बोइंग और एयरबस ने मंगलवाल को बयान जारी करते करते हुए अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को खत्म करने की पैरवी की है।
इसे लेकर दोनों ही कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने चीन चल रहे एयर शो के दौरान अपने विचार रखे हैं।
हाल ही चीन ने बड़ी मात्रा में विमान अधिग्रहण का प्रोग्राम तय किया था, ऐसे में इन दोनों ही कंपनियों को डर है कि इस व्यापार युद्ध के चलते चीन अपने इस प्रोग्राम से पैर पीछे न खींच ले। अगर चीन ऐसा करता है, तो इन दोनों ही कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
गौरतलब है कि सोमवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने एक बयान में कहा है कि चीन अगले 15 वर्षों में करीब 40 हज़ार अरब डॉलर के उत्पाद व सेवाओं का आयात करेगा।
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शी जिनपिंग के इस बयान से एक ओर जहां अन्य विदेशी कंपनियाँ खुश हैं, वहीं अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध कि वजह से अमेरिकी कंपनियों में बेचैनी का माहौल बना हुआ है।
बोइंग के वाइस प्रेसिडेंट रिक एंडर्सन ने बतयन जारी करते हुए कहा है कि वो अमेरिका और चीन के नेताओं के साथ व्यापार संबंधी बातचीत करते रहेंगे।
वहीं एयरबस के एक शीर्ष अधिकारी जॉर्ज शू ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि वो चीनी हैं और उन्हे इस तरह के युद्ध बिलकुल भी पसंद नहीं हैं। इसके आगे उन्होने कहा है कि इस तरह से युद्ध में किसी कि जीत नहीं होती है।
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इसी के साथ एयरबस ने जनवरी में चीन के साथ हुए 184 एयरक्राफ्ट के सौदे पर भी मुहर लगने की उम्मीद जाहिर की है।
मालूम हो कि चीन अमेरिका और यूरोप से बड़ी तादाद में अपने देश के लिए हवाई जहाजों का आयात करता है।
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