अनिल कपूर भारतीय फिल्मो के जाने माने अभिनेता हैं। उन्होंने अपने अभिनय की वजह से ना केवल भारत की जनता से लोकप्रियता हासिल की है बल्कि उनको बाहर के कई देशो की जनता से भी प्यार और सम्मान मिलता रहा है। अनिल कपूर बॉलीवुड फिल्मो के सबसे हैंडसम अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं।
अनिल कपूर के द्वारा अभिनय किए गए फिल्मो की बात करे तो उन्होंने ‘शक्ति’, ‘मशाल’, ‘साहेब’, ‘मेरी जंग’, ‘इन्साफ की आवाज़’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘हिफाज़त’, ‘इन्तेक़ाम’, ‘राम लखन’, ‘कला बाजार’, ‘जमाई राजा’, ‘लाडला’, ‘जुदाई’, ‘बीवी न. 1’, ‘नायक’, ‘नो एंट्री’, ‘वेलकम’, ‘रेस’, ‘वांटेड’, ‘रेस 2’, ‘दिल धड़कने दो’, ‘वेलकम बैक’, ‘रेस 2’, ‘पागलपंती’ जैसी कई फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शाया है।
अनिल कपूर ने अपने अभिनय की वजह से कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम है। उन्होंने अपनी पहचान हिंदी सिनेमा में कुछ इस तरह बनाई है की उन्हें ‘एवरग्रीन हीरो’ कहा जाता है। अनिल कपूर की जोड़ी को सबसे ज़्यादा अभिनेत्री श्रीदेवी के साथ ही दर्शको ने पसंद किया है।
अनिल कपूर का प्रारंभिक जीवन
अनिल कपूर का जन्म 24 दिसंबर 1956 को बॉम्बे, बॉम्बे स्टेट में हुआ था। अनिल ने एक पंजाबी परिवार में जन्म लिया था। अनिल के पिता का नाम ‘सुरिंदर कपूर’ था जो पेशे से एक निर्माता थे। उनकी माँ का नाम ‘निर्मल कपूर’ था जो घर परिवार को सम्हालने का काम करतीं थीं। अनिल के एक बड़े और एक छोटे भाई है और साथ ही उनकी एक बहन भी हैं। अनिल के भाइयो के नाम ‘बोने कपूर’ और ‘संजय कपूर’ है और उनकी बहन का नाम ‘रीना कपूर’ है।
अनिल कपूर ने अपने स्कूल की पढाई ‘आवर लेडी ऑफ़ परपेचुल सुक्कूर हाई स्कूल’, मुंबई से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढाई पढ़ने के लिए ‘सट. सवियर्स कॉलेज’, मुंबई में दाखिला लिया था। कॉलेज से अनिल को उनकी अटेंडेंस कम होने की वजह से निकाल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने आगे ना पढ़ने का फैसला लिया था।
व्यवसाय जीवन
अनिल कपूर का फिल्मो का शुरुआती दौर
अनिल कपूर ने अपने अभिनय के व्यवसाय की शुरुआत साल 1979 से शुरू की थी। उनकी सबसे पहली फिल्म का नाम ‘हमारे तुम्हरे’ था, जिसमे उन्होंने ‘विपिन’ नाम का एक कैमिओ किरदार अभिनय किया था।
साल 1980 में अनिल ने मुख्य किरदार को दर्शाते हुए अपना डेब्यू तेलुगु फिल्मो में किया था। उस फिल्म का नाम ‘वंसा वृक्षम’ था। इसके बाद इसी साल अनिल को हिंदी फिल्म ‘एक बार कहो’ और ‘हम पांच’ में भी छोटे किरदारों को दर्शाते हुए देखा गया था।
साल 1983 में अनिल ने अपना डेब्यू कन्नड़ फिल्मो में किया था। इस फिल्म का नाम ‘पल्लवी अनु पल्लवी’ था। फिल्म में अनिल कपूर के किरदार का नाम ‘विजय’ था। इसके बाद अनिल ने हिंदी फिल्मो में मुख्य किरदार को दर्शन शुरू किया था। उसी साल अनिल को फिल्म ‘वह सात दिन’ में देखा गया था, जिसके निर्देशक ‘बापू’ थे। फिल्म में अनिल ने ‘प्रेम प्रताप पटइलावाले’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 1984 की शुरुआत अनिल कपूर ने फिल्म ‘मशाल’ के साथ किया था। इस फिल्म में अनिल ने ‘राजा’ नाम का किरदार अभिनय किया था और फिल्म के निर्देशक ‘यश चोपड़ा’ थे। फिल्म में मुख्य किरदार को दिलीप कुमार, वहीदा रेहमान, अनिल कपूर, गुलशन ग्रोवर, अमरीश पूरी जैसे कलाकारों ने अभिनय किया था।
इसके बाद उसी साल अनिल को फिल्म ‘अंदर बाहर’ में देखा गया था, जिसमे उन्होंने ‘राजा’ नाम का ही किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘लैला’ में ‘कुमार देशराज सिंह’ नाम का किरदार अभिनय करते हुए भी देखा गया था। साल का अंत अनिल कपूर ने फिल्म ‘लव मेर्रिज’ में ‘राजेश’ के किरदार को दर्शाते हुए किया था।
साल 1985 की अनिल की सुपरहिट फिल्म की बात करे तो उन्होंने उस साल फिल्म ‘मेरी जंग’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘सुभाष घई’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘अरुण वर्मा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म में मुख्य किरदारों को अनिल कपूर, मिनाक्षी शेषाद्रि, नूतन और अमरीश पूरी ने अभिनय किया था।
उसी साल अनिल ने फिल्म ‘साहेब’ में अभीनय किया था, जिसमे उन्होंने ‘सुनील शर्मा’ उर्फ़ ‘साहेब’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अनिल को फिल्म ‘युद्ध’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘पब्लिक प्रोसेक्यूटर अविनाश’ और ‘जूनियर’ का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अनिल ने फिल्म ‘मोहब्बत’ में ‘शेखर’ नाम का किरदार भी अभिनय किया था।
साल 1986 में अनिल ने कुल 8 फिल्मो में अभिनय किया था। उन फिल्मो के नाम ‘कहाँ कहाँ से गुज़र’, ‘प्यार का सिन्दूर’, ‘चमेली की शादी’, ‘आप के साथ’, ‘जांबाज़’, ‘प्यार किया है प्यार करेंगे’, ‘कर्मा’ और ‘इन्साफ की आवाज’ था। इन सभी फिल्मो में से केवल फिल्म ‘इन्साफ की आवाज़’ को दर्शको ने पसंद किया था। बाकी सभी फिल्मो को दर्शको ने फ्लॉप फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।
अनिल कपूर का फिल्मो का बाद का सफर
साल 1987 में अनिल कपूर को सबसे पहले फिल्म ‘इतिहास’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘वि. जोशी’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘विजय’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘हिफाज़त’ में अभिनय किया था, जिसमे उन्होंने ‘राम कुमार’ और ‘राज कुमार’ नाम के किरदारों को दर्शाया था।
उसी साल अनिल ने एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘मिस्टर इंडिया’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘शेखर कपूर’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘अरुण वर्मा’ और ‘मिस्टर इंडिया’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अनिल कपूर, श्रीदेवी और अमरीश पूरी ने दर्शाया था।
साल 1988 की शुरुआत अनिल ने फिल्म ‘राम – अवतार’ के साथ की थी। फिल्म में अनिल ने ‘अवतार’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘विजय’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘यश चोपड़ा’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘अर्जुन’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
उस साल अनिल को फिल्म ‘सोने पे सुहागा’ में भी देखा गया था जिसके निर्देशक ‘के. बपैअह’ थे। फिल्म में अनिल ने ‘रवि कुमार’ और ‘जोगिन्दर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उस साल की सुपरहिट फिल्म ‘तेज़ाब’ में भी अनिल कपूर ने अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘महेश देशमुख’ उर्फ़ ‘मुन्ना’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म में अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने मुख्य किरदार को दर्शाया था।
साल 1989 की बात करे तो उस साल अनिल ने फिल्म ‘राम लखन’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘इंस्पेक्टर लखन प्रताप सिंह’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उस साल की उनकी दूसरी हिट फिल्म का नाम ‘इश्वर’ था। इस फिल्म में अनिल ने ‘ईश्वरचंद विष्णुनाथ ब्रह्माण्ड’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
उसी साल अनिल कपूर ने फिल्म ‘आग से खेलेंगे’, ‘काला बाज़ार’ और ‘परिंदा’ नाम की फिल्म में भी अभिनय किया था।
साल 1990 की बात करे तो उस साल अनिल कपूर ने सुपरहिट फिल्म ‘घर हो तो ऐसा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘अमर’ नाम के किरदार को दर्शाया था। फिल्म के निर्देशक ‘कल्पतरु’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को अनिल कपूर और मिनाक्षी शेषाद्रि ने अभिनय किया था।
इसके बाद उस साल की दूसरी सुपरहिट फिल्म का नाम ‘जमाई राजा’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘ए. कोदंडारमि रेड्डी’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘राजा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 1991 में अनिल ने फिल्म ‘जिगरवाला’, ‘बेनाम बादशाह’, ‘प्रतिकर’ और ‘लम्हे’ में अभिनय किया था। इन सभी फिल्मो में से फिल्म जिगरवाला और लम्हे को दर्शको ने सबसे अधिक पसंद किया था। दोनों की फिल्मो को बॉक्स ऑफिस में ब्लॉकबस्टर फिल्मो की सूचि में दर्ज किया गया था।
साल 1992 की शुरुआत भी अनिल ने सुपरहिट फिल्म ‘बेटा’ के साथ की थी। इस फिल्म के निर्देशक ‘इंद्रा कुमार’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘राजू’ नाम के किरदार को दर्शाया था। उसी साल अनिल ने फिल्म ‘हमला’, ‘खेल’, ‘हीर राँझा’ और ‘अपराधी’ में अभिनय किया था।
साल 1993 में अनिल कपूर को दो ही फिल्मो में देखा गया था। इस फिल्मो के नाम ‘रूप की रानी चोरों के राजा’ और ‘गुरुदेव’ था। दोनों ही फिल्मो को दर्शको ने थोड़ा थोड़ा पसंद किया था।
साल 1994 से लेकर साल 1996 तक का सफर अनिल कपूर का अभिनय का सफर कुछ खास नहीं रहा था। उन्होंने इन तीन सालो के बीच कुल 8 फिल्मो में अभिनय किया था जिनमे से मात्र दो फिल्म को सफलता मिली थी। उन फिल्मो का नाम ‘त्रिमूर्ति’ और ‘राजकुमार’ था।
साल 1997 की बात करे तो उस साल की शुरुआत अनिल ने ब्लॉकबस्टर फिल्म के साथ की थी। उस फिल्म का नाम ‘जुदाई’ था जिसके निर्देशक ‘राज कँवर’ थे। फिल्म में अनिल कपूर ने ‘राज’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अनिल कपूर श्रीदेवी और उर्मिला मातोंडकर ने दर्शाया था। यह फिल्म दर्शको को बहुत पसंद आई थी।
उसी साल उन्होंने फिल्म ‘विरासत’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रियादर्शन’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘शक्ति ठाकुर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। उसी साल अनिल को फिल्म ‘दीवाना मस्ताना’ में भी देखा गया था।
साल 1998 में अनिल ने फिल्म ‘झूट बोले कौआ काटे’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘शंकर शर्मा’ और ‘रामउज’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। साल 1999 में भी अनिल सुपरहिट फिल्म ‘बीवी न. 1’ में दिखाई दिए थे। इस फिल्म में उन्होंने ‘लखन’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बात ही उन्हें फिल्म ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ में भी देखा गया था जिसे दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 2001 में अनिल कपूर ने फिल्म ‘नायक’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘शिवजी राओ’ नाम काकिरदार अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक ‘एस. शंकर’ थे और फिल्म में अनिल कपूर, रानी मुख़र्जी और अमरीश पूरी ने मुख्य किरदारों को दर्शाया था।
साल 2005 में भी अनिल कपूर दो बड़ी फिल्मो में दिखाई दिए थे। उस साल की पहली हिट फिल्म ‘नो एंट्री’ थी जिसके निर्देशक ‘अनीस बज़्मी’ थे। फिल्म में अनिल ने ‘किशन’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। उस साल की दूसरी हिट फिल्म का नाम ‘बेवफा’ था जिसके निर्देशक ‘धर्मेश दर्शन’ थे। फिल्म में अनिल ने ‘आदित्य सहाई’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 2007 में एक बार फिर अनिल ने ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘वेलकम’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अनीस बज़्मी’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘सागर पांडेय’ उर्फ़ ‘मजनू भाई’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदार को अक्षय कुमार और कैटरीना ने अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 2008 की बात करे तो उस साल अनिल को फिल्म ‘रेस’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अब्बास मस्तान’ थे और फिल्म में अनिल ने ‘इंस्पेक्टर रोबर्ट डी’कोस्टा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म में अक्षय खन्ना, अनिल कपूर, सैफ अली खान, कैटरीना कैफ और बिपाशा बसु ने अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 2010 में अनिल ने फिल्म ‘नो प्रॉब्लम’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अनीज़ बज़्मी’ थी और फिल्म में अनिल ने ‘इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2011 में अनिल ने अपना डेब्यू अंग्रेजी फिल्मो में भी किया था। उनकी पहली अंग्रेजी फिल्म का नाम ‘मिशन: इम्पॉसिबल- घोस्ट प्रोटोकॉल’ था। फिल्म में अनिल ने ‘ब्रिज नाथ’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2013 में अनिल फिल्म ‘रेस 2’ में दिखाई दिए थे। इस फिल्म में भी उन्होंने ‘इंस्पेक्टर रोबर्ट डी’कोस्टा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘शूटऑउट एट वडाला’ में अभिनय किया था जहाँ उनके किरदार का नाम ‘इंस्पेक्टर अफ्फाक़ भगरा’ था।
साल 2015 की शुरुआत अनिल ने फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ के साथ की थी। इस फिल्म में उन्होंने ‘कमल महरा’ नाम का किरदार अभिनय किया था और फिल्म की निर्देशक ‘ज़ोया अख्तर’ थीं। फिल्म को दर्शको ने पसंद किया था और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में अपना नाम सुपरहिट फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।
उसी साल उन्होंने एक और ब्लॉकबस्टर फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘वेलकम बैक’ था। इस फिल्म में उन्होंने ‘मजनू भाई’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में बेहतरीन कमाई के साथ अपना नाम सुपरहिट फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।
साल 2018 और साल 2019 में भी अनिल ने कई सारी सुपरहिट फिल्मो में अभिनय किया था जिनका नाम ‘रेस 3’, ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’, ‘टोटल धमाल’ और ‘पागलपंती’ था।
अनिल कपूर की आने वाली फिल्मो की बात करे तो उन्हें आगे फिल्म ‘मलंग’ और ‘तख़्त’ में देखा जायगा।
पुरस्कार और उपलब्धियां
अनिल कपूर ने अभी तक कुल 40 से भी अधिक अवार्ड्स को अपने नाम किया है। उनमे से कुछ की जानकारी निचे मौजूद है।
- साल 1985 में फिल्म ‘मशाल’ के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
- साल 1998 में फिल्म ‘विरासत’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
- साल 2000 में फिल्म ‘बीवी न. 1’ के लिए ‘बेस्ट कॉमेडियन’ का अवार्ड मिला था।
- साल 2009 में फिल्म ‘टशन’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल’ का अवार्ड मिला था।
- साल 2010 में ‘जीक्यू अवार्ड्स’ द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ का अवार्ड मिला था।
- साल 2016 में फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
अनिल कपूर का निजी जीवन
अनिल कपूर का नाम सबसे पहले अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के साथ जुड़ा था। इसके बाद उनका नाम अभिनेत्री ‘किमी कातकर’ के साथ भी सुनाई दिया था। हालांकि दोनों ही अफेयर्स की पुष्टि अनिल कपूर ने कभी नहीं की थी। अनिल ने डिज़ाइनर सुनीता भम्भानी कपूर को डेट किया था और उन दोनों ने 19 मई 1984 को शादी की थी। अनिल की दो बेटियां और एक बेटा है। उनकी बेटियों का नाम ‘सोनम कपूर‘ और ‘रिहा कपूर’ है और बेटे का नाम ‘हर्षवर्धन कपूर’ है।
अनिल के पसंदीदा चीज़ो की बात करे तो उन्हें खाने में गुजराती थाली, बैगन का भरता, मूली के पराठे, ग्रिल्ड चिकन और ग्रिल्ड मछली खाना पसंद है। अनिल कपूर के पसंदीदा अभिनेता राज कपूर और चार्ली चंपलीन है। अभिनेत्रियों में उन्हें रेखा, श्रीदेवी और कैटरीना कैफ पसंद है। अनिल का पसंदीदा रंग काला, सफ़ेद और लाल है। अनिल को खेलों में क्रिकेट का खेल सबसे अधिक पसंद है।
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