आजकल फिल्मो पर प्रतिबन्ध की मांग कर विवाद पैदा करना आम बात हो गयी है और अगर वो फिल्म राजनीतिक हो तो काम और भी आसान हो जाता है। ऐसे ही इस बार निशाने पर आई है ओमंग कुमार की फिल्म “पीएम नरेंद्र मोदी” जिसमे वर्तमान के प्रधामंत्री की कहानी दिखाई गयी है।
महाराष्ट्र टाइम्स की खबर के अनुसार, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की पार्टी महासचिव शालिनी ठाकरे ने कहा कि पिछले साल एमएनएस गुड़ी पड़वा बैठक के दौरान, पार्टी मुख्य राज ठाकरे ने इलज़ाम लगाया था कि भाजपा ने अक्षय कुमार की फिल्म ‘टॉयलेट:एक प्रेम कथा’ और ‘पैडमैन’ के लिए फंड प्रायोजित और व्यवस्थित किया था ताकी सरकारी योजनाओं का प्रचार हो सकें।
उन्होंने आगे कहा कि अभी इस घटना को एक साल भी नहीं हुआ है कि भाजपा ने फिर ऐसा कर दिया। फिर उन्होंने नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर प्रतिबन्ध लागू करने की मांग उठाई।
फिल्म पर चल रहे विवाद पर भी उन्होंने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि फिल्म के आधिकारिक पोस्टर के अनुसार, गीत जावेद अख्तर और समीर अनजान ने लिखे हैं मगर इसमें कोई सच्चाई नहीं है क्योंकि दोनों गीतकारो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस बात से इंकार कर दिया है और सांफ कर दिया है कि उन्होंने फिल्म के लिए एक गाना भी नहीं लिखा है।
उन्होंने ये उल्लेख किया है पार्टी समाज और दर्शकों के बीच एक भ्रम पैदा करना चाहती है और ऐसी छवि बनाना चाहती है कि फिल्म बिरादरी और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व का भी बड़े पर्दे पर मोदी के काम को दिखाने की तरफ झुकाव है। ऐसी फिल्में करने के पीछे का छिपा उद्देश्य अब स्पष्ट हो चुका है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण चित्रपट कर्मचारी सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर और ठाकरे ने मिलकर कहा कि पार्टी ऐसी गन्दी और गिरी हुई राजनीती के खिलाफ है और इसकी कड़ी निंदा करती है। उन्होंने अपने बयान में ये भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों का लोकसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य है।
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फिल्म 5 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है इसलिए ठाकरे और खोपकर ने कहा कि अगर सत्तारूढ़ पार्टी चल रहे आचार संहिता का खंडन करेगी तो वे ना केवल रिलीज़ पर रोक लगायेंगे बल्कि एमएनएस स्टाइल में भी उनसे निपटेंगे।
अब फिल्म की बात की जाये तो, संदीप एस सिंह के निर्माण में बनी फिल्म में विवेक ओबेरॉय, मनोज जोशी, जरीना वहाब, बरखा बिष्ट सेनगुप्ता और बमन ईरानी भी अहम किरदार निभा रहे हैं।