Wed. Apr 24th, 2024
    सबरीमाला मुद्दे पर केरल सरकार की कार्यवाई को पीएम मोदी ने बताया-'बेहद शर्मनाक'

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केरल की वाम सरकार और उसकी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सबरीमाला मुद्दे को ना सँभाल पाने के कारण जमकर सुनाया है। जबसे शीर्ष अदालत ने मासिक धर्म की हर महिला को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी है, तबसे केरल युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया है। और इन सब विरोध प्रदर्शन के बीच, जब दो महिलाओं ने आखिरकार मंदिर में प्रवेश कर लिया तो राज्य सरकार ने कहा कि वे कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए कर्तव्य बाध्य हैं।

    राज्य सरकार के इस स्टैंड के लिए, कई दक्षिण पंथी संगठनों ने सड़को पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा जो राज्य में अपनी जगह बनाना चाहता है, उसने भी हमले किये।

    कोल्लम में अपनी दो परियोजनाओं के अनावरण के लिए आये पीएम मोदी ने कहा-“सबरीमाला मुद्दे पर सीपीएम सरकार का आचरण इतिहास में किसी भी शासित सरकार का सबसे शर्मनाक कदम के रूप में जाएगा। हम जानते हैं कि सीपीएम सरकार ने कभी आध्यात्मिकता और धर्म का सम्मान नहीं किया मगर किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये इतना शर्मनाक हो जाएगा।”

    उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ जो अब विपक्ष में हैं, वो भी कोई ‘कम’ नहीं है। एक से ज्यादा स्टैंड होने के कारण, मोदी ने उन्हें अपने स्टैंड को सांफ कहने की चुनौती दी।

    नए साल के मौके पर, ANI को दिए इंटरव्यू में, पीएम मोदी ने सबरीमाला मंदिर मामले पर कहा कि ऐसे कुछ मंदिर हैं जिनकी अपनी परंपरा होती है जहाँ पुरुष नहीं जा सकते और पुरुष नहीं जाते हैं।

    उनके बयां पर सीपीएम ने भी पलटवार करने में वक़्त नहीं लगाया। उन्होंने ट्वीट के जरिये लिखा-“(पीएम) मोदी को मनुस्मृति या आरएसएस की शपथ के बजाए भारतीय संविधान को पढ़ना चाहिए, जिसे उन्होंने बरकरार रखने की शपथ ली है।”

    अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा-“श्री मोदी, आपकी पार्टी द्वारा बलात्कारी को बचाना शर्मनाक है, भाजपा नेताओं द्वारा सती को बचाना शर्मनाक है और देश के शीर्ष अदालत और संविधान को भाजपा सदस्यों द्वारा ठेंगा दिखाना शर्मनाक है। केरल को प्रतिगामी बलों द्वारा सांस्कृतिक सबक की जरुरत नहीं है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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