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    शशि थरूर: पीएमओ को 'फिलिप कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार' तुरंत वापस करना चाहिए, ये राष्ट्रीय शर्मिंदगी है

    कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार को मांग की कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पहला ‘फिलिप कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार’ लौटा देना चाहिए क्योंकि ये पुरुस्कार नकली है। एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए, थरूर ने कहा कि यह पुरस्कार ‘राष्ट्रीय शर्मिंदगी’ था।

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए, उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रचारकों को दलाली का पुरुस्कार दिया जाना चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा-“पीएमओ को इसे तुरंत वापस करना चाहिए। और बीजेपी के प्रचारकों को इसके बदले फिलिप कोटलर मार्केटिंग अवार्ड दिया जाना चाहिए।”

    ये विवाद सोमवार को खड़ा हुआ जब पीएम मोदी को वर्ल्ड मार्केटिंग समिट से फिलिप कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हालांकि आलोचकों ने पुरुस्कार की सच्चाई पर सवाल उठाया और विपक्षी नेता जैसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्लाह ने पीएम का पुरुस्कार मिलने पर मजाक बनाया।

    मंगलवार को, अब्दुल्लाह ने तंज कसते हुए कहा कि फिलिप कोटलर भविष्य का अल्फ्रेड नोबल होगा। ट्वीट कर उन्होंने लिखा-“फिलिप कोटलर भविष्य का अल्फ्रेड नोबल होगा। क्या सम्मान है।”

    इससे पहले गाँधी ने ट्वीट किया था-“मैं अपने प्रधानमंत्री को दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित ‘कोटलर राष्ट्रपति पुरस्कार’ जीतने पर बधाई देना चाहता हूँ। यहाँ तक कि, ये इतना प्रतिष्ठित है कि इसके पास कोई जूरी ही नहीं है, इससे पहले कभी नहीं दिया गया और अलीगढ़ की एक अनसुनी कंपनी द्वारा समर्थित है।”

    जबकि, विवादों के बीच, फिलिप कोटलर, एक प्रतिष्ठित मार्केटिंग गुरु, ने पीएम मोदी को दिए गए पुरुस्कार का बचाव करते हुए सफाई दी कि वह भारतीय मीडिया के साथ ‘गलतफहमी’ में शामिल थे। कोटलर ने मोदी को ये पुरुस्कार जीतने वाले पहले इन्सान बनने पर बधाई दी और कहा कि उन्हें ‘भारत के प्रति नेतृत्व और निस्वार्थ सेवा’ के लिए चुना गया था।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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