Mon. Dec 23rd, 2024
    Nana Patekar Biography

    नाना पाटेकर भारतीय फिल्मो के जाने माने अभिनेता हैं। उन्होंने अपने अभिनय की वजह से बहुत कम समय में ही अपनी लोकप्रियता को बढ़ाया है। नाना पाटेकर ने हिंदी फिल्मो के अलावा कई सारे मराठी, तमिल और कन्नड़ फिल्मो में भी अपने अभिनय को दर्शाया है।

    नाना के द्वारा अभिनय किए गए फिल्मो की बात करे तो उन्होंने ‘आज की आवाज़’, ‘मोहरा’, ‘अवाम’, ‘परिंदा’, ‘अँधा युद्ध’, ‘प्रहार: द फाइनल अटैक’, ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘अंगार’, ‘तिरंगा’, ‘क्रांतिवीर’, ‘अग्नि साक्षी’, ‘शक्ति: द पावर’, ‘अब तक छप्पन’, ‘अपहरार’, ‘राजनीति’, ‘नटसम्राट’, ‘काला’ जैसी फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शाया है।

    नाना ने अपने अभिनय की वजह से कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम किया है और साथ ही भारतीय सिनेमा में उनके दिए गए योगदान की वजह से भी उन्हें कई सारे सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

    नाना पाटेकर का प्रारंभिक जीवन

    नाना पाटेकर का जन्म 1 जनवरी 1951 को मुरुद-जंजीरा, बॉम्बे स्टेट में हुआ था। उन्होंने एक मराठी परिवार में जन्म लिया था। नाना के पिता का नाम ‘गजानंद पाटेकर’ है जो पेशे से एक बिजनेसमैन रह चुके हैं। उनकी माँ का नाम ‘निर्मला पाटेकर’ है जो घर परिवार को सम्हालने का काम करती थीं। नाना के पिता का दिहांत दिल का दोहरा पड़ने की वजह से हुआ था। उस समय नाना की उम्र सिर्फ 28 साल की ही थी। नाना के 6 भाई थे जिनमे से दो का नाम ‘अशोक पाटेकर’ और ‘दिलीप पाटेकर’ था। अभी तक उनके पांच भाई का दिहांत हो चूका है।

    नाना ने अपने स्कूल की पढाई ‘समर्थ विद्यालय’, दादर वेस्ट, मुंबई और ‘बांद्रा स्कूल ऑफ़ आर्ट्स’, मुंबई से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ‘सर जे. जे. इंस्टिट्यूट ऑफ़ एप्लाइड आर्ट्स कॉलेज’, मुंबई से अपने ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी। नाना को अभिनय की रूचि अपने पिता की वजह से आई थी। नाना के पिता अक्सर उन्हें अभिनय करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे। नाना को भी बचपन से ही अभिनय करने का शौक था और इसलिए ही उन्होंने बहुत कम उम्र में स्टेज में अभिनय करना शुरू किया था।

    नाना पाटेकर का व्यवसायिक जीवन

    नाना ने अपने अभिनय की शुरुआत साल 1978 से शुरू की थी। उन्होंने सबसे पहले हिंदी फिल्म ‘गमन’ में अभिनय किया था, जिसमे उनके किरदार का नाम ‘वासु’ था। नाना ने कुछ फिल्मो में नकारात्मक किरदार भी दर्शाया है लेकिन उन्हें ज़्यादा तर फिल्मो में हीरो के किरदार को दर्शाते हुए ही देखा गया है।

    नाना ने इसके बाद, साल 1979 में अपना डेब्यू मराठी फिल्मो में किया था। उन्होंने उस साल मराठी फिल्म ‘सिंहासन’ में अभिनय किया था, जिसके निर्देशक ‘डॉ. जब्बर पटेल’ थे। साल 1980 से लेकर साल 1983 तक नाना ने एक साल में एक ही मराठी फिल्म में अभिनय किया था। उन फिल्मो के नाम ‘भालू’, ‘रघु मैना’ और ‘सावित्री’ था।

    साल 1984 में नाना ने एक बार फिर अपनी वापसी हिंदी फिल्मो में की थी। उन्होंने हिंदी फिल्म ‘आज की आवाज़’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘रवि चोपड़ा’ थे और फिल्म में नाना ने ‘जगमोहनदास’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को नाना पाटेकर, राज बब्बर और स्मिता पाटिल ने दर्शाया था।

    साल 1985 में नाना ने एक मराठी फिल्म में अभिनय किया था, जिसका नाम ‘गड जेजुरी जेजुरी’ था।

    साल 1986 में नाना ने तीन हिंदी फिल्म और एक मराठी फिल्म में अपने अभिनय को दर्शाया था। उस साल की हिंदी फिल्मो की बात करे तो सबसे पहली फिल्म का नाम ‘अंकुश’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘एन. चंद्र’ थे। फिल्म में नाना ने ‘रविंदर केलकर’ उर्फ़ ‘रवि’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस के बाद उन्होंने फिल्म ‘लॉर्ड माउंटबैटन: द लास्ट वाइसराय’ में ‘नाथूराम गोडसे’ नाम का किरदार अभिनय किया था।

    उस साल की उनकी तीसरी फिल्म मराठी फिल्म थी जिसका नाम ‘माफ़िका साक्षिदर’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज दत्त’ थे और फिल्म में नाना ने ‘राघवेन्द्रा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद साल का अंत नाना ने फिल्म ‘फांसी का फन्दा’ के साथ किया था। इस फिल्म में भी उनके किरदार का नाम ‘रघुवेंद्रा’ ही था।

    साल 1987 में नाना ने सबसे पहले हिंदी फिल्म ‘सत्रुधर’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘कुमार’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘मोहरे’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म में नाना ने ‘अब्दुल’ नाम के किरदार को दर्शाया था और फिल्म के निर्देशक ‘रघुवीर कुल’ थे। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इस फिल्म की वजह से नाना ने जनता के बीच अपनी लोकप्रियता को बढ़ावा दिया था।

    उस साल की नाना की सबसे लोकप्रिय फिल्म का नाम ‘अँधा युद्ध’ था जिसके निर्देशक ‘दयाल निहलानी’ थे। इस फिल्म में नाना के किरदार का नाम ‘एस. पि. सुहास दांडेकर’ था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इसके बाद उसी साल नाना ने फिल्म ‘प्रतिघाट’ और ‘अवाम’ में भी अपने अभिनय को दर्शाया था। दोनों ही फिल्मे बॉक्स ऑफिस में सफल फिल्मो की सूचि में जुडी थी।

    साल 1988 से साल 1990 में नाना ने फिल्म ‘त्रिशंगनि’, ‘सलाम बॉम्बे!’, ‘परिंदा’ और ‘थोडासा रूमानी हो जाएँ’ में अपने अभिनय को दर्शाया था। इन सभी फिल्मो में से फिल्म ‘परिंदा’ को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इस फिल्म में नाना ने ‘अन्ना सेठ’ का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और साथ ही इस फिल्म की वजह से नाना को दो बार ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का अवार्ड भी दिया गया था।

    उसी साल नाना ने एक फिल्म में अपने आवाज़ का भी इस्तेमाल किया था। उस फिल्म का नाम ‘जंगल बुक शोनेन मोगली’ था और इस फिल्म में नाना ने ‘शेरे खान’ के किरदार को आवाज़ दिया थी।

    साल 1991 में नाना ने एक निर्देशक के रूप में भी काम किया था। उनके द्वारा निर्देश की गई फिल्म का नाम ‘प्रहार: द फाइनल अटैक’ था। फिल्म में नाना ने अभिनय भी किया था और उनके किरदार का नाम ‘मेजर चौहान’ था। इस फिल्म में अभिनय करने के बाद नाना को एक अवार्ड के लिए नामांकित भी किया गया था।

    इसके बाद उसी साल नाना को दो और फिल्मो में देखा था। फिल्मो के नाम ‘दिशा’ और ‘दीक्षा’ थे।

    साल 1992 में भी नाना ने एक सुपरहिट फिल्म में अभिनय किया था। उस फिल्म का नाम ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ था। फिल्म के निर्देशक ‘अज़ीज़ मिर्ज़ा’ थे और फिल्म में नाना के किरदार का नाम ‘जय’ था। फिल्म में मुख्य किरदारों को शाहरुख़ खान, जूही चावला, अमृता सिंह और नाना पाटेकर ने दर्शाया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया।

    इसके बाद उसी साल नाना की दूसरी फिल्म को भी दर्शको ने बहुत पसंद किया था। उस फिल्म का नाम ‘अंगार’ था और फिल्म के निर्देशक का नाम ‘शशिलाल के नैयर’ थे। फिल्म में नाना ने ‘मजीद खान’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में अपने अभिनय की वजह से नाना ने दो अवार्ड्स को अपने नाम किया था।

    साल 1993 की हिट फिल्म का नाम ‘तिरंगा’ था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। फिल्म के निर्देशक ‘मेहुल कुमार’ थे और फिल्म में नाना ने ‘शिवाजिराओ वागले’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और क्रिटिक्स को भी फिल्म पसंद आई थी।

    साल 1994 में भी नाना की एक फिल्म ब्लॉकबस्टर फिल्मो की सूचि में दर्ज हुई थी। उस फिल्म का नाम ‘क्रांतिवीर’ था और फिल्म के निर्देशक ‘मेहुल कुमार’ थे। फिल्म में नाना ने ‘प्रताप नारायण तिलक’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में अभिनय के बाद नाम ने तीन ‘बेस्ट एक्टर’ के अवार्ड्स को अपने नाम किया था और साथ ही उस साल के सबसे लोकप्रिय अभिनेता के रूप में अपना नाम दर्ज भी किया था।

    साल 1996 की सुपरहिट फिल्म की बात करे तो उस साल नाना ने फिल्म ‘अग्नि साक्षी’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘पार्थो घोष’ थे। फिल्म को दर्शको ने पसंद किया था और क्रिटिक्स द्वारा भी फिल्म की तारीफ की गई थी। उसी साल की नाना की अगली फिल्म का नाम ‘खामोशी: द म्यूजिकल’ था जिसमे उन्होंने ‘जोसफ ब्रगांजा’ नाम का किरदार अभिनय किया था।

    साल 1997 की बात करे तो उस साल की शुरुआत नाना पाटेकर ने फिल्म ‘ग़ुलाम-ए-मुस्तफा’ के साथ की थी। फिल्म के निर्देशक ‘पार्थो गोष’ थे और फिल्म में नाना ने ‘ग़ुलाम-ए-मुस्तफा’ नाम का ही किरदार अभिनय किया था। उसी साल नाना को फिल्म ‘यशवंत’ में भी देखा गया था। इस फिल्म में नाना ने ‘यशवंत लोहार’ नाम का किरदार अभिनय किया था।

    साल 1998 और साल 1999 में नाना पाटेकर ने चार फिल्मो में अभिनय किया था जो की बॉक्स ऑफिस में ठीक ठाक पसंद की गई थीं। उन फिल्मो के नाम ‘युगपुरुष’, ‘वजूद’, ‘हु तू तू’ और ‘कोहराम’ था। इन सभी फिल्मो में से फिल्म ‘कोहराम’ को दर्शको ने थोड़ा ज़्यादा पसंद किया था। फिल्म के निर्देशक ‘मेहुल कुमार’ थे और फिल्म में नाना के साथ मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, डेेनि और तब्बू ने दर्शाया था। फिल्म में नाना के किरदार का नाम ‘मेजर अजित आर्य’ था।

    साल 2002 की बात करे तो उस साल नाना ने सबसे पहले फिल्म ‘वध’ में अभिनय किया था। फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘डॉ. अर्जुन सिंह’ था। इसके बाद नाना को फिल्म ‘शक्ति: द पावर’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘कृष्णा वामसी’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और नाना पाटेकर ने दर्शाया था। फिल्म में नाना के किरदार का नाम ‘नरसिम्हा’ था।

    साल 2003 में नाना ने तीन फिल्मो में अभिनय किया था जिनका नाम ‘भूत’, ‘डरना मना है’ और ‘आंच’ था। इन फिल्मो को दर्शको ने ठीक ठाक ही पसंद किया था।

    साल 2004 में नाना एक बार फिर एक ब्लॉकबस्टर फिल्म के साथ सिनेमा घरो में दिखे थे। इस फिल्म का नाम ‘अब तक छप्पन’ था और फिल्म के निर्देशक ‘शिमित अमिन’ थे। फिल्म में नाना के किरदार का नाम ‘इंस्पेक्टर साधु अगाशे’ था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और क्रिटिक्स ने फिल्म के साथ साथ नाना के अभिनय की भी बहुत सराहना की थी। नाना ने इस फिल्म के लिए भी ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड अपने नाम किया था।

    साल 2005 की शुरुआत नाना ने एक और सुपरहिट फिल्म के साथ की थी। उन्होंने उस साल फिल्म ‘अपहरण’ में अभिनय किया था जिसके निर्देशक ‘प्रकाश झा’ थे। फिल्म में नाना ने ‘तबरेज़ आलम’ नाम का किरदार अभिनय किया था और फिल्म में मुख्य किरदार को अभिनेता नाना पाटेकर, अजय देवगन और बिपाशा बसु ने दर्शाया था। इस फिल्म में नाना ने एक नकारात्मक किरदार अभिनय किया था।

    उसी साल नाना ने एक लम्बे समय बाद अपनी वापसी मराठी फिल्मो में की थी। नाना ने मराठी फिल्म ‘पक पक पकाक’ में अभिनय किया था, जिसमे उन्होंने ‘भूत्या’ नाम का किरदार अभिनय किया था।

    साल 2007 में नाना ने 5 फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शाया था। उस साल की नाना की सबसे पहली फिल्म का नाम ‘हैट्रिक’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मिलान लुथरिआ’ थे और फिल्म में नाना ने ‘डॉक्टर’ का किरदार अभिनय किया था। नाना को उसके बाद फिल्म ‘दस कहानियां’ में देखा गया था। इस फिल्म में नाना ने ‘गुब्बारे’ वाली कहानी में अभिनय किया था।

    साल 2007 की नाना की सुपरहिट फिल्म का नाम ‘वेलकम’ था। इस फिल्म में नाना ने ‘डॉन उदय शेट्टी’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक ‘अनीस बज़्मी’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को परेश रावल, अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, नाना पाटेकर और अनिल कपूर ने दर्शाया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में अपना नाम सुपरहिट फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।

    साल 2009 में नाना ने एक ही फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘हॉर्न ‘ओके’ प्लीज’ था।

    साल 2010 में नाना ने एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में अपने अभिनय को दर्शाया था। उस फिल्म का नाम ‘राजनीति’ था और फिल्म को प्रकाश झा द्वारा निर्देश किया गया था। इस फिल्म में नाना ने ‘ब्रिज गोपाल’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और साथ ही क्रिटिक्स द्वारा भी फिल्म को बहुत पसंद किया गया था।

    साल 2011 से साल 2014 तक नाना ने कुछ हिंदी तो वही कुछ मराठी फिल्मो में अभिनय किया था। उनमें से हिंदी फिल्मो के नाम ‘शगरीद’, ‘कमाल धमाल मालामाल’, ‘द अटैक्स ऑफ़ 26/11’, ‘इट्स माय लाइफ’ था और मराठी फिल्मो का नाम ‘देओल’, ‘डॉ. प्रकाश बाबा आम्टे: द रियल हीरो’, यशवंतराओ चवण: बखार एका वादळाची’ था।

    साल 2015 में नाना ने दो फिल्मो के दूसरे भागो में अभिनय किया था। उन फिल्मो के नाम ‘अब तक छप्पन 2’ और ‘वेलकम बैक’ था। इन दोनों फिल्मो में नाना पुराने किरदारों के नाम के साथ ही दिखाई दिए थे। फिल्मो को दर्शको ने ठीक ठाक पसंद किया था।

    साल 2017 में नाना ने फिल्म ‘वेडिंग एनिवर्सरी’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में नाना ने ‘नागार्जुन’ नाम के किरदार का अभिनय किया था। उसी साल नाना को फिल्म ‘गोलमाल अगेन’ में भी देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने अपना खुदका किरदार दर्शाया था।

    साल 2018 में नाना ने एक तमिल फिल्म में अभिनय किया था। उस फिल्म का नाम ‘काला’ था और फिल्म ने निर्देशक का नाम ‘पा. राजनीत’ था। फिल्म में नाना ने अभिनेता रजनीकांत के साथ अभिनय किया था और उनके किरदार का नाम फिल्म में ‘हरिदेव अभयंकर’ था।

    नाना के आने वाली फिल्म की बात करे तो उन्हें आगे फिल्म ‘तड़का’ में देखा जाने वाला है। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रकाश राज’ हैं और फिल्म में नाना के किरदार का नाम ‘तुकाराम’ होगा।

    पुरस्कार और उपलब्धियां

    नाना ने अपने अभिनय की वजह से अभी तक 20 से भी अधिक अवार्ड्स को अपने नाम किया है जिनमे से कुछ की जानकारी नीचे मौजूद है।

    • साल 2013 में ‘पद्मा श्री’ अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
    • साल 1990 में फिल्म ‘परिंदा’ के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का अवार्ड्स मिला था।
    • साल 1995 में फिल्म ‘क्रांतिवीर’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
    • साल 2003 में फिल्म ‘शक्ति: द पावर’ के लिए ‘बेस्ट विलन’ का अवार्ड मिला था।
    • साल 2004 में फिल्म ‘अब तक छप्पन’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर (हिंदी)’ का अवार्ड मिला था।
    • साल 2018 में फिल्म ‘काला’ के लिए ‘बेस्ट विलन – मेल’ का अवार्ड मिला था।

    नाना पाटेकर का निजी जीवन

    नाना पाटेकर ने ‘नीलकण्ठी’ से साल 1978 में शादी की थी। नीलकण्ठी पेशे से एक ‘बैंक ऑफिसर’ हैं। नाना के दो बेटे थे जिनमे से एक का दिहांत हो चूका है। उनके दूसरे बेटे का नाम ‘मल्हार पाटेकर’ है। नाना अपनी पत्नी से अलग रहते हैं। नाना के लव लाइफ की बात करे तो नाना का नाम सबसे पहले अभिनेत्री ‘मनीषा कोइराला’ से जुड़ा था। मनीषा के बाद नाना ने अभिनेत्री ‘आयेशा झुलका’ को किया था।

    नाना पाटेकर के पसंदीदा चीज़ो की बात करे तो उन्हें खाने में मटन, मलाई कबाब, प्रॉन्स और मछली कड़ी पसंद है। नाना की पसंदीदा अभिनेत्रियां स्मिता पाटिल और माधुरी दीक्षित हैं। उनके पसंदीद गायक ‘किशोर कुमार’ और ‘लता मंगेशकर’ हैं। नाना के पसंदीदा गाने की बात करे तो उन्हें ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर को ना’ गाना बहुत पसंद है।

    आप अपने सवाल और सुझाव नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    [ratemypost]

    One thought on “नाना पाटेकर की जीवनी”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *