अभिनेता कार्तिक आर्यन बॉलीवुड के नए सुपरस्टार हैं। अपनी फिल्म ‘प्यार का पंचनामा 2’ के 100 करोड़ क्लब में पहुचने के बाद उन्हें बॉलीवुड में असली स्टारडम मिलना शुरू हुआ और उसके बाद आई फिल्म ‘सोनू की टीटू की स्वीटी’ के बाद वह बॉलीवुड के मेनस्ट्रीम अभिनेताओं में शामिल हो गए।
अब तो नौबत यह आ चुकी है कि सिर्फ आम दर्शक ही नहीं बॉलीवुड कि कई अभिनेत्रियों को भी उनपर क्रश है। बॉलीवुड इंडस्ट्री का लगभग हर बड़ा अभिनेता और निर्माता कार्तिक के साथ काम करना चाहता है और फिलहाल उनके पास कई बड़ी फ़िल्में हैं।
कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘लुका छुप्पी’ जिसमें उनके अपोजिट कृति सेनोन हैं 1 मार्च को रिलीज़ होने वाली है। उनकी अगली फिल्म ‘पति पत्नी और वो’ कि भी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। कार्तिक इस समय इतने व्यस्त हैं कि उनके पास अपने परिवार को भी देने के लिए समय नहीं है।
लेकिन हर सफलता कि कहानी के पीछे एक लम्बे प्रयास की कहानी होती है। कार्तिक का सफ़र हमेशा से फिल्म जगत में ऐसा नहीं रहा है। उनके हाँथ काई बार असफलता लगी है जिससे वह निराश तो हुए पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
तो आइये आपको बताते हैं कार्तिक आर्यन का फ़िल्मी सफ़र।
एक समय ऐसा भी था जब कार्तिक, निर्देशकों को मेसेज तो करते थे पर उनके रिप्लाई नहीं आते थे। फिल्मों के भी ज्यादा आप्शन उनके पास नहीं होते थे और जो फ़िल्में उन्होंने की भी तो उनसे भी उतनी बड़ी सफलता और पहचान उन्हें नहीं मिल पाई और ऐसा लगभग 7 सालों से चलता आ रहा था।
शुरूआती दिनों कि बात करें तो कार्तिक आर्यन ग्वालियर की एक मिडिल क्लास फॅमिली में पले-बढ़ें हैं और उस दौरान उन्होंने अपने परिवार को पैसों कि कमी से जूझते देखा था और शायद इसीलिए अभिनेता बनने के अपने सपने को उन्होंने किसी से नहीं बताया।
कार्तिक को लगता था कि उनका परिवार इस सपने के बारे में जानकार गुस्सा होगा क्योंकि फिल्म जगत में ज्यादातर करियर अनिश्चित होता है और कार्तिक यहाँ पर किसी को जानते भी नहीं थे।
कार्तिक के घर वाले चाहते थे कि या तो वह डॉक्टर बने या इंजिनियर और कार्तिक ने भी इन कोर्सेज के लिए एक्साम्स दिए पर उन्होंने उन्ही कॉलेज के लिए अप्लाई किया जो सिर्फ मुंबई में थे ताकि वह पढ़ाई के साथ-साथ फिल्मों के ऑडिशन भी दे सकें।
कार्तिक कॉलेज बहुत कम जाते थे और इसी के चलते एक कॉलेज उन्हें छोड़ना भी पड़ा था क्योंकि वहां पर उपस्थिति देनी अनिवार्य थी। मुंबई में किसी भी कास्टिंग डायरेक्टर को नहीं जानने के कारण कार्तिक गूगल और फेसबुक पर ऑडिशन के बारे में सर्च किया करते थे।
कार्तिक ने लगभग 3-4 सालों तक सिर्फ और सिर्फ ऑडिशन दिए पर किसी में भी चुने नहीं गए थे और अंततः उन्हें एक विज्ञापन के लिए छोटा सा रोल मिल गया था जिसके लिए उन्हें 2500 रूपये भी मिले थे। यही उनकी पहली कमाई थी।
कार्तिक के लिए यह लम्हा भी खास है क्योंकि जिस Nickelodeon के लिए उन्होंने यह छोटा सा विज्ञापन किया था उसी के एक बड़े इवेंट को इस साल कार्तिक आर्यन ने होस्ट किया है तथा उनकी तरफ से इन्हें पुरष्कार भी प्राप्त हुआ है।
कार्तिक आर्यन को ऑडिशन के बारे में सबसे खराब चीज़ यह लगती थी कि लोग ऑडिशन देने के लिए भी नहीं कहते थे और सिर्फ शक्ल देखकर ही बाहर निकाल देते थे। उस समय कई बार कार्तिक बहुत निराश हुए और रोए भी पर इस बारे में कभी उन्होंने किसी से कुछ कहा नहीं।
पहली फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ के ऑडिशन का पता भी कार्तिक को गूगल के जरिये चला था और उन्होंने वहीँ से नंबर लेकर फिल्म निर्माताओं को कॉल किया और कहा कि मुझे लगता है आपलोग मुझे खोज रहे हैं। कार्तिक कि यह बात निर्माताओं को बड़ी पसंद आई और उन्होंने कार्तिक को ऑडिशन के लिए बुला लिया।
पर यह फिल्म इतनी आसानी से उन्हें नहीं मिली थी। ‘प्यार का पंचनामा’ के लिए कार्तिक आर्यन को लगभग 6 महीने तक ऑडिशन देने पड़े थे। उन्हें हर हफ्ते बुलाया जाता था और फिल्म के अलग-अलग सीन करने के लिए कहते थे।
6 महीनों बाद उन्होंने एक दिन कार्तिक को बुलाया और फेमस मोनोलौग सीन दिया और कहा कि यदि आप यह एक शॉट में कर पाएंगे तो यह फिल्म आपकी। वह मोनोलौग लगभग 6 पन्नों का था और कार्तिक ने उसे बखूबी कर दिखाया।
इसके बाद डायरेक्शन टीम के लोगों ने उठकर उनके लिए तालियाँ बजाई थीं और कहा था कि आप इस फिल्म में हैं।
‘प्यार का पंचनामा’ मिल जाने के बाद कार्तिक आर्यन ने अपने घर वालों को भी फिल्म के बारे में और अपने करियर के बारे में बता दिया था। पहले तो वे परेशान हुए थे लेकिन बाद में उन्होंने भी अपने बेटे के इस सपने को अपना लिया था।
फिल्म तो हिट हो गई थी लेकिन कार्तिक इस फिल्म से स्टार नहीं बने। पहली फिल्म के हिट रहने के बावजूद उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में लंबा संघर्ष करना पड़ा। इसके बाद कार्तिक ने ‘आकाशवाणी’, ‘कांची’, ‘गेस्ट इन लन्दन’ जैसी फिल्मों में काम किया। जो इतनी बड़ी हिट नहीं साबित हो सकी।
‘प्यार का पंचनामा 2’ के 100 करोड़ क्लब में पहुचने के बाद कार्तिक को पहचान मिली और ‘सोनू की टीटू कि स्वीटी’ के बाद असली स्टारडम।
इन फिल्मों के अलावा कार्तिक ने ‘सिलवट’ नाम कि एक शार्ट फिल्म भी कि है। वह मानते हैं कि इस समय वह अपने सपने को जी रहे हैं तथा आगे जितना हो सके ऐसे किरदार करना चाहते हैं जिससे दर्शक अपने-आप को जोड़ सकें और वह किरदार एक अभिनेता के रूप में उन्हें आगे बढ़ाए।
कार्तिक का सबसे बड़ा सपना था कि वह मुंबई में एक घर खरीद सकें और अपने माता-पिता को यहाँ ला सकें और इसी साल उनका यह सपना भी पूरा हो चूका है।
अपने पसंदीदा सुपरस्टार और उनके जीवन से जुड़ी ऐसी ही कुछ दिलचस्प कहानियां जानने के लिए पढ़ते रहिये ‘द इंडियनवायर हिंदी’
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