्दर का बादशाह’, ‘जुर्म’, ‘सी.आई.डी.’, ‘लेकिन…’, ‘पत्थर का इंसान’, ‘खून का क़र्ज़’, ‘फरिश्ते’, ‘धरम संकट’, ‘गरजना’, ‘निश्चय’, ‘हमशक्ल’, ‘परंपरा’, ‘इंसानियत का देवता’, ‘इना मीना डीका’, ‘एक्का राजा रानी’ और ‘जन्म कुंडली’ हैं।

    साल 1997 में विनोद ने फिल्म ‘हिमालय पुत्रा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘पंकज पराशर’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘ए.सी.पी. सूरज खन्ना’ नाम के किरदार को दर्शाया था।

    साल 2001 में विनोद ने फिल्म ‘दीवानापन’ में अभिनय किया था जिसके निर्देशक ‘आशु त्रिखा’ थे। फिल्म में मुख्य किरदारों को अर्जुन रामपाल और दिया मिर्ज़ा ने अभिनय किया था। इस फिल्म में विनोद ने ‘रनवीर चौधरी’ नाम के किरदार को दर्शाया था। साल 2002 में विनोद को फिल्म ‘क्रांति’ और ‘लीला’ में देखा गया था। साल 2004 में भी विनोद ने फिल्म ‘भोला इन बॉलीवुड’ में अभिनय किया था।

    साल 2009 में विनोद खन्ना ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘वांटेड’ में दिखाई दिए थे। इस फिल्म में मुख्य किरदार को सलमान खान और आयशा टाकिया ने अभिनय किया था और फिल्म में विनोद ने सलमान के पापा ‘रिटायर्ड श्रीकांत शेख्वत’ नाम के किरदार को दर्शाया था।

    साल 2010 में भी विनोद ने सलमान खान की फिल्म ‘दबंग’ में उनके पिता का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अभिनव कश्यप’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘प्रजापति पांडेय’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसी फिल्म के दूसरे भाग ‘दबंग 2’ में भी विनोद ने इसी नाम के किरदार को दर्शाया था। दोनों फिल्मो को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।

    साल 2013 में विनोद ने फिल्म ‘रमैया वस्तावैया’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रभु देवा’ थे और फिल्म में विनोद ने ‘स्टेशन मास्टर’ का किरदार अभिनय किया था। फिल्म में मुख्य किरदार को श्रुति हासन और गिरीश कुमार ने अभिनय किया था। साल 2015 में विनोद ने फिल्म ‘दिलवाले’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘रणधीर बक्शी’ नाम के किरदार को दर्शाया था।

    विनोद खन्ना को आखरी बार फिल्म ‘एक थी रानी ऐसी भी’ में देखा गया था, जो की उनके दिहांत के बाद रिलीज़ हुई थी।

    विनोद खन्ना के पुरस्कार और उपलब्धियां

    • साल 1975 में फिल्म ‘हाथ की सफाई’ के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
    • साल 1999 में ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
    • साल 2005 में स्टारडस्ट अवार्ड्स द्वारा ‘रॉलेज़ मॉडल ऑफ़ द ईयर’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
    • साल 2007 में ज़ी सिने लाइफटाइम अचीवमेंट’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
    • साल 2017 में ‘दादासाहेब फाल्के अवार्ड्स’ से सम्मानित किया गया था।

    विनोद खन्ना का निजी जीवन

    विनोद खन्ना के लव लाइफ की बात करे तो उन्होंने अभिनेत्री ‘अमृता सिंह’ को डेट किया था। अमृता से मिलने से पहले ही विनोद ने अपनी कॉलेज की दोस्त ‘गीतांजलि’ से साल 1971 में शादी की थी। गीतांजलि और विनोद का एक बेटा है जिनका नाम ‘सक्षी खन्ना’ है और एक बेटी है जिसका नाम ‘श्रद्धा खन्ना’ है। साल 1985 में विनोद ने गीतांजलि से अलग होने का फैसला लिया था और दोनों ने एक दूसरे को तलाख दिया था।

    15 मई 1990 को विनोद ने बिज़नसवूमेन ‘कविता दफ्तरी’ से शादी की थी। दोनों के दो बेटे हैं जिनका नाम ‘राहुल खन्ना’ और ‘अक्षय खन्ना’ है। विनोद के यह दोनों बेटे अभिनेता हैं। विनोद के पसंदीदा चीज़ो की बात करे तो विनोद के पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार और मार्लोन ब्रांडो हैं। विनोद के पसंदीदा निर्देशक प्रकाश महरा, मनमोहन देसाई, राज खोसला और फिरोज खान हैं। विनोद का पसंदीदा रंग काला है।

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