गर्दन की किसी भी मांसपेशी में ऐंठन आने के कारण आपको गर्दन का दर्द परेशान करने लगता है। गर्दन का दर्द अक्सर एक जटिल समस्या बन जाता है।
गर्दन में दर्द होने पर आपके कन्धों के आस पास भी दर्द होने लगता है और आप बहुत ही असहज महसूस करने लगते हैं। इससे आपकी गर्दन सुन्न पड़ जाती है, ऐंठन आ जाती है और खाने में भी परेशानी होने लगती है।
गर्दन में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। इसमें गलत मुद्रा में सोना, तनाव, अधिक समय तक लेटे रहना, नर्म बिस्तर पर लेटना आदि शामिल होते हैं।
कई बार गर्दन की नस दबना भी एक कारण हो सकता है। गर्दन की नस में दर्द होनें से काफी पीड़ा होती है।
इस दर्द से निपटने का सबसे अच्छा उपाय ये होता है कि आप इस दर्द के उभरने से पहले ही इसका इलाज कर लें। आइये आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताते हैं जिनसे आपकी गर्दन का दर्द गायब हो जायेगा।
1. सेब का सिरका
सेब का सिरका गर्दन के दर्द को भगाने के लिए सबसे उपयोगी घरेलू उपायों में से एक होता है।
इसमें मौजूद एंटीओक्सीडैन्ट और एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व गर्दन में मौजूद किसी भी प्रकार का तनाव एवं खिंचाव दूर करते हैं और आपको दर्द से राहत दिलाते हैं। (सेब का सिरका बनाने की विधि)
सामग्री:
- सेब का सिरका
- पेपर नैपकिन या टिश्यू
कैसे इस्तेमाल करें?
- नैपकिन को सेब के सिरके में भिगोकर अपनी गर्दन पर लगायें। .
- इसे एक घंटे तक लगा रहने दें।
इसे दिन में दो बार लगायें जब तक आपको दर्द से छुटकारा नहीं मिल जाये।
(सम्बंधित: सेब का सिरका के फायदे)
2. मसाज(मालिश)
मसाज अथवा मालिश से आपके शरीर के किसी भी अंग का दर्द ठीक किया जा सकता है। प्रभावित स्थान पर हलके हाथ से मालिश करें ताकि वहां का रक्त चाप सुधर जाये। मालिश करने से आपको नींद भी अच्छी आती है। इसके लिए आप नारियल का तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सामग्री:
- नारियल का तेल, सरसों का तेल या ओलिव ओइल
कैसे इस्तेमाल करें?
- गर्म पानी से स्नान करके अपने शरीर को अच्छी तरह पोंछ लें।
- एक बड़ा चम्मच तेल को हल्का गर्म कर लें और इससे गर्दन पर मालिश करें।
- कुछ देर के लिए उँगलियों से गोल दिशा में मालिश करें।
इसे हर सुबह करें। यदि दर्द अधिक हो तो आप इसे दिन में दोहरा भी सकते हैं।
(सम्बंधित: नारियल का तेल के फायदे)
ध्यान रखें
यदि प्रभावित स्थान पर दर्द अधिक हो तो उस पर ज्यादा जोर न लगायें।
3. बर्फ
बर्फ से आपकी गर्दन में मौजूद सूजन कम हो जाती है। इसके ठन्डे प्रभाव से आपको तकलीफ से आराम मिलता है।
सामग्री:
- बर्फ के टुकड़े
- एक छोटा तौलिया
या
- बर्फ का पैक
कैसे इस्तेमाल करें?
- बर्फ के टुकड़ों को तौलिये में रखकर इसे प्रभावित स्थान पर रखें।
- आप बर्फ के पैक को ठंडा करके भी अपनी गर्दन पर रख सकते हैं।
- इसको कुछ मिनट तक रखा रहने दें।
इसे प्रक्रिया को दिन में 3-4 बार दोहराएं।
4. सेंधा नमक
सेंधा नमक में सल्फर और मैग्नीशियम पाया जाता है जो शरीर में विभिन्न एंजाइम के प्रवाह को संतुलित करता है। ये रक्त चाप सुधारकर तनाव और मास्पेशियो के खिंचाव को कम करता है।
सामग्री:
- 1-2 कप सेंधा नमक
- गर्म पानी
- बाथटब
कैसे इस्तेमाल करें?
- बाथटब को गर्म पानी से तीन चौथाई भर लें और फिर उसमें सेंधा नमक डाल लें।
- नमक को पानी में मिला लें और इसमें 10-15 तक भिगो लें।
इस प्रक्रिया को दिन में दो बार इस्तेमाल करें।
5. गर्दन का कॉलर
गर्दन के कॉलर से आपकी गर्दन को सहारा मिलता है जिससे वह सीधी रहती है और दर्द से छुटकारा पाना आसान हो जाता है। जब गर्दन में चोट लगी होती है तो ये कॉलर आपकी एक सामान रखने में सहायक होता है।
सामग्री:
- गर्दन का कॉलर
कैसे इस्तेमाल करें?
- गर्दन के कॉलर को गर्दन पर लगा लें जब तक दर्द कम न हो जाये।
- नियमित अंतराल पर इसे हटाकर अपनी मांसपेशियों को स्ट्रेच करें।
इस कॉलर को ज़रुरत के अनुसार इस्तेमाल करें।
6. व्यायाम
व्यायाम से आपके गर्दन के दर्द में बहुत आराम मिलता है। स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम करने से आपकी गर्दन में लचीलापन आ जाता है और मांसपेशियों की ऐंठन भी चली जाती है।
पेट की मांसपेशियों के कमज़ोर होने से आपकी पीठ झुक जाती है जिससे आपकी गर्दन भी झुकने लगती है और इसमें खिंचाव और दर्द बढ़ जाता है।
बेंट नी कर्ल्स जैसे व्यायाम करने से आपके पेट की मांसपेशियां सशक्त हो जाती हैं। अपने गर्दन के दर्द की समस्या को आप कुछ व्यायाम करके दूर कर सकते हैं। कुछ ऐसे ही व्यायाम निम्न हैं:
- अपने सिर को आगे से पीछे धीरे धीरे चलायें। इसके बाद इसको एक से दूसरी तरफ चलायें। ध्यान रखें कि आप इसे बहुत धीरे करें।
- एक बार जब आपकी मांसपेशियां ढीली पड़ जायें तो गर्दन को एक से दूसरी तरफ पूरी तरह ले जाएँ। इससे आपको दर्द हो सकता है तो धीरे करें।
- इस व्यायाम को 20 बार दोहराएं।
- इस व्यायाम को थोड़े अंतराल में कई बार करने से कुछ देर बाद आपके गर्दन की ऐंठन दूर हो जाएगी।
7. योग
अत्यधिक तनाव से मांसपेशियों में खिंचाव पैदा हो जाता है। गर्दन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए कोशिश करें कि आप अपने अन्दर तनाव उत्पन्न करने वाले स्रोतों को पहचाने और उसे कम करने का प्रयास करें। इसके लिए आप मैडिटेशन और योग जैसी तकनीकों का सहारा ले सकते हैं। नीचे दिए गये आसन आपको इस समस्या से निजात दिला सकते हैं:
- भारद्वाजसना: ये मुद्रा आपके कंधे और गर्दन की मांसपेशियों में तनाव कम करता है और दर्द से छुटकारा दिलाता है।
- मर्जरिअसन: यह मुद्रा को करने से आपकी रीढ़ और पीठ की मांसपेशियां स्ट्रेच होकर आपको गर्दन के दर्द में आराम देती हैं।
- उत्तना शिशोसना: ये मर्जरिअसन के सामान आपकी रीढ़ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और आपकी गर्दन और सिर तक रक्त चाप को सुधारता है।
- बालासन: इस आसन को करने से आपकी गर्दन और पीठ स्ट्रेच होती है जिससे आपके शरीर को आराम मिलता है। इस आसन को आप दूसरे आसनों के मध्य में कर सकते हैं।
- शवासन: ये आरामदायक मुद्रा होती है जो शरीर से तनाव दूर करता है और आपके शरीर को शांत करता है।
(सम्बंधित: मैडिटेशन करने के फायदे)
8. आवश्यक तेल
पुदीने के तेल में शरीर को आराम देने के गुण पाए जाते हैं और ये सरदर्द और शरीर के दर्द को दूर करने के लिए जाना जाता है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं।
लैवेंडर का तेल आपके मस्तिष्क और मांसपेशियों को आराम देता है और मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करता है। तुलसी का तेल एनलजेसिक गुणों से भरपूर होता है। सरू का तेल मांसपेशियों में आने वाली मोंच को ठीक कर देता है।
सामग्री:
- पुदीने के तेल की कुछ बूँदें
- लैवेंडर के तेल की कुछ बूँदें
- तुलसी के तेल की कुछ बूँदें
- सरू तेल की कुछ बूँदें
- 1 बड़ा चम्मच ओलिव ओइल
कैसे इस्तेमाल करें?
- सारे आवश्यक तेलों को मिला लें।
- इस मिश्रण की कुछ बूँदें हलके गरम ओलिव ओइल के साथ मिलाएं।
- इस तेल से गर्दन पर कुछ देर के लिए मालिश करें।
- आप इन तेलों को अकेले या साथ में इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इनके साथ ओलिव ओइल मिलाना न भूलें।
इसको दिन में दो बार लगायें।
9. एक्यूपंक्चर
एक्यूपंक्चर एक ऐसा तरीका होता है जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर नुकीली चीजें चुभोई जाती हैं। ये स्थान निर्धारित रहते हैं और कुछ इस प्रकार निर्धारित किये जाते हैं कि इनसे आपके दर्द में आराम मिले।
इन स्थानों पर जब दबाया जाता है तो ये शरीर में रक्त चाप सुधारते हैं और शरीर के संतुलन को भी ठीक कर देते हैं। ये अत्यधिक इस्तेमाल की जाने वाला एक कारगार उपाय होता है। एक थेरापिस्ट से परामर्श ले लें और अपने गर्दन की नस के दर्द को एक्यूपंक्चर से ठीक कर लें।
10. विटामिन्स
विटामिन्स शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं। जब रक्त में इनकी मात्रा कम होने लगती है तो शरीर में कुछ समस्याओं का विकास होने लगता है। इनमें से ऐसी ही समस्या दर्द की है। ये दर्द इसकी तीव्रता के अनुसार कुछ देर के लिए भी हो सकता है या फिर लम्बा भी खिंच सकता है।
यदि आपको अक्सर गर्दन में दर्द की शिकायत रहती है तो निम्न विटामिन्स को अपने आहार में शामिल करें।
- विटामिन डी हड्डियों के विकास के लिए अत्यधिक उपयोगी होता है। जब शरीर में इसकी मात्रा कम हो जाती है तो शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द होने लगता है विशेषकर जोड़ों में।
- विटामिन बी काम्प्लेक्स एक प्राकृतिक एनलजेसिक होता है। ये न्यूरोपैथिक और मस्कुलोस्कैटल, दोनों ही प्रकार के दर्द को ठीक कर देता है।
- विटामिन सी एंटिनोसिस्टेपिव एजेंट होता है, जिसका अर्थ होता है कि ये दर्द की दहलीज को बढ़ा देता है। ये दर्द की दहलीज़ को बढ़ाकर दर्द को कम कर देता है।
ये भी पढ़ें:
- पथरी के दर्द के उपाय
- कमर का दर्द के घरेलु उपाय
- दांत का दर्द ठीक करने के उपाय
- सिरदर्द ठीक करने के उपाय
- पेट कम करने के घरेलु उपाय
main jab soke uthtaa hooon to mere gardan mein dard hotaa hia yah 2-3 ghante tak rehtaaa hai iskaa kyaa reason ho sakta hai?
naariyal aur sarson ke tel ke alawaa kon kon se tel hote hain jo hamen gardan ke dard se nijaat dilaa sakte hain?