पुलवामा आतंकी हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है और इसका सबसे पहले निशाना बना दोनों देशो का सिनेमा। पहले भारत ने पाकिस्तानी कलाकारों और अभिनेताओं के हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया और फिर बाद में पड़ोसी मुल्क में भारतीय फिल्में रिलीज़ करने से मना कर दिया। बाद में, बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय कंटेंट पर प्रतिबन्ध लगा दिया था।
All India Cine Workers Association announce a total ban on Pakistani actors and artists working in the film industry. #PulwamaAttack pic.twitter.com/QpSMUg9r8b
— ANI (@ANI) February 18, 2019
और अब मंगलवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने निजी चैनल को भारतीय फिल्में और टीवी शो प्रसारित करने से मना कर दिया है। न्यायमूर्ति गुलज़ार अहमद की अध्यक्षता में टॉप कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तानी चैनलों पर भारतीय कंटेंट के प्रसारण से संबंधित मामले की सुनवाई की।
मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। इस कदम के एक हफ्ते पहले, पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन ने कहा था कि पाकिस्तान फिल्म एक्सहिबीटर एसोसिएशन द्वारा, पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानो पर भारतीय वायु सेना के हवाई हमले के बाद, पाकिस्तान में भारतीय फिल्मो पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाएगा।
हुसैन ने ये भी कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) को आदेश दिया है कि वह ‘मेड-इन-इंडिया’ विज्ञापन पर भी रोक लगाए। सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी बार अक्टूबर 2018 में भारतीय कंटेंट पर प्रतिबन्ध लागू किया था।
वैसे जहाँ दोनों देशो ने दुश्मन देशो के कंटेंट पर रोक लगा दी है तो बॉक्स ऑफिस पर भी इसका भारी प्रभाव पड़ेगा। जब दोनों देशो के फिल्म व्यापार विश्लेषक से बात की गयी तो जानिए उन्होंने क्या कहा-
पाकिस्तानी फिल्म व्यापार विश्लेषक अली जैन ने टाइम्स नाउ को फ़ोन के जरिये बताया- “पाकिस्तान के वितरक और प्रदर्शक से ज्यादा, भारतीय निर्माताओं को नुकसान होगा। आगामी हिंदी फिल्मों का भारत में एक बड़ा बाजार हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान में उनके पास बहुत सारे खरीदार नहीं हैं।”
जबकि भारतीय फिल्म व्यापार विश्लेषक अक्षय राठी का कहना कुछ अलग ही था। उन्होंने कहा-“भारतीय फिल्मों में पाकिस्तानी बॉक्स ऑफिस का योगदान एकदम ना के बराबर है- मात्र एक प्रतिशत। भारतीय फिल्मों का पाकिस्तानी बॉक्स ऑफिस में योगदान काफी बड़ा है।”