तीन हफ्ते पहले कोलकाता में महागठबंधन रैली करने के बाद, अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी नयी दिल्ली में भी अपनी ‘यूनाइटेड इंडिया रैली’ को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। जंतर मंतर पर संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए हो रही रैली को “महागठबंधन 2.0” कहा जा रहा है। दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल विपक्षियों को इकठ्ठा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
नयी दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले ममता ने कोलकाता में कहा-“नरेंद्र मोदी जानते हैं कि वे सत्ता में नहीं आ रहे हैं। उनकी एक्सपायरी डेट खत्म हो गयी है। 15 दिनों के अन्दर अंदर, हमारे पास चुनावी तारीख होगी। हम नयी सरकार देखना चाहते हैं, देश को बदलाव चाहिए, देश अखंड भारत देखना चाहता है, जहां लोकतंत्र और समावेशिता कायम रहेगी।”
अभी तक रैली में भाग लेने वाली किसी पार्टी का नाम तो सामने नहीं आया है मगर कोलकाता की रैली में भाग लेने वाली लगभग 20 राजनीतिक पार्टियाँ जंतर मंतर पर दिखाई दे सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, “वहाँ पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, सेवारत मुख्यमंत्री और संसदीय दल के नेता होंगे।”
एचडी देवे गौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, प्रफुल पटेल, डीएमके के कनिमोजहि, एनसीपी के नेता इस वक़्त नयी दिल्ली में ही मौजूद हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव बीमार हैं।
कांग्रेस की उपस्थिति को लेकर अभी भी शंका है क्योंकि रैली का सम्बोधन अरविन्द केजरीवाल कर सकते हैं। मगर इस “महागठबंधन 2.0” के पीछे काम करने वाले एक सूत्र ने बताया कि कांग्रेस से जरूर कोई ना कोई आएगा।
विपक्षियों के धरना की योजना का संकेत ममता बनर्जी ने तब दिया था जब उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कोलकाता में अपनी एक बैठक को रद्द कर दिया। ये धरना कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच हो रही लड़ाई को लेकर होने वाला था और बनर्जी ने कहा था कि विपक्षी जल्द संस्थाओं पर होने वाले हमले को लेकर दिल्ली में विरोध करेगा।