अली फैज़ल जिन्होंने ‘हैप्पी भाग जाएगी’, ‘सोनाली केबल’ और ‘फुकरे’ जैसी फिल्मों में काम किया है, उन्हें दुबई में होने वाले ‘जश्न-ए-रेख्ता’ में हिंदी फिल्मों में उर्दू भाषा का इस्तेमाल और इसके प्रचार के ऊपर बात करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
अली फैज़ल को उर्दू भाषा बहुत अच्छे से बोलनी और लिखनी आती है। यहाँ तक कि अपनी हॉलीवुड डेब्यू फिल्म ‘विक्टोरिया एंड अब्दुल’ में भी वे इंग्लैंड की रानी को उर्दू बोलना सिखाते हैं।
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इसलिए उन्हें इस समारोह में आमंत्रित किया गया था मगर जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले के बाद, उन्होंने वहाँ जाने से मना कर दिया। इस हमले के बाद वो सदमे में आ गए और उन्होंने आयोजकों से बात करके अपनी नाखुशी व्यक्त की और समारोह से अपना नाम पीछे ले लिया।
उनके मुताबिक, “कश्मीर में चल रही दुखद स्थिति और हमलो के बदले में, मेरा दिल हर जवान के परिवारवालों की तरफ जा रहा है। मैंने पहले ही मदद के लिए पूछ लिया है, ना केवल प्रार्थना करके अच्छे वक़्त की तलाश करो, बल्कि इस भयानक हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारवालों की मदद करो। और हाँ, इस समारोह का हिस्सा नहीं होना, कम से कम ऐसे वक़्त में तो नहीं क्योंकि हमारा देश शोक मना रहा है।”
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इससे पहले, जावेद अख्तर और शबाना आज़मी ने भी कराची में होने वाले साहित्य समारोह का निमंत्रण रद्द किया था। बॉलीवुड से कई दिग्गजों ने शहीदों के परिजनों के लिए दान दिया है।