पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार चीन की यात्रा करेंगे। पाकिस्तान विदेश विभाग के मुताबिक वह रणनीतिक वार्ता में शरीक होने और चीनी नेतृत्व के साथ सीपीईसी परियोजना और अन्य मसलो पर द्विपक्षीय साझेदारी की मज़बूती के लिए बातचीत करेंगे।”
पाक विदेश मंत्री की चीनी यात्रा
पाक विदेश विभाग ने कहा कि “शाह महमूद कुरैशी 17 से 20 मार्च तक चीन की यात्रा पर पहली पाकिस्तानी-चीनी विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के लिए जायेंगे। अन्य मामलों के साथ ही दोनों पक्ष क्षेत्रीय हालातों और बहुपक्षीय सहयोग के बाबत बातचीत करेंगे।”
इस दौरान कुरैशी चीन और पाकिस्तान के बीच विभिन्न आर्थिक और सुरक्षा से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। दोनों देश मसूद अजहर के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं।
सीपीईसी परियोजना पर रहेगी नजर
विदेश मंत्री कुरैशी चीन में सीपीईसी पर होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे और पाकिस्तान की ओर से सीपीईसी में होने वाले विवादों को सुलझाने की कोशिश करेंगे।
हाल ही में पाकिस्तान में सीनेट नें पाकिस्तानी सरकार से कहा था कि वह सीपीईसी से सम्बंधित जानकारियों को सार्वजानिक करे।
डॉन के मुताबिक एक विपक्षी नेता नें कहा, “सीनेट को सीपीईसी से सम्बंधित जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है? हमें अखबारों से इसके बारे में जानने को मिलता है, लेकिन सरकार कुछ नहीं बताती है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सीनेट को इससे सम्बंधित जानकारी दे।”
इसके अलावा हाल ही में यह भी खबर थी कि चीन को पाकिस्तान में स्थिति आतंकवादी संगठनों से खतरा है कि कहीं वे सीपीईसी परियोजनाओं पर हमला ना कर दें?
इस बारे में भी शाह महमूद कुरैशी चीनी अधिकारीयों को आश्वासन दिला सकते हैं कि चीनी निवेश पाकिस्तान में सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि “दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों से सम्बंधित सभी मामलों पर व्यापक चर्चा करेंगे, इसमें 60 अरब डॉलर की चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना भी शामिल हैं। विदेश मंत्री चीनी नेतृत्व से भी बातचीत करेंगे। विदेश मंत्री करीबी और व्यापक द्विपक्षीय संबंधों को तीव्रता प्रदान करेंगे और सीपीईसी के तहत आर्थिक व्यवसाय को गहरा करने का प्रयास करेंगे।”
सीपीईसी के तहत बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को शिनजियांग प्रान्त से जोड़ा जायेगा। यह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांशी परियोजना बीआरआई के तहत किया जायेगा।
आर्थिक परियोजना एक ढोंग
अमेरिकी विद्वान नें चीन-पाकिस्तान की सीपीईसी योजना के बारे में कहा कि “चीन के लिए सीपीईसी परियोजना अपनी सेना को मज़बूत करने के लिए एक भू-रणनीतिक संपत्ति है और पाकिस्तान इस कपट संधि में चीन के साथ सभी बलोच नागरिकों को मारने पर तुला हुआ है ताकि बलूचिस्तान और उसके संसाधन चीनी शोषण के लिए मुक्त हो जाए।”
चीन-पाक आर्थिक गलियारे में बीजिंग ने 62 अरब डॉलर का निवेश किया है। यह गलियारा पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त को चीन के शिनजियांग शहर से जोड़ेगा। अमेरिकी बुद्धिजीवी सी. क्रिस्टीन फेयर ने कहा कि “पाकिस्तान इस परियोजना के लिए एक बड़े कर्ज के गड्ढे में गिरता जा रहा है जो सिर्फ अमीरों के लिए ही फायदेमंद होगी। हमें अंदाज़ा भी नहीं है कि सीपीईसी की असल कीमत क्या है।”
क्रिस्टीन नें ANI को कहा कि “यह प्रोजेक्ट्स प्रतिद्वंदता के लिए नहीं स्थापित किया गया है, बल्कि चीन ने लागत तय की और पाकिस्तान ने कर्ज ले लिया है। पाकिस्तान चीन के साथ सभी बलोच नागरिकों को मारने के लिए मिला हुआ है ताकि बलोचिस्तान और उसके संसाधन का शोषण चीन के लिए आसान हो जाए।”