मौसम चाहे पतझड़ का हो या फिर आपके घर के आस पास धुल एकत्रित हो जाये, इस धूल से अक्सर आपको एलर्जी हो जाती है जो अत्यधिक असहनीय होती है।
विषय-सूचि
धूल के अलावा भी कई कारणों से एलर्जी हो सकती है। इससे आपको खांसी या छींक की समस्या हो जाती है।
एलर्जी के लक्षण
धूल से होने वाली एलर्जी के मुख्य लक्षण निम्न हो सकते हैं:
- बहती नाक
- छींकना और स्निफ़िंग
- आँखों में खुजली और लाली
- खुजली
- खांसी और घरघराहट
- सांस में परेशानी
- छाती में ऐठन
एलर्जी का इलाज
आइये जानते हैं कि एलर्जी ठीक करनें के घरेलु उपाय कौनसे हैं?
हल्दी करे एलर्जी का इलाज
हल्दी एलर्जी से निजात पाने का सबसे उपयोगी प्राकृतिक उपाय होता है। हल्दी में कर्कुमिन नामक तत्व पाया जाता है जो घबराहट से छुटकारा पाने में उपयोगी होता है।
ये शरीर में हिस्टामिन की मात्रा कम करता है जिसके होने से आपको एलर्जी होने का खतरा होता है। इसके अतिरिक्त इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो आपकी एलर्जी को संक्रमण बनने से रोकते हैं।
सामग्री:
- 1/2 चम्मच हल्दी
- 1 कप दूध
- 1 चुटकी मिर्च
- शहद (ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- हल्दी को दूध में डाल लें।
- इसे उबाल लें।
- शहद डालने से पहले इस मिश्रन को ठंडा होने दें।
- इस मिश्रण को पी लें।
इसे दिन में दो बार नियमित रूप से लें। (यह भी पढ़ें : हल्दी दूध पीने के फायदे)
एलर्जी में पीयें पुदीने की चाय
पुदीने में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो घुटन से बचाते हैं। इसमें मौजूद मेंथोल आपको छींक और बहती नाक से छुटकारा दिलाता है।
सामग्री:
- 1 चम्मच सूखी हुई पुदीने की पत्तियां
- 1 कप गर्म पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- पुदीने की सूखी पत्तियों को 10 मिनट तक पानी में उबालें।
- इसे छान लें और ठंडा होने दें।
- इसमें शहद डाल लें।
- इस मिश्रण को पी लें।
इसे दिन में तीन बार नियमित रूप से लें।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में एपिगॉलॉटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) नामक एक कैटेचिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और धूल एलर्जी और उसके लक्षण का इलाज करते हैं।
सामग्री:
- 1 ग्रीन टी बैग
- 1 कप गर्म पानी
- शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- ग्रीन टी बैग को गर्म पानी के कप में 5-10 मिनट के लिए डाल दें।
- इसमें शहद डालने से पहले देख लें कि ये ठंडी हो गयी हो।
- इस मिश्रण को पी लें।
इसे दिन में तीन-चार बार लें।
घी दिलाये एलर्जी से राहत
घी से आपकी नाक में परेशानी नहीं होती है और लगातार छींकों से छुटकारा मिलता है।
इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इसे एलर्जी के निवारण के लिए अत्यधिक प्रयोग में लाया जाता है।
सामग्री:
- 1/4 चम्मच घी
- गुड़(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- यदि आप लगातार बिना रुके हुए छींक रहे हैं तो घी का तुरंत सेवन कर लें।
- उच्चतम परिणाम के लिए आप घी में गुड़ मिला सकते हैं।
आपको जब भी ऐसे एलर्जी के दौरे पड़ें तब आप इसका सेवन कर सकते हैं।
नेटी पॉट
खारा स्प्रे नाक की जलन के लक्षणों को दूर करने के लिए एक पुरानी विधि है। एक नेटी बर्तन न केवल घबराहट को कम करता है बल्कि धूल से एलर्जी के कारण होंने वाली सूजन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
सामग्री:
- नेटी पॉट
- नमक वाला पानी
कैसे इस्तेमाल करें?
- अपने नेटी पॉट को नमक वाले पानी से भर लें।
- एक बेसिन के पास खड़े होकर अपनी नाक के एक नथने में ये पानी भर लें।
- इस पानी को दूसरे नथने से निकाल दें।
आप इसको नियमित रूप से दिन में 2-3 बार कर सकते हैं।
सेब का सिरका दे एलर्जी से छुटकारा
सेब के सिरके में एंटीमिक्रोबियल गुण होते हैं जिससे एलर्जी की उत्तेजना को रोका जा सकता है।
धूल की एलर्जी के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोर-खरीदी गई एंटीहिस्टामाइंस के बदले यह एक स्वाभाविक विकल्प है।
सामग्री:
- 2 चम्मच सेब का सिरका
- 1 गिलास गर्म पानी
- शहद(ऐच्छिक)
कैसे इस्तेमाल करें?
- सेब के सिरके को गर्म पानी में डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- आप इसमें स्वाद के लिए थोडा शहद भी डाल सकते हैं।
- इसका सेवन कर लें।
(सम्बंधित: सेब का सिरका बनाने की विधि)
आप इसको नियमित रूप से दिन में 2-3 बार लें।
एलो वेरा का इस्तेमाल एलर्जी में
एलो वेरा में एनलजेसिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण ये एलर्जी से होने वाली सूजन और दर्द को कम कर देता है।
सामग्री:
- 1/4 कप एलो वेरा का रस
कैसे इस्तेमाल करें?
- एलो वेरा के रस को पी लें।
आप इसको नियमित रूप से दिन में 2 बार लें। (एलो वेरा जूस कैसे बनाएं?)
डीहुमिडीफायर
डीहुमिडीफायर ऐसे यन्त्र होते हैं जो आपके वातावरण की हवा को सूखा बना देती है जिससे एलर्जी पैदा करने वाली धूल दूर रहती है।
धूल से होने वाली एलर्जी अक्सर धुल के कण के कारण होती है। इसलिए यह यंत्र धूल दूर रखने के लिए सबसे उपयोगी होता है और एलर्जी से भी बचाता है।
एलर्जी का इलाज शहद
यह मौसमी एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए मुख्य रूप से उपयोगी होता है क्योंकि कच्ची शहद के जरिये पौलेन की नियमित खपत होती रहती है जिसके नियमित उपयोग से व्यक्ति इसके प्रति कम संवेदनशील बन जाता है।
सामग्री:
- 2 चम्मच कच्चा शहद
कैसे इस्तेमाल करें?
- 2 चम्मच कच्चा शहद खा लें।
आप इसको नियमित रूप से दिन में 2 बार लें। (यह भी पढ़ें : शहद के औषधीय गुण)
आवश्यक तेल
नीलगिरी आवश्यक तेल
नीलगिरी के तेल के एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण एलर्जी और घबराहट की समस्या को दूर करता है। ये चिकित्सकीय गुण मुख्य रूप से तेल में युकलिप्टोल की उपस्थिति के कारण हैं।
सामग्री:
- नीलगिरी आवश्यक तेल की 3-4 बूँदें
कैसे इस्तेमाल करें?
- एक विसारक में नीलगिरी के तेल की बूँदें डालें और इनसे भाप ले लें।
आप इसको नियमित रूप से दिन में 1-2 बार लें।
लैवेंडर आवश्यक तेल
लैवेंडर में एंटीइंफ्लेमेटरी और एनलजेसिक गुण होते हैं जो धुल की एलर्जी जैसे श्वास सम्बन्धी समस्याओं को समाप्त कर देते हैं।
सामग्री:
- लैवेंडर आवश्यक तेल की 2-3 बूँदें
कैसे इस्तेमाल करें?
- एक विसारक में लैवेंडर के तेल की बूँदें डालें और इनसे भाप ले लें।
आप इसको नियमित रूप से दिन में 1 बार लें।
विटामिन्स
विटामिन सी अपने एंटीओक्सीडैन्ट गुणों के कारण जाना जाता है और एलर्जी से निजात पाने की स्थिति में ये सबसे अधिक उपयोगी साबित होता है।
इसका कारण यह है कि ये न सिर्फ हिस्टामिन को पैदा होने से रोकता है अपितु उनको जल्दी तोड़ने में भी सहायता करता है। आपको बता दें कि हिस्टामिन की मात्रा बढ़ने से ही एलर्जी होती है।
खट्टे फल और पत्तेदार सब्जियों युक्त भोजन से आपके आहार में विटामिन सी की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त आप अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर विटामिन सी के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
घरेलू पौधे
आप अपने घर में एलर्जी के इलाज में उपयोगी पौधे भी लगा सकते हैं। द्रकेन जैसे पौधे धुल को समेटकर रखने में बहुत ही अधिक फायदेमंद होते हैं।
बम्बू और लेडी पाम जैसे पौधे कीड़ों को दूर रखते हैं और वायु को शुद्ध करते हैं।
इसके अलावा आप तुलसी के पौधे को भी लगा सकते हैं। तुलसी आस-पास की वायु को शुद्ध बनाता है। (यह भी पढ़ें: तुलसी के पौधे के फायदे)
यह भी पढ़ें: तुलसी की चाय पीने के फायदे
वसाबी
वसाबी को जापानी हॉर्सडाडिश भी कहा जाता है। इसमें एलिल आइसोथियोसाइनेट नामक यौगिक होता है, जो बलगम प्रवाह को उत्तेजित करता है, जिससे धूल एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
अगर आपको वसाबी नही मिल रहा हो तो आप आम हॉर्सडाशिस का उपभोग भी कर सकते हैं।
सामग्री:
- 1/4 चम्मच बारीक कटी हुई वसाबी
कैसे इस्तेमाल करें?
- जब आपको एलर्जी के लक्षण महसूस हों तो आप बारीक कटी हुई वसाबी का प्रयोग कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप वसाबी का पेस्ट भी ले सकते हैं।
आपको जब भी ऐसे एलर्जी के दौरे पड़ें तब आप इसका सेवन कर सकते हैं।
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mere dhool se bahut allergy hai contact hote hi chhink aani shuru ho jaati hain kyaa ye ghar pe theek ho sakta hai ? sujhaav bataayein
hum allergy se raahat dilaane ke liye ghee ko kis prakaar se prayog kr sakte hain? kyaa ye sach mein asardaar hotaa hai?
हिस्टामिन ज्यादा हो जाने पर ठीक कैसे करे?