रूस की न्यूज़ एजेंसी आरआईए ने रुसी सांसद एलेक्सेंडर बश्किन के हवाले से कहा कि “इस वर्ष वसंत या गर्मियों में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन रूस की यात्रा करेंगे। हालाँकि इस यात्रा की निश्चित तारीख कभी तय नहीं किया गया है।”
हाल ही में अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबन्ध थोप दिए थे।
रायटर्स के मुताबिक क्रेमलिन ने कहा कि “किम जोंग की रुसी यात्रा पर कार्य किया जा रहा है, लेकिन वह अधिक जानकारी देने में असमर्थ है। जब ठोस समझौता खत्म हो जायेगा, तब तारीख, स्थान और यात्रा से सम्बंधित जानकारी को सार्जनिक किया जायेगा।”
वियतनाम में दूसरी मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि किम जोंग उन के साथ उनके सम्बन्ध अच्छे हैं। इस वार्ता के बाद पहली बार अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने उत्तर कोरिया के साथ ही चीन की दो कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। उन पर आरोप है कि प्रतिबंधों के बावजूद चीनी कंपनियों ने उत्तर कोरिया को मदद पंहुचाई थी।
प्रतिबंधों के साथ ही अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह उत्तर कोरिया की मांग को पूरा नही करेगा और इससे न सिर्फ पियोंगयांग बल्कि बीजिंग भी खतरे में हैं। उत्तर कोरिया की मदद करने वाली चीन की सभी कंपनियों पर अमेरिका के प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया से अतिरिक्त प्रतिबंधों को शुक्रवार को हटा दिया है। हनोई में आयोजित शिखर वार्ता की विफलता के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे। यह कदम डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता को जारी रखने के लिए एक बेहद उम्दा माना जा रहा है।
अमेरिका से असफल सम्मलेन
27 और 28 फरवरी 2019 को अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच हनोई, वियतनाम में सम्मलेन हुआ था।
दोनों नेताओं के बीच यह दूसरा मौका था, जब दोनों आमने-सामने थे। इससे पहले दोनों नेता जून 2018 में सिंगापुर में मिले थे।
दोनों नेताओं के बीच दो दिन मुलाकात हुई और इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी।
28 फरवरी को अमेरिका के वाइट हाउस नें घोषणा की कि सम्मलेन को बीच में ही रद्द किया जा रहा है और दोनों नेताओं के बीच कोई भी समझौता नहीं हो पाया है।
डोनाल्ड ट्रम्प नें बाद में बताया कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि किम जोंग उन नें उत्तर कोरिया पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाने की मांग की थी।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग-हो नें इस मामले पर कहा था कि उत्तर कोरिया नें सिर्फ 5 ऐसे प्रतिबन्ध को हटाने की मांग की थी, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए थे।
इस मुलाकात के बाद दक्षिण कोरिया की ख़ुफ़िया एजेंसी नें कहा था कि उत्तर कोरिया फिर से मिसाइल लांच करने की सोच रहा है और उसकी लांच साईट पूरी तरह से साफ़ नहीं है।
सीएनएन नें इस दौरान कुछ सैटेलाइट तसवीरें छापी थी, जो इस बात को सिद्ध कर रही थी।