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    योगी आदित्यनाथ

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महीने 20 दिनों तक उत्तर प्रदेश से बाहर है। भाजपा नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छतीसगढ़ में चल रहे विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दुसरे नंबर पर है।

    हिंदूवादी विचारधारा, राजनीति में नवीनता का मूल्य और भीड़ खींचने की क्षमता के कारण विधानसभा क्षेत्रों में उनकी काफी मांग है।

    आदित्यनाथ ने नवम्बर में 3 राज्यों में अब तक 26 रैलियां की है। छतीसगढ़ में 6 रैलियां, मध्य प्रदेश में 9 रैलियां और 11 रैलियां राजस्थान में कर चुके हैं। मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में चुनाव समाप्त हो चुके हैं जबकि अभी तेलंगाना और राज्यस्थान में मतदान बाक़ी है।

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    इन विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और रमण सिंह ने जहाँ अपना फोकस विकास पर रखा वही आदित्यनाथ ने अपने तीखे भाषणों के जरिये हिंदुत्व की भावना को जगा कर भाजपा के लिए विकास + हिंदुत्व का समीकरण पेश कर विपक्ष के लिए मुश्किलें कड़ी करने की कोशिश की।

    मध्य प्रदेश में जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कांग्रेस को जीतने के लिए 90 फीसदी मुसलमान वोट की जरूरत  वाला वीडियो वायरल हुआ तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘कमलनाथ जी आप अपना अली रखिये, हमारे पास बजरंग बली है’ जैसे बयानों के जरिये कांग्रेस के कथित सेक्ल्युलरवाद का जवाब दिया।

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    आदित्यनाथ के हिंदूवादी भाषणों कि चर्चा तेलंगाना तक होती है। एआइएमआईएम नेता ओवैसी ने कहा था ‘लोग कहते हैं कि मैं भड़काऊ भाषण देता हूँ। क्या आपने उनके भाषण सुने है ? क्या आपने उनके भाषणों पर किसी भाजपा नेता को आलोचना करते देखा है?’

    दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के अपने राज्य से अनुपस्थित रहने पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में राज्य का शासन और प्रशासन बुरी तरह से ढह गया है। वो पूछते हैं, ‘ये राम राज्य का उदहारण है?

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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