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    ज़िम्बाब्वे रॉबर्ट मुगाबे

    ज़िम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने अपने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी जगह ज़िम्बाब्वे के नए राष्ट्रपति पद पर देश के पूर्व उपराष्ट्रपति रहे एमर्सन मननगागवा काबिज होंगे। एमर्सन राष्ट्रपति पद के लिए आज शपथ ले सकते हैं।

    एमर्सन को मुकाबे का उत्तराधिकारी काफी समय से माना जा रहा था। मुकाबे के बाद पार्टी और लोगों के बीच सबसे लोकप्रीय एमर्सन ही रहे थे। यदि ज़िम्बाब्वे का इतिहास उठाकर देखा जाए, तो एमर्सन की भूमिका इसमें काफी अहम् रही है।

    ज़िम्बाब्वे का पहले नाम रोड्सिया था लेकिन ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिलने के बाद इसका नाम ज़िम्बाब्वे हो गया था। एमर्सन मननगागवा ने 1960 के दशक में जब वे किशोरावस्था में थे तब अपने करियर की शुरूआत सफेद अल्पसंख्यक शासन के खिलाफ चल रही लड़ाई में शामिल होकर की।

    साल 1963 में एमर्सन ने मिस्र और चीन में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। इयान स्मिथ रोड्सियन शासन के खिलाफ गोरिल्ला सेनानियों में से एक सेनानी के रूप में उन्होंने लोकोमोटिव को उड़ाने के लिए उस पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद साल 1965 में उसे दोषी ठहराया गया।

    एमर्सन को 21 साल से भी कम उम्र में दी गई फांसी की सजा को 10 साल की जेल में बदल दी गई। राबर्ट मुगाबे सहित अन्य प्रमुख लोगों के साथ वो जेल में कैदी के रूप में रहे। जेल में बंद रहने के दौरान एमर्सन ने पत्राचार स्कूल के माध्यम से पढ़ाई की।

    साल 1975 में एमर्सन को जेल से रिहा किया गया, जिसके बाद वो जाम्बिया गए। यहां पर उन्होंने कानून की डिग्री पूरी की और प्रैक्टिस शुरू कर दिया। इसके बाद एमर्सन नए स्वतंत्र देश मोज़ाम्बिक गए, जहां वह मुगाबे के सहायक और अंगरक्षक थे। साल 1979 में वह मुगाबे के साथ लंदन गए जिसके बाद रोड्सिया का अंत हुआ और उसका नया नाम ज़िम्बाब्वे रखा गया।

    साल 1980 में ज़िम्बाब्वे ने स्वतंत्रता प्राप्त की जिसके बाद एमर्सन को सुरक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। तब से ही एमर्सन मननगागवा के सेना व सुरक्षा बलों के साथ घनिष्ठ संबंध है। साल 1983 में मुगाबे ने नेकोमो समर्थकों के खिलाफ क्रूर अभियान शुरू किया जिसमें ज़िम्बाब्वे के दक्षिणी प्रांतों में 10,000 से 20,000 नडेबेले लोगो की मौत हो गई थी।

    इसके लिए एमर्सन मननगागवा को व्यापक रूप से दोषी ठहराया गया। लेकिन एमर्सन ने इससे इंकार कर दिया। ज़िम्बाब्वे की राजधानी हरारे को हीरा व्यापार केन्द्र बनाने में एमर्सन का ही महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।

    हाल के वर्षों में एमर्सन मननगागवा ने खुद को अनुभवी नेता के रूप में खुद को पदोन्नत किया है जो जिम्बाब्वे में स्थिरता लाने का काम करेगा।

    कई विशेषज्ञों का मानना है कि ज़िम्बाब्वे को वापस से समृद्ध बनाने के लिए एमर्सन आवश्यक कदम उठा सकते है। सेना सहित ज्यादातर लोगों को भी एमर्सन पर भूरा भरोसा है।