अमोल पालेकर भारतीय फिल्मो के जाने माने निर्देशक, निर्माता और अभिनेता हैं। उन्होंने ना केवल हिंदी फिल्मो में भी अभिनय किया है बल्कि उन्होंने मराठी, मलयालम, कन्नड़, तेलुगु और बंगाली फिल्मो में भी अपने अभिनय को दर्शाया है। अमोल ने एक थिएटर अभिनेता के रूप में अपने अभिनय को दर्शाना शुरू किया था। इसके बाद उन्हें फिल्मो में अभिनय करते हुए देखा जाने लगा था। इसी के साथ उन्होंने फिल्मो को निर्देश और निर्मित करना भी शुरू कर दिया था।
अमोल पालेकर द्वारा अभिनय किए गए फिल्मो की बात करे उन्होंने ‘छोटी सी बात’, ‘भूमिका’, ‘सफ़ेद झूठ’, ‘गोल माल’, ‘दो लड़के दोनों लड़के’, ‘मेरी बीवी की शादी’, ‘जीना यहाँ’, ‘नरम गरम’, ‘रंग बिरंगी’, ‘तरंग’, ‘खामोश’, ‘बात बन गई’, ‘अक्स’ जैसी हिट फिल्मो में अभिनय किया है।
अमोल पालेकर का प्रारंभिक जीवन
अमोल पालेकर का जन्म 24 नवंबर 1944 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने एक मराठी परिवार में जन्म लिया था। अमोल के पिता का नाम ‘कमलाकर पालेकर’ था जो पेशे से पोस्ट ऑफिस में काम करते थे। उनकी माँ का नाम ‘सुहासिनी पालेकर’ था जो प्राइवेट कंपनी में काम करती थीं। अमोल की तीन बहने हैं जिनका नाम ‘रेखा पालेकर’, ‘उन्नति पालेकर’ और ‘नीलम पालेकर’ है।
अमोल ने अपने स्कूल की पढाई मुंबई के स्कूल से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ‘सर जमशेतजी जीजीभॉय स्कूल ऑफ़ आर्ट्स’, मुंबई से फाइन आर्ट के विषय में डिप्लोमा प्राप्त किया था। अमोल ने अपनी ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करने के बाद कुछ समय तक टाइप राइटर का काम किया था। इसके बाद उन्हें ‘बैंक ऑफ़ इंडिया’ में क्लर्क की नौकरी भी मिली थी, जिसे उन्होंने छोड़ कर अपनी चित्रकारी के हुनर को आगे बढ़ाने का फैसला किया था।
अमोल पालेकर का व्यवसाय जीवन
अमोल पालेकर का फिल्मो का शुरुआती सफर
अमोल पालेकर ने साल 1969 में अपने अभिनय के व्यवसाय की शुरुआत की थी। उन्होंने सबसे पहले मराठी फिल्म ‘बजीरोचा बेटा’ में अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें साल 1971 में फिल्म ‘शांतता! कोर्ट चालू आहे’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में किए गए उनके अभिनय से उन्हें लोगो ने पहचानना शुरू किया था।
साल 1974 में अमोल ने अपना डेब्यू हिंदी फिल्म में किया था। उनकी पहली हिंदी फिल्म का नाम ‘रजनीगंधा’ था जिसके निर्देशक ‘बासु चटर्जी’ थे। इस फिल्म में अमोल ने ‘संजय’ नाम के किरदार को दर्शाया था और फिल्म में मुख्य किरदार को अमोल पालेकर, विद्या सिन्हा और दिनेश ठाकुर ने अभिनय किया था।
साल 1975 में अमोल ने अपना डेब्यू तेलुगु फिल्मो में भी किया था। उनकी पहली तेलुगु फिल्म का नाम ‘जीवन ज्योति’ था जिसके निर्देशक ‘के. विश्वनाथ’ थे। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को शोभन बाबू, वाणीश्री, राजा बाबू, शुभा और रामप्रभा ने अभिनय किया था।
साल 1976 में अमोल ने सबसे पहले फिल्म ‘छोटी सी बात’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘बासु चटर्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘अरुन प्रदीप’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल अमोल को फिल्म ‘चितचोर’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक भी ‘बासु चटर्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘विनोद’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 1977 की शुरुआत अमोल ने फिल्म ‘घरोंदा’ के साथ किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘भीमसेन खुराना’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘सुदीप’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमोल पालेकर, ज़रीना वहाब, श्रीराम लागू और जलाल आगाह ने अभिनय किया था। उसी साल अमोल को फिल्म ‘भूमिका’ में भी अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘श्याम बेनेगल’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘केशव दलवी’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
उसी साल अमोल को फिल्म ‘अगर… इफ’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘इस्माईल श्रॉफ’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘अनिल अग्रवाल’ नाम के किरदार का अभिनय किया था। इसके बाद उस साल की अमोल की अगली फिल्म का नाम ‘टैक्सी टैक्सी’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘इरशाद’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘देव’ और ‘हीरो’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल अमोल को मराठी फिल्म ‘तूच माज़ी रानी’ और कन्नड़ फिल्म ‘कण्णेश्वरा रामा’ में भी अभिनय करते हुए देखा गया था।
अमोल पालेकर का फिल्मो का बाद का सफर
साल 1978 की शुरुआत अमोल ने फिल्म ‘दामाद’ के साथ की थी। इस फिल्म के निर्देशक ‘रजत रक्षित’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘शरद’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमोल और रनजीत कौर ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल अमोल ने फिल्म ‘सफ़ेद झूठ’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘बासु चटर्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘अमोल पालेकर’ उर्फ़ ‘रामु’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 1979 में अमोल ने फिल्म ‘बातों बातों में’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘बासु चटर्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘टोनी ब्रगांजा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमोल पालेकर, टीना अम्बानी और पर्ल पदमसी ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल अमोल ने ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘गोल माल’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘राम प्रसाद शर्मा’ और ‘लक्षमण प्रसाद शर्मा’ उर्फ़ ‘लकी’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
उसी साल अमोल ने फिल्म ‘दो लड़के दोनों लड़के’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘बासु चटर्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘हरी’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद अमोल को फिल्म ‘मेरी बीवी की शादी’ में ‘भगवंत कुमार बारतेंदु’ उर्फ़ ‘भागू’ नाम के किरदार को दर्शाते हुए देखा गया था। उसी साल की बाकी फिल्मे ‘सोल्वा सावन’, ‘बिन बाप का बेटा’, ‘मदर’ और ‘जीना यहाँ’ हैं।
साल 1980 में अमोल ने सबसे पहले फिल्म ‘आँचल’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अनिल गांगुली’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘किशन लाल’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमोल पालेकर, राजेश खन्ना, राखी, रेखा और प्रेम चोपड़ा ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल अमोल को फिल्म ‘अपने पराये’ में भी देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘बासु चटर्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘चन्द्रनाथ’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमोल पालेकर और शबाना आज़मी ने अभिनय किया था।
अमोल पालेकर का फिल्मो का सफल सफर
साल 1981 में अमोल ने फिल्म ‘नरम गरम’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘राम ईश्वर प्रसाद’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को दर्शाते हुए अमोल पालेकर, उत्पाल दत्त, स्वरुप सम्पत और शत्रुघ्न सिन्हा को देखा गया था। इसके बाद उसी साल अमोल को फिल्म ‘समीरा’ में भी देखा गया था जिसके निर्देशक ‘विनय शुक्ला’ थे।
उसी साल अमोल को फिल्म ‘अग्नि परीक्षा’ में अभिनय करते हुए भी देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘कमल मजूमदार’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘अलोक चौधरी’ और ‘रमेश खन्ना’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद अमोल को फिल्म ‘चेहरे पे चेहरे’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज तिलक’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘पीटर’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को संजीव कुमार, विनोद महरा, शत्रुघ्न सिन्हा, रेखा और सुलक्षना पंडित ने अभिनय किया था। साल के अंत में अमोल को फिल्म ‘प्लॉट न. 5’ में देखा गया था।
साल 1982 में अमोल ने फिल्म ‘जीवन धारा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘ताटिनेनी रमा राओ’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘आनंद भटनागर’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को रेखा, अमोल पालेकर, राज बब्बर, राकेश रोशन और डिंपल कपाडिया ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल अमोल को फिल्म ‘ओलंगाल’ में भी देखा गया था। यह फिल्म एक मलयालम फिल्म थी जिसके निर्देशक ‘बालू महेन्द्र’ थे।
उसी साल अमोल ने फिल्म ‘रामनगरी’ में अभिनय किया था। इसके बाद साल का अंत अमोल ने फिल्म ‘श्रीमान श्रीमती’ के साथ किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘विजय रेड्डी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘मधु गुप्ता’ नाम के किरदार को दर्शाया था। फिल्म में मुख्य किरदारों को संजीव कुमार और राखी ने अभिनय किया था और अमोल ने फिल्म में सहायक किरदार दर्शाया था।
साल 1983 में अमोल ने फिल्म ‘रंग बिरंगी’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘अजय शर्मा’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस में अच्छी कमाई की थी। उसी साल अमोल ने फिल्म ‘आश्रय’, ‘प्यासी आँखे’ और ‘छेना आछेन’ में भी अभिनय किया था।
साल 1984 में अमोल को सबसे पहले ‘तरंग’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘कुमार साहनी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘राहुल’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद उसी साल उन्हें फिल्म ‘आदमी और औरत’ में भी देखा गया था।
साल 1985 में सबसे पहले अमोल ने फिल्म ‘खामोश’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘विधु विनोद चोपड़ा’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘अमोल पालेकर’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी, अमोल पालेकर, सोनी राज़दान और पंकज कपूर ने अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल अमोल को फिल्म ‘झूठी’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में अमोल ने इंस्पेक्टर ‘कमल नाथ’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
साल 1986 में अमोल ने फिल्म ‘बात बन गई’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘भरत रंगाचारी’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘यशवंत राओ भोंसले’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1994 में अमोल ने एक लंबे समय के बाद अपनी वापसी फिल्मो में की थी। उनकी इस फिल्म का नाम ‘तीसरा कौन?’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘पार्थो घोषान्द’ थे और फिल्म में अमोल ने ‘सी. के. कदम’ नाम के किरदार को दर्शाया था। इसके बाद अमोल को साल 2001 में फिल्म ‘अक्स’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘डिफेन्स मिनिस्टर’ का किरदार अभिनय किया था।
साल 2009 में भी अमोल को मराठी फिल्म ‘समांतर’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘अमोल पालेकर’ थे और फिल्म में उन्होंने ‘केशव वाज़े’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
अमोल पालेकर द्वारा निर्देश की गई फिल्म
- साल 1981, फिल्म ‘आक्रित’
- साल 1985, फिल्म ‘अनकही’
- साल 1990, फिल्म ‘थोडासा रूमानी हो जाए’
- साल 1996, फिल्म ‘दायरा’
- साल 2001, फिल्म ‘ध्यास पर्वा’
- साल 2005, फिल्म ‘पहेली’
- साल 2006, फिल्म ‘क्वेस्ट’
- साल 2007, फिल्म ‘दमकता’
- साल 2009, फिल्म ‘समांतर’
- साल 2010, फिल्म ‘एंड वन्स अगेन’
- साल 2011, फिल्म ‘दूसर’
अमोल पालेकर के पुरस्कार और उपलब्धियां
- साल 1980 में फिल्म ‘गोल माल’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
- साल 1981 में फिल्म ‘अक्रियत’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला था।
अमोल पालेकर का निजी जीवन
अमोल पालेकर ने अपनी पहली शादी साल 1969 में लेखिका ‘चित्रा पालेकर’ के साथ की थी। अमोल और चित्रा की दो बेटियां हैं जिनका नाम ‘श्यामली पालेकर’ और ‘समीहा’ है। अमोल और चित्रा ने साल 2001 में एक दूसरे से अलग होने का फैसला लिया था। इसके बाद उसी साल अमोल ने ‘संध्या गोखाले’ से शादी की थी। संध्या और अमोल ने कुछ समय तक एक दूसरे को डेट भी किया था।
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