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    भारत के खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सैनिकों की तैनाती की है। चीन ने पीपल लिब्रेशन आर्मी को चीन-पाक आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की सुरक्षा करने के आदेश दिए हैं।

    डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थार क्षेत्र में स्थित कोयला खनन की सुरक्षा के लिए सैनिकों को तैनात किया है। थार क्षेत्र पाकिस्तान थारपरकर जिले में हैं और भारत-पाक सीमा से सिर्फ 90 किलोमीटर की दूरी पर है।

    सिंध के कई क्षेत्रों में चीनी सीपीईसी परियोजनों पर कार्य किया जा रहा है, जिसका स्थानीय लोग काफी विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन के भय के कारण चीन ने इस क्षेत्र में अपने सैनिकों की तैनाती की है।

    खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “सीमा सुरक्षा बल ने भारत-पाक सीमा के नजदीक चीनी सैनिकों की चहल-पहल देखी है। यह लगता है कि, सिंध और बलूचिस्तान क्षेत्रो में स्थानीय लोगो के विरोध के कारण यहां सैनिको की तैनाती की गई है।” 3000 किलोमीटर लंबी सीपीईसी परियोजना के लिए पाकिस्तान ने 17 हज़ार सैनिकों की तैनाती की है, जिसमे 400 सैनिक पाकिस्तानी आर्मी के विशेष सैनिक है। इसके बावजूद चीन को पाकिस्तान की सेना पर भरोसा नही है और उन्होंने चीनी सैनिकों की तैनाती कर दी है।

    भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक चीनी सैनिकों की तैनाती भारत के लिए चिंता का विषय है। भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ सकती है।

    बीते साल सितम्बर में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष चीन की यात्रा पर गए थे और उन्होंने चीनी प्रधानमंत्री और कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस दौरान चीन ने पाकिस्तानी सेना को शुक्रिया कहा था। हालांकि इसके बावजूद चीन ने पाकिस्तानी सरजमीं पर अपने सैनिक तैनात किये थे।

    पीओके में भी चीनी सैनिकों के होने की थी खबर

    इससे पहले पिछले साल जुलाई में खबर थी कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चीनी सैनिकों की उपस्थिति हो सकती है।

    इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल भारतीय सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारीयों नें दावा किया था कि उन्होनें पूर्वी कश्मीर में सीमा के दूसरी ओर चीनी सैनिकों को देखा था।

    पाकिस्तान नें हालाँकि इस बात के जवाब में कहा था कि चीनी सैनिक कुछ निर्माण कार्य में मदद करने के लिए आये हैं।

    ऐसे में यह साफ़ है कि यदि पाकिस्तान चीनी सेना को अपनी जमीन इस्तेमाल करने की अनुमति देता है, तो यह भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हो सकता है।

    इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान के नागरिकों नें चीनी सेना के होने की पुष्टि की है।

    कुछ समय पहले यह खबर आई थी कि बलूचिस्तान में चीनी सैनिकों नें कुछ पाकिस्तान नागरिकों के साथ मारपीट की थी।

    क्या सीपीईसी की सुरक्षा है असली कारण?

    cpec balochistan
    बलोच लोगों का मन्ना है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूट रहे हैं।

    ऐसा माना जा रहा है कि चीन की योजना सीपीईसी को पाकिस्तान में आतंकवादियों से खतरा हो सकता है। इसी कारण से चीन नें हाल ही में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से मना कर दिया था।

    इसके अलावा बलूचिस्तान में कई समूह भी चीन की सीपीईसी योजना के खिलाफ हैं। इन लोगों का मानना है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूट रहे हैं।

    आपको बता दें कि पिछले साल नवम्बर में कराची में स्थित चीनी दूतावास पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गयी थी।

    बाद में हालाँकि इस हमले के पीछे का व्यक्ति कांधार में एक मुठभेड़ में मारा गया था।

    इस घटना के बाद भी बलोच लिबरेशन आर्मी नें यह दावा किया था कि वह चीनी अधिकारीयों पर हमला जारी रखेगा।

    ऐसे में चीन के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी परियोजना की सुरक्षा करे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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