एयरटेल और वोडाफोन ने मुख्य शहरों में अपनी 4G सेवाएं शुरू कर दी हैं जोकि ग्राहक द्वारा पसंद की जा रही हैं। इसके साथ ही रिलायंस जिओ का मुकाबला करने के लिए वोडाफोन और एयरटेल जैसे प्रदाता बाज़ार में लगात्तार निवेश कर रहे हैं।
एयरटेल करेगा अपनी कवरेज में सुधार:
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक जिओ से बढती प्रतिस्पर्ध और घटते ग्राहकों को देखते हुए एयरटेल विभिन्न योजनाओं पर काम कर रहा है। इसी के अंग्तार्गत एयरटेल ने प्रीपेड प्लानों में बड़ा निवेश किया है। नयी साल की शुरुआत से कई नए प्रीपेड प्लान लांच किये हैं जिनमे से 1699 रूपए का वार्षिक प्लान भी एक है। हालांकि प्रीपेड प्लान के मूल्य में यह जिओ को टक्कर नहीं दे पा रहा है। अतः इसने अपने प्लानों के साथ नए ग्राहकों को अमेज़न प्राइम जैसी सुविधाएं भी देना शुरू की है।
इसके अलावा एयरटेल अपनी प्रदान की जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिश कर रहा है। ऐसा करने से ग्राहकों को अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिल पाएगी। ऐसा करने के लिए एयरटेल ने अपने 2100 MHz के बैंड लगाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
एयरटेल के कार्यकारी का बयान :
एयरटेल के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर ने इस पर बयान दिया है की एयरटेल ने अभी तक 10 सर्किल में अपने 900 MHz के 4G बंद लगा दिए है। इससे एयरटेल को अपने ग्राहकों की घर के अन्दर कनेक्टिविटी बढाने में मदद मिलेगी और इससे इन्टरनेट की स्पीड में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
एयरटेल अपने ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ सुविधा प्रदान करना चाहता है और यह उस योजना के अंतर्गत ही किया जा रहा है।
वोडाफोन की बढ़ रही मुश्किलें :
वोडाफोन को अपने मुंबई सर्किल के अलावा दुसरे सर्किल में 4G की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में मुश्किल हो रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इसके पुराने स्पेक्ट्रम टावर केवल 3G तक की कनेक्टिविटी को ही सपोर्ट करते हैं। वे 900 MHz के बैंड हैं एवं 4G LTE सेवा को सपोर्ट नहीं करते हैं।
इसके चलते वोडाफोन को कुछ मुश्किलों का सामना करना पद रहा है। हालांकि वोडाफोन ने उस टावर को बदलने का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया है और जल्द ही यह दुसरे सर्किल में 4G सेवाएं देना शुरू करेगा।