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    लहसुन के फायदे

    लहसुन का घरेलू औषधियों में एक महत्वपूर्ण स्थान है। पुराने ज़माने से ही लहसुन का उपयोग अनेक बीमारियों के उपचार में होता आ रहा है।

    लहसुन अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाते हैं।

    बहुत से लोग खाली पेट लहसुन खाना पसंद करते हैं।

    आइए देखते हैं कि लहसुन के फायदे क्या हैं और उसका क्या उपयोग है? लेकिन उससे पहले बात करते हैं कि लहसुन में किस प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

    लहसुन में निम्नलिखित प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं-

    1. ऊर्जा 149 कैलोरी
    2. विटामिन के – 15%
    3. विटामिन ए – 1%
    4. विटामिन सी – 31.2 मिलिग्राम
    5. रायबोफ़्लेविन 0.110 मिलीग्राम
    6. पायरोडॉक्सीन 1.235 मिलीग्राम
    7. सोडीयम 153 मिलिग्राम
    8. नियासिन 0.700 मिलीग्राम
    9. कोलेस्ट्रोल 0 मिलिग्राम
    10. कॉपर 0.299 मिलीग्राम
    11. ज़िंक 1.160 मिलीग्राम
    12. फ़ोस्फोरस 153 मिलीग्राम
    13. मैग्नीशियम 25 मिलीग्राम
    14. कैल्सीयम 181 मिलीग्राम
    15. पोटैशियम 401 मिलीग्राम
    16. फ़ाइबर 2.1 ग्राम
    17. पैनथोजेनिक ऐसिड 0.596 मिलीग्राम
    18. थीयमीन 0.200 मिलीग्राम

    लहसुन के फायदे

    1. मधुमेह में लाभकारी

    आईआईसीटी इंडिया के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया। उन्होंने लैब में मौजूद चूहों को लहसुन खिलाई और उन्होंने पाया कि चूहों में ग्लूकोज का स्तर तेज़ी से घट गया और चूहे इंसुलिन सेंसिटिव भी हो गए।

    इस प्रकार लहसुन मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर देता है।

    यह रक्त में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोस को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है और रक्त को गाढ़ा होने से बचाए रखता है।

    इस तरह रक्त का प्रवाह भी नियमित रहता है और शुगर का स्तर भी कम होता है।

    जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं उन्हें लहसुन खाना चाहिए।

    लहसुन ख़ासकर उन लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, जो मधुमेह से पीड़ित हैं और इंसुलिन के इंजेक्शन लेते हैं।

    लहसुन खाने से उनका शरीर इंसुलिन सेंसिटिव हो जाता है।

    2. पेट के लिए

    जो लोग जंक फूड या अस्वस्थ खाना खाते हैं उन्हें पेट की समस्याएं हो जाती हैं।

    उन्हें अक्सर पेट में दर्द, गैस, एसिडिटी कब्ज, दस्त, पेचिश व अन्य समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें लहसून काफ़ी फ़ायदा पहुँचा सकता है।

    लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं। ये पेट में सिर्फ़ उन्हीं बैक्टीरिया को रुकने देते हैं जो पाचन के लिए ज़रूरी हैं।

    जो बैक्टीरिया पेट और पाचन के लिए नुकसानदायक होते हैं लहसुन उन्हें पेट से बाहर निकालने में मदद करता है।

    इस तरह लहसुन पाचन से संबंधित परेशानियों को दूर कर देता है। जिन लोगों को पाचन-संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें सुबह ख़ाली पेट लहसुन का सेवन करना चाहिए। यह पेट की सफ़ाई करता है।

    3. ऑक्सीडेटिव तनाव में राहत

    लहसुन में पाए जाने वाले यौगिक डीएनए को डैमेज़ होने से बचाते हैं। ये ऑक्सीडेंटिव तनाव से होने वाले रोगों से शरीर की रक्षा करते हैं।

    ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए लहसुन में डायलेक्लसल्फाईइड पाया जाता है।

    अर्थेरोसक्लेरोसिस शरीर के लिए एक गंभीर समस्या है जोकि ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण होती है।

    इस रोग में धमनियों में कलेस्टरॉल का स्तर बढ़ जाता है और धमनियां संकरी हो जाती हैं। इस तरह रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है जिससे कि हृदय आघात या हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

    लहसुन अतिरिक्त ग्लूकोस को ऊर्जा में बदल देता है जिससे कि ये बढ़कर कलेस्टरॉल का रूप नहीं ले पाते हैं।

    इस तरह धमनियां बाधित होने से बच जाती हैं अतः लहसुन का सेवन करने से अर्थेरोसक्लेरोसिस से बचा जा सकता है।

    4. कैंसर से बचाव

    कैंसर से बचने के लिए लहसुन का प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह कैंसर की संभावनाओं को चमत्कारिक रूप से कम करता है।

    लहसुन में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है जो माईटोसिस और मियोसिस के दौरान चेक प्वायंट्स की कार्यविधि को नियमित करता है।

    इस तरह कोशिकाएं एक निश्चित क्रम में ही बढ़ती हैं और वे अनियंत्रित रूप से विभाजित नहीं होती हैं।

    कैंसर के उपचार के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने एक परीक्षण किया और उन्होंने यह पाया कि लहसुन पेट के कैंसर की 52% और ट्युमर की 33% संभावनाओं को कम करता है।

    5. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए

    लहसुन में विटामिन सी, विटामिन बी-6 और सेलेनियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं।

    अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण लहसुन संक्रमण से शरीर की रक्षा करता है।

    इसी कारण सर्दी, जुकाम या बहती नाक के उपचार के लिए लहसुन का प्रयोग किया जाता है।

    6. एंटीफंगल गुण

    लहसुन में पाए जाने वाले एंटीफंगल गुण त्वचा की फंगल इन्फ़ेक्शन से रक्षा करते हैं। कुछ लोग फंगल इन्फ़ेक्शन को गंभीरता से नहीं लेते हैं जोकि ग़लत हैं।

    फंगल इन्फ़ेक्शन अत्यंत घातक होता है क्योंकि आगे चलकर यह त्वचा कैंसर का रूप ले सकता है। इसलिए इससे बचाव ज़रूरी है।

    त्वचा पर फंगल इन्फ़ेक्शन दाद के रूप में भी हो सकता है। इसे ठीक करने के लिए लहसुन का उपयोग किया जाता है।

    त्वचा के जिस स्थान पर दाद हो रहा हो वहाँ पर लहसुन को कूचकर या पीसकर लगा देना चाहिए।

    7. रक्त में मौजूद शुगर कम करना

    जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो मोटापा, रक्तचाप और हृदय रोग की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

    रक्त में अतिरिक्त शुगर का होना अनेक रोगों के लिए एक खुला निमंत्रण है अतः इसे कम करना आवश्यक है।

    कुवैत के वैज्ञानिकों द्वारा एक परीक्षण किया गया। उन्होंने लैब में मौजूद कुछ जानवरों को उबली लहसुन खिलाई और कुछ को कच्ची लहसुन खिलाई।

    उन्होंने पाया कि कच्चे लहसुन खाना खाने वाले जानवरों के रक्त में शुगर का स्तर कम हो गया है जबकि उबली लहसुन वाले जानवरों पर कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ा।

    इस तरह हम देख सकते हैं कि कच्ची लहसुन शुगर को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    जो लोग अधिक शुगर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें कच्ची लहसुन का सेवन करना चाहिए।

    8. जुकाम व अस्थमा के लिए

    वैज्ञानिकों द्वारा यह पाया गया है कि लहसुन अस्थमा के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया की कार्यविधि को प्रभावित करता है।

    जुकाम के दौरान लहसुन खाने से जुकाम जल्दी ठीक हो जाता है।

    एक विशेष प्रकार का मस्टर्ड गार्लिक ऑयल जुकाम व अस्थमा के लिए प्रयोग किया जाता है।

    मस्टर्ड गार्लिक ऑयल को थोड़ा सा गरम करने के बाद इससे नाक, छाती व गले की मसाज की जाती है। इससे फेफड़ों और छाती में जमने वाला बलगम बाहर निकल जाता है।

    एक बात का विशेष रूप से ख़याल रखना चाहिए कि किसी भी उपचार को करने से पहले डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

    आपको जुकाम हो रहा हो तो आप लहसुन की दो चार ज़वे खा सकते हैं।

    लहसुन ब्रोंकाइटिस के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है।

    9. ऐलर्जी के विरुद्ध

    लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ़्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर में हो रही ऐलर्जी का उपचार करते हैं।

    यदि त्वचा पर कीड़े के काटने या किसी अन्य वस्तु के कारण ऐलर्जी हो रही हो तो लहसुन का प्रयोग करके ऐलर्जी का उपचार किया जा सकता है।

    त्वचा के जिस स्थान पर ऐलर्जी हो रही हो वहाँ पर लहसुन को पीस कर लगा दें। यह ऐलर्जी को पूर्णत: ख़त्म कर देगा।

    लहसुन ऐलर्जिक रायनाइटिस के कारण श्वसन नलिका में हो रही सूज़न को भी कम करता है।

    10. दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए

    दाँतों और मसूड़ों के दर्द से आराम पाने के लिए लहसुन का प्रयोग किया जाता है।लहसुन में एनाल्जेसिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।

    ये दर्द के लिए ज़िम्मेदार जीवाणुओं या जेर्म्स को नष्ट कर देते हैं। अगर आपके मसूड़ों या दाँतों में दर्द हो रहा हो तो कच्चे लहसुन को पीसकर दाँतों और मसूड़ों पर लगा लें।

    आप चाहें तो लहसुन का तेल भी लगा सकते हैं। यह भी दांतों और मसूड़ों के लिए फ़ायदेमंद होता है।

    11. हृदय रोगों की संभावना कम करने में

    चूँकि लहसुन रक्त में कलेस्टरॉल की मात्रा को कम करता है अतः इस प्रकार रक्त की सांद्रता कम हो जाती है।

    कलेस्टरॉल न होने से धमनियां बाधित होने से बच जाती हैं। इस तरह रक्त धमनियों में जमने नहीं पाता है और रोगों की संभावना कम हो जाती है।

    जब रक्त में ग्लूकोज या कलेस्टरॉल की मात्रा होती है तो हमारे हृदय को रक्त को शुद्ध करने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है।इस तरह हृदय पर काफ़ी प्रेशर पड़ता है जिससे कि हर हार्ट स्टोक की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हमें इन समस्याओं से बचने के लिए लहसुन का सेवन करना चाहिए।

    12. थरोमबोइम्बोलिस्म से बचाव

    जब हमें चोट लग जाती है तो हमारे शरीर से खून बहने लगता है। इस खून का रुकना आवश्यक होता है और इसलिए हमारी त्वचा की बाहरी परत पर फाइबर्स का एक जाल बिछ जाता है जो खून का थक्का जमा देता है।

    यह एक सामान्य और ज़रूरी प्रक्रिया है लेकिन अगर खून नसों में जमने लगे तो यह हानिकारक होता है।

    जब हमारे खून में वसा के कण होते हैं तो रक़्त की सांद्रता बढ़ जाती है। इस तरह नसों में ब्लड क्लॉटिंग होने लगती है।

    यह समस्या अत्यंत गंभीर होती है जिससे कि व्यक्ति की जान तक जा सकती है इसलिए इससे बचना ज़रूरी है।

    इससे बचने के लिए हमें लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि लहसुन रक्त की सांद्रता को कम करता है।

    इस तरह हम देख सकते हैं कि लहसुन हमारे लिए कितना फ़ायदेमंद है लेकिन इसका ज़्यादा प्रयोग हमें कुछ नुक़सान भी करता है।आइए इसके नुक़सानों पर एक छोटी सी चर्चा करते हैं।

    लहसुन के नुकसान

    1. शरीर से बदबू आना

    अगर लहसुन का अधिक सेवन किया जाए तो पसीने से अत्यधिक बदबू आने लगती है और यह शरीर का तापमान भी बढ़ाता है।

    2. माइग्रेन की समस्या को बढ़ाना

    जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है उन्हें लहसुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो उनका दर्द बढ़ सकता है।

    3. महिलाओं के लिए

    लहसुन योनि को संक्रमण से बचाता है किंतु यदि इसका अधिक प्रयोग किया जाए तो यह हानिकारक होता है। यह योनि का पीएच/PH असंतुलित कर सकता है।

    4. लीवर के लिए

    लहसुन का अत्यधिक प्रयोग लीवर के लिए हानिकारक होता है।

    लहसुन का अधिक प्रयोग करने से लीवर को ज़्यादा काम करना पड़ता है इससे इसके डैमेज होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

    5. पेट के लिए

    लहसुन वैसे तो पेट की कई समस्याओं से राहत देता है लेकिन इसका ज़्यादा उपयोग हानिकारक होता है। यह पेट में गैस की समस्या उत्पन्न कर सकता है।

    6.  सीने में जलन और उल्टी

    लहसुन के अधिक प्रयोग से चक्कर आने लगते हैं और पेट में गैस व सीने में जलन होने लगती है। कभी कभी तो उल्टियां भी होने लगती हैं।

    7.  निम्न रक्तचाप की समस्या

    वैसे तो लहसुन रक्तचाप नियमित करता है लेकिन अगर इसका ज़्यादा प्रयोग किया जाए तो निम्न रक्तचाप की समस्या हो जाती है। इसलिए इसके अधिक प्रयोग से बचना चाहिए।

    8. आँखों के लिए

    जो लोग अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन करते हैं उन्हें आँख-संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। लहसुन के अधिक सेवन से हाईफ़ेमा नामक रोग हो जाता है।

    9. शरीर का तापमान बढ़ाना

    लहसुन के अधिक सेवन से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इस तरह शरीर के अंगों की क्रिया-प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

    ऐसे में बुखार की समस्या हो सकती है इसलिए लहसुन का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए।

    10. त्वचा की समस्याएँ

    लहसुन त्वचा की अनेक समस्याएं जैसे दाद या ऐलर्जी को ठीक करता है लेकिन इसका अधिक सेवन त्वचा को नुक़सान पहुँचाता है।

    लहसुन के अधिक सेवन से त्वचा पर लाल चकत्ते व धब्बे पड़ जाते है। त्वचा पर जलन और खुजली भी हो सकती है।

    इस प्रकार लहसुन फायदों के साथ-साथ कुछ नुक़सान भी पहुँचाता है।

    लहसुन के फायदे और नुक़सान उसकी मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसलिए हमें यह निश्चित कर लेना चाहिए कि हम इसकी बहुत अधिक या बहुत कम मात्रा प्रयोग न करें।

    लहसुन के उपयोग

    लहसुन कच्चा और पक्का दोनों तरह से खाया जाता है।

    इसका प्रयोग सब्ज़ियों, अचारों व अन्य खाद्य सामग्रियों में किया जाता है। अगर त्वचा या बाल से संबंधित परेशानियाँ है तो लहसुन को कच्चा खाया जाता है।

    यदि त्वचा पर दाद हो तो कच्चे लहसुन को पीसकर त्वचा पर लगाया जाता है।

    अगर तेज़ी से बाल झड़ रहे हो तो भी कच्चे लहसुन को पीसकर बालों की जड़ों से लगाया जाता है।

    पकाने की वजह से लहसुन के कई लाभदायक गुण नष्ट हो जाते हैं इसलिए बेहतर है लहसुन को कच्चा ही खाएँ।

    लहसुन के फ़ायदे लेने के लिए सुबह ख़ाली पेट इसे खाना सबसे उत्तम होता है। ख़ाली पेट लहसुन के 2 गिरी पानी के साथ लें। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होता है।

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