सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान के उच्च स्तर की बैठक के बाद आज भारत का दौरा करेंगे। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद चर्चा के लिए पाकिस्तान ने नई दिल्ली में नियुक्त अपने राजदूत को वापस इस्लामाबाद बुला लिया है।
कश्मीर में गुरूवार को हुए आतंकी हमले में 41 सीआरपएफ के जवान शहीद हो गए थे और यह बीते दो दशकों में सबसे खतरनाक फियादीन हमला था। इस हमले के बाद भारत सरकार पर पाकिस्तान के खिआफ़ सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है।
बीबीसी के मुताबिक सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदेल अल जुबेर ने कहा कि “हमारा उद्देश्य दो पड़ोसी देशो के मध्य तनाव को कम करने का प्रयास करना है और यह देखना है कि दोनो राष्ट्रों के मध्य मसलों को सुलझाने का कोई शांतिपूर्ण मार्ग है या नहीं है।”
भारत की यात्रा से पूर्व मोदम्मद बिन सलमान ने पाक के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। पाक के इस्लामिक समूह जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के बाद भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। हालांकि पाक ने इन आरोपों को नकारा है।
पाकिस्तान के साथ सऊदी अरब ने रविवार को आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किये है, जिनकी अनुमानित लागत 20 अरब डॉलर के बराबर है। इन समझौतो पर दस्तखत पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के समक्ष किये गए हैं।
पाकिस्तान में सऊदी के क्राउन प्रिंस को 21 तोपों की सलामी दी गई थी। साथ ही उन्हे देश के सबसे बड़े नागरिक अवार्ड, निशान ए पाकिस्तान से नवाजा गया था। इसके बाद क्राउन प्रिंस तीन दिवसीय यात्रा पर चीन जायेंगे। हाल ही में जमाल खशोगी की हत्या के आरोप के बाद मोहम्मद बिन सलमान ने दक्षिण एशिया के यात्रा की है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को ईरान के सैनिकों के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जांच में सहयोग का प्रस्ताव दिया है। इस आत्मघाती आतंकी हमले में 27 सैनिकों की मृत्यु हो गयी, जबकि 13 सैनिक बुरी तरह जख्मी है।
ईरान के वरिष्ठ नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने कहा कि “इस अपराध और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख़ुफ़िया व जासूसी विभागों के मध्य कोई ताल्लुक तो जरूर है।” सुरक्षाकर्मियों ने आरोप लगाया कि इस्लामाबाद ने इन आतंकी समूहों पर आँख मूँद रखी है।