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    बाइचूंग भूटिया
    भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया का मानना है कि एएफसी एशियन कप में भारतीय टीम की किस्मत खराब थी।
    फुटबॉल वास्तव में हलके दिल के लिए नही है। एएफसी एशियन कप में शानदार शुरुआत के बाद, भारतीय टीम को अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में 90 मिनट के बाद मिले इंजरी टाईम में पेनेल्टी गोल में बहरीन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस हार की प्रतिक्रिया मिश्रित थी।
    गोल से बात करते हुए भारतीय फुटबॉल दिग्गज बाइचुंग भूटिया ने भारतीय टीम के प्रदर्शन को टूर्नामेंट में सकारत्मक बताया। भारतीय टीम के कप्तान ने उल्लेख किया कि, भाग्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो की टूर्नामेंट के दौरान भारत के साथ नही था, जिसकी वजह से टीम को इतनी जल्दी घर लौटना पड़ा।
    बाइचूंग ने कहा, ” मुझे लगता है भारतीय टीम अशुभ थी। यह बहुत दिल तोड़ने वाला था। उन्होने आगे के लिए लगभग क्वालिफाई कर लिया था लेकिन लेट पेनल्टी के कारण बाहर होना पड़ा। मुझे लगता है उन्होने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्हे अपना सिर और छाती ऊपर रखने की जरूरत है। उन्होने अच्छा खेला, लेकिन भाग्य उनके साथ नही था।
    क्या भारत ड्रॉ के लिए खेल रहा था? क्या वह ऐसा करने में गलत थे? इन सवाल को जवाब व्यक्तिपरक है, लेकिन सिक्क्म के स्कीपर का यह समझते है कि उस टीम के खिलाफ खेलना कितना कठिन है जो शब्द से हमला करना चाहता है।
    ” हमेशा मुश्किल होता है जब आपको अपनी जैसी विपक्षी टीम या अपने से ऊपर लेवल की टीम से भिड़ना हो या डू-और-डाई की परिस्थिति हो। वह केवल हमले में ही बाहर आ जाते है। जब आप अपनी विपक्षी टीम के खिलाफ इस प्रकार के मैच खेलते हो, तो आपका डिफेंस बहुत मजबूत और बाध्य रखने की जरूरत होती है, इसलिए यह मुश्किल था।”
    फॉर्वर्ड खिलाड़ी ने आगे कहा, ” मुझे लगता है कि भारतीय टीम ने मैच में आखिरी तक नियंत्रण बनाए रखा और अपने डिफेंस को भी बाध्य रखा लेकिन आखिरी मिनट में गलती की वजह से यहा भारतीय टीम की उम्मीदो में पानी फिर गया। अन्यथा, मुझे लगता है उन्हें इसे अच्छी तरह से बनाए रखा।”
    बाइचूंग इस बात से खुश थे क्योंकि भारत की ओर से इस टूर्नामेंट में किसी खिलाड़ी नें बेकार प्रदर्शन नही किया था। यह ऐसी स्थिति में नहीं आया जहां एक स्टैंडआउट खिलाड़ी को टीम को ले जाना था।
    ” मुझे लगता है पूरी टीम शानदार थी। हर खिलाड़ी ने कड़ी मेहनत की और सबने बराबर योगदान दिया। एशियन कप में भारतीय टीम के लिए अच्छी बात यह थी कि किसी खिलाड़ी ने बेकार प्रदर्शन नही किया और ना ही किसी को टीम को अकेले संभालना पड़ा। सभी ने योगदान दिया, अच्छा खेला और बहुत अच्छा किया।”
    आगे क्या? पूर्व कप्तान का मानना ​​है कि भारतीय फुटबॉल के भविष्य का जवाब जमीनी स्तर पर है और इसमें भारी निवेश किया जाना चाहिए।

    भुटिया ने कहा, ” मुझे लगता है कि भारत को आने वाले वर्षों में जमीनी स्तर पर ध्यान केंद्रित रखने और उच्च गुणवत्ता वाले खिलाड़ियों को विकसित करने की आवश्यकता है। खिलाड़ियों की युवा पीढ़ी की पहचान करने और उसका पोषण करने के लिए निवेश अभी भी जमीनी स्तर पर होना है।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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