पोषक तत्वों में विटामिन का एक महत्वपूर्ण स्थान है। शरीर में विटामिन्स की एक संतुलित या पर्याप्त मात्रा होना अनिवार्य है। यदि शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है तो शरीर अनेक रोगों से ग्रस्त हो जाता है।
इस लेख में हम विटामिन की कमी होने के लक्षण व निवारण पर एक विशेष चर्चा करेंगे।
आइए सबसे पहले विटामिन्स के प्रकारों के बारे में जानते हैं।
विटामिन्स के प्रकार
मुख्य रूप से विटामिन्स 13 प्रकार के होते हैं-
- थायमीन या विटामिन बी1
- राइबोफ्लेविन या विटामिन बी2
- नियासिन या विटामिन बी3
- पैंटोंथेनिक ऐसिड या विटामिन बी5
- पाइरडॉक्सीन या विटामिन बी6
- फ़ॉलिक ऐसिड या विटामिन बी9
- कोबलमिन या विटामिन बी12
- बायोटिन या विटामिन एच
- रेटिनॉएड या विटामिन ए
- अस्कोर्बिक ऐसिड या विटामिन सी
- कलसिफेरोल या विटामिन डी
- टोकोफेरोल या विटामिन ई
- विटामिन के
ये सभी विटामिन्स हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक होते हैं।
यदि हमारे शरीर में इनमे से किसी भी विटामिन की मात्रा संतुलित से कम हो जाए तो हमें रोगों का सामना करना पड़ता है।
आइए अब बात करते हैं कि विटामिन्स की कमी होने के क्या कारण हैं?
शरीर में विटामिन की कमी के कारण
शराब की लत
यदि आपको शराब की लत है तो आपके शरीर में विटामिन की कमी हो सकती है।
शराब के हानिकारक तत्व शरीर में मौजूद पोषक तत्वों के स्तर को घटा देते हैं। इस प्रकार शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है।
डायटिंग
डायटिंग करने का एक तरीक़ा होता है। आज कल लोग मोटापा कम करने के लिए खाना पीना एक दम छोड़ देते हैं। और तो और वे फल या सब्ज़ियों का भी सेवन नहीं करते हैं।
इस प्रकार शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है।
गर्भावस्था के दौरान उल्टी व दस्त
गर्भावस्था में महिलाओं को पोषक तत्वों की दुगुनी मात्रा की ज़रूरत होती है।
गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए विटामिन्स व अन्य पोषक तत्व एक प्रचुर मात्रा में आवश्यक होते हैं किन्तु उल्टी व दस्त होने पर महिला के शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है। (यह भी पढ़ें: गर्भावस्था में केला खाने के फायदे)
धूम्रपान
धूम्रपान करने से शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है।
धुआँ शरीर में मौजूद पोषक तत्व व विटामिन्स को जला देता है। फलस्वरूप शरीर में विटामिन्स का स्तर घट जाता है।
विटामिन की कमी होने के लक्षण
जब शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है तो शरीर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाता है-
- मधुमेह होना
- बुखार आना
- शरीर में संक्रमण होना
- दमा होना
- हृदय संबंधी समस्याएं होना
- गुर्दे में सूजन या समस्या होना
- तनाव होना
- कैन्सर होना
इस प्रकार हम देख सकते हैं कि विटामिन की कमी से शरीर में गंभीर रोग हो जाते हैं अतः शरीर में विटामिन्स की प्रचुर मात्रा होना अनिवार्य है।
प्रत्येक विटामिन का अपना एक महत्व है। यदि शरीर में उपरोक्त विटामिन में से किसी भी विटामिन की कमी हो जाती है तो शरीर अनेक प्रकार के रोगों से जूझने लगता है।
अब हम बात करेंगे कि किन विटामिन की कमी से रोग हो जाते हैं और उनके निवारण क्या हैं?
विटामिन की कमी से रोग
1. वर्णाधता या रात में अंधापन होना
यह रोग विटामिन ए की कमी के कारण होता है। जब शरीर में विटामिन ए की पर्याप्त से कम मात्रा होती है तो व्यक्ति रात के अंधेपन की समस्या से जूझने लगता है।
इस रोग में व्यक्ति को अंधेरे में या रात में दिखना बंद हो जाता है। कभी कभी उसे दिन में भी धुँधला दिखाई देता है।
इस प्रकार यह रोग अत्यंत गंभीर होता है और इससे छुटकारा पाना अनिवार्य है।
वर्णाधता से छुटकारा पाने के लिए शरीर में विटामिन ए की एक प्रचुर मात्रा होना ज़रूरी है। हमें विटामिन ए से भरपूर चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
गाजर, मूली और अन्य हरी सब्ज़ियों में विटामिन ए पाया जाता है। इन सब्ज़ियों का सेवन करके शरीर में विटामिन ए के स्तर को संतुलित किया जा सकता है।
2. बेरी बेरी
यह रोग विटामिन बी की कमी के कारण होता है।
इस रोग में व्यक्ति का मस्तिष्क बुरी तरह प्रभावित होता है। उसे भूलने की बीमारी हो जाती है। उसका वजन तेज़ी से घटना शुरू हो जाता है।रक्तचाप अनियंत्रित हो जाता है और हृदय रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए शरीर में विटामिन बी की प्रचुर मात्रा होना अनिवार्य है।
इसके लिए हमें अनाजों और दालों का भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि विटामिन बी अनाज और दालों में पाया जाता है।
3. स्कर्वी
यह रोग विटामिन सी की कमी के कारण होता है।
इस रोग में त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे दाग,धब्बे, मुँहासे या त्वचा पर कालापन हो जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन सी की कमी के कारण दाँत कमज़ोर हो जाते हैं व मसूड़ों से खून आने लगता है।
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए विटामिन सी युक्त चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
नींबू, आँवला व अन्य खट्टे पदार्थों में विटामिन सी भरपूर मात्रा पाया जाता है। इन चीज़ों का सेवन करके हम विटामिन सी को प्राप्त कर सकते हैं।
4. हायपोकोबालामिनेमिया
यह रोग विटामिन बी-12 की कमी के कारण होता है। इस रोग में रीढ़ की हड्डी बुरी तरह प्रभावित होती है।
इसके अतिरिक्त यह रोग मस्तिष्क को भी नुक़सान पहुँचाता है। व्यक्ति को मेंटल डिसॉर्डर हो जाते हैं।
इस रोग में व्यक्ति को थकान, तनाव व चिड़चिड़ाहट हो जाती है।
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए हमें विटामिन बी-12 से भरपूर चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
इसके लिए हमें अंडे, माँस, दूध व दूध से बनी हुई चीज़ों का सेवन करना चाहिए। (सम्बंधित: दूध पीने के फायदे)
5. रेकेट्स या सूखा रोग
यह रोग विटामिन डी की कमी के कारण होता है।
इस रोग में हड्डियां अत्यंत कमज़ोर होकर टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं।
यह रोग मुख्य रूप से बच्चों में हो जाता है। इस रोग में बच्चों के पैरों की हड्डियाँ शरीर का भार उठाने में असमर्थ हो जाती हैं और वे विकृत रूप ले लेती हैं।
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा लेना अनिवार्य है।
विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की अल्ट्रावोईलेट किरणे हैं। इसके अतिरिक्त दूध व फलों में भी विटामिन डी पाया जाता है।
6. अरिबोफ़्लेवेनोसिस
यह रोग विटामिन बी-2 की कमी से होता है और यह मुख्यत: बच्चों और शराब पीने वाले लोगों में पाया जाता है।
बच्चों में पोषण की कमी होने पर यह रोग हो जाता है। इस रोग में त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं और शरीर में सूजन आ जाती है।
इसके अतिरिक्त शरीर में तनाव और कमज़ोरी भी आ जाती है।
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए विटामिन बी-2 से भरपूर चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
दूध, माँस, अंडा मछली, मशरूम आदि में विटामिन बी-2 की प्रचुर मात्रा पायी जाती है अतः इन चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
7. विटामिन के की कमी
विटामिन के की कमी होने पर शरीर में रक्त का थक्का नहीं जम पाता है।
जब भी हमें चोट लगती है तो अत्यधिक खून न बहने पाए इस कारण से रक्त का थक्का जम जाता है लेकिन जब शरीर में विटामिन के की कमी हो जाती है तो खून अनियंत्रित रूप से बहता ही रहता है।
यह एक ख़तरनाक बीमारी है जो कभी कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
कई अस्पतालों में शिशुओं को विटामिन के युक्त इंजेक्शन भी दिए जाते हैं।
विटामिन के को पाने के लिए हम दूध, अंडा, मछली व हरी सब्ज़ियों का सेवन कर सकते हैं।
8. पैलाग्रा
यह रोग विटामिन बी-3 की कमी के कारण होता है। इस रोग में त्वचा पर धब्बे पड़ जाते हैं जिन्हें डेरमेटेटिस कहते हैं।
यह रोग अत्यंत गंभीर होता है क्योंकि कभी कभी पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है अतः पैलाग्रा से छुटकारा पाना ज़रूरी होता है।
इसके लिए हमें विटामिन बी-3 से भरपूर चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
9. बायोटिन कमी
यह रोग विटामिन एच की कमी से होता है। इस रोग के कारण शरीर में बायोटिन की कमी हो जाती है और शरीर तनाव व चिंताग्रस्त हो जाता है।
इसके अतिरिक्त बायोटिन की कमी होने से बालों से संबंधित समस्याएं हो जाती है। बाल कमज़ोर होकर झड़ने लगते हैं और सिर में रूसी की समस्या भी हो जाती है। इस रोग से छुटकारा पाने के लिए विटामिन एच से भरपूर चीज़ों का सेवन करना चाहिए।
इस प्रकार हम विटामिन्स की शरीर के लिए महत्ता को देख सकते हैं। आशा है कि अब आप अपने भोजन में पोषक तत्वों की एक प्रचुर मात्रा शामिल करेंगे। आप अपने विचारों को कमेंट पेटिका में व्यक्त कर सकते हैं।
Mere vitamin A ki kami h
Mujhe ye kami door karne ke liye gaajar muli ke alawa aur kon konsi vegetables khaani chahiye?
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jab hamen vitamin b ki kami ho jaati hai to uske kyaa lakshan hote hain jisse hamen yah pehchan ho jaaye ki kami hai yaa nah .?