विषय-सूचि
CSMA/CD क्या है? (csma/cd in computer network in hindi)
कैरियर सेन्स मल्टीपल एक्सेस (Collision डिटेक्शन) एक मीडिया एक्सेस कण्ट्रोल मेथड है जिसका ईथरनेट/LAN तकनीक में काफी प्रयोग किया जाता है।
एक ऐसी स्थिति कि कल्पना कीजिये जहां किसी लिंक में ‘n’ संख्या में स्टेशन हैं और वो सभी इस चैनल द्वारा डाटा को भेजने का इन्तजार कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में वो सभी ‘n’ संख्या में स्टेशन चैनल में अपने-अपने डाटा को भेजने का प्रयास करेंगे। अब अगर एक से ज्यादा स्टेशन ने डाटा को एक साथ भेज दिया तो वहीं समस्या कड़ी हो जाएगी। और ऐसी स्थिति में ही विभिन्न स्टेशन के डाटा के बीच एक collision होगा।
CSMA/CD एक ऐसी तकनीक है जहां विभिन्न स्टेशन जो इस प्रोटोकॉल को मानते हैं वो कुछ सर्तों को लेकर सहमत होते हैं और collision डिटेक्शन के नियम को मानते हैं जिस से डाटा का अच्छे से ट्रांसमिशन हो सके। ये प्रोटोकॉल ये निर्णय लेता है कि कौन सा कौन सा स्टेशन कब डाटा ट्रान्सफर शुरू करेगा जिस से डाटा बिना corrupt हुए डेस्टिनेशन तक पहुंचे।
CSMA/CD की कार्यप्रणाली
CSMA/CD की कार्यप्रणाली को हम यहाँ चरणबद्ध तरीके समझा रहे हैं।
स्टेप 1: सबसे पहले ये जांच करता है कि सेंडर डाटा पैकेट भेजने के लिए तैयार है या नहीं।
स्टेप 2: अब इस बात की जांच होगी कि ट्रांसमिशन लिंक स्थिर यानी कि idle है या नहीं।
सेंडर लगातार इस बात कि जांच करते रहता है कि ट्रांसमिशन लिंक idle है या नहीं। इसके लिए ये दूसरे नोड के ट्रांसमिशन को सेन्स करने की कोशिश करता है। सेंडर एक नकली डाटा को लिंक पर भेजता है। अगर किसी भी प्रकार के collision का सिग्नल नहीं आये इसका मतलब लिंक idle है और डाटा भेजा जा सकता है। अगर ऐसा नहीं है तो ये डाटा को नही भेजता।
स्टेप 3: डाटा को ट्रांसमिट कर के collision के लिए check किया जाता है।
सेंडर डाटा को लिंक पर भेजता है। एक बात आपको पता होनी चाहिए कि CSMA/CD acknowledgement सिस्टम का प्रयोग नहीं करता है। ये सफल या असफल डाटा ट्रांसमिशन का पता collision के सिग्नल से ही लगाता है। ट्रांसमिशन के समय जैसे ही collision सिग्नल आता है वैसे ही ट्रांसमिशन को रोक दिया जाता है। इसके बाद स्टेशन लिंक में एक jam सिग्नल भेजता है और फिर एक रैंडम समयावधि तक इन्तजार करने के बाद फ्रेम को फिर से भेजता है। इसी प्रक्रिया को सफल ट्रांसमिशन होने तक दोहराया जाता है।
स्टेप 4: अगर propagation में कोई collision डिटेक्ट नही किया गया तो सेंडर अपना फ्रेम ट्रांसमिशन पूरा कर के काउंटर को रिसेट कर देता है।
डाटा collision का पता कैसे चलता है?
इस चित्र में दो स्टेशन हैं- A और B.
At time t=0, A transmits its data. t= 30 mins : Collision occurs.
जब collision होता है तो दोनों स्टेशन को इसका सिग्नल भेज दिया जाता है। यहाँ collision बीचों-बीच हुआ है इसीलिए collision सिग्नल के भी दोनों स्टेशन तक पहुँचने में तीस (30) मिनट लग जाएंगे।
Therefore, t=1 hr: A & B receive collision signals.
ये सिग्नल प्रतेक स्टेशन द्वारा प्राप्त किया जाएगा।
कैसे पता चलेगा कि किस स्टेशन के डाटा के साथ Collision हुआ है?
इसके लिए ट्रांसमिशन टाइम (Tt) > Propagation टाइम Tp
ऐसा इसीलिए क्योंकि इस से पहले कि स्टेशन से डाटा के अंतिम बिट को ट्रान्सफर किया जाए इस बात को लेकर निश्चित होना होगा कि कुछ डाटा डेस्टिनेशन तक पहुँच गया है। ये इस बात को निश्चित करता है कि कोई collision नही होगा।
लेकिन ये एक loose bound है। इसमें collision सिग्नल के वापस आने के समय कि चर्चा नहीं की गई है। इसके लिए एक worst case scenario को देखना होगा।
At time t=0, A transmits its data. t= 59:59 mins : Collision occurs
ये collision डाटा के B तक पहुँचने के ठीक पहले होता है। अब collision सिग्नल 59:59 मिनट लेगा A तक पहुचने के लिए। इईलोये A अब collision सिग्नल को दो घंटे बाद प्राप्त करता है यानी 2*(Tp).
Hence, to ensure tighter bound, to detect the collision completely, Tt > >= 2 * Tp
यही वो अधिकतम समय है जब कोई स्टेशन अपने डाटा के collision सिग्नल को प्राप्त करेगा।
पैकेट का length क्या होना चाहिए?
अब हम जानेंगे कि ट्रांसमिट किये जाने वाले पैकेट का कम से कम लेंथ कितना होना चाहिए।
ट्रांसमिशन टाइम= Tt =पैकेट का लेंथ/लिंक का बैंडविड्थ
[एक सेंकंड में सेंडर द्वारा ट्रांसमिट किये जाने वाले बिट्स कि संख्या]
Substitute करने के बाद,
पैकेट का लेंथ/लिंक का बैंडविड्थ>= 2 * Tp
Length of the packet >= 2 * Tp * Bandwidth of the link
Paddingउस स्थिति में मदद करता है जब पैकेट्स के लेंथ ज्यादा नहीं हो। डाटा के अंत में कुछ अतिरिक्त करैक्टर डाले जा सकते हैं ताकि ये शर्त पूरी हो जाए।
CSMA/CD in networking
कैरियर सेन्स मल्टीपल एक्सेस/Collision डिटेक्शन मेथड हमे ये नही बताता है कि अगर collision हो गया तो उसके बाद क्या करना है। ये एक CSMA अल्गोरिथम जोड़ता है जिसकी कारण collision से बचने में मदद मिलती है।
इस प्रक्रिया में फ्रेम का आकार पर्याप्त रूप से बड़ा होना चाहिए ताकि collision कि स्थिति में सेंडर तक सिग्नल अच्छी तरह पहुंचे। इसीलिए फ्रेम ट्रांसमिशन टाइम को propagation डिले का दोगुना होना ही होना चाहिए।
मान लीजिये कोई डाटा सेंडर से डेस्टिनेशन तक पहुच गया तो वो बेस्ट केस होगा लेकिन हमे यहाँ worst केस कि चर्चा करनी होगी ताकि contention स्लॉट हो। contention स्लॉट वो स्लॉट होते हैं जो collision कि वजह से अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाते और बीच में ही खो जाते हैं।
मान लीजिये A स्टेशन ने डाटा ट्रान्सफर शुरू किया लेकिन डाटा collide हो गया। अब worst केस में जो समय नष्ट हुआ वो है 2Tp. तभी स्टेशन B ने इसी अंतराल में देखा कि लिंक idle है सुर उसने अपना डाटा भेज दिया।
Tp ( propagation delay) + Tt(transmission time)
अब हमे ये पता नहीं है कि यहाँ कितने contention स्लॉट हैं तो हम ‘n’ contention स्लॉट मान लेंगे:
Efficiency = Tt / ( C*2*Tp + Tt + Tp) Tt → transmission time Tp → propagation time C → number of collision
P(success) = nC1 * p * (1-p)n-1 (by using Binomial distribution)
अब अधिकतम p की सफलता के लिए p के रेस्पेक्ट में differentiate करना होगा और 0 से इक्वेट करना होगा ताकि maxima और minimaa मिले:
We get P(max) = 1/e
पहली सफलता के पहले कितनी बार प्रयास करना होगा:
1/P(MAX) = 1/(1/e) = e
यहाँ हमे (C)=e बार प्रयास करना होगा।
अब हम a=Tt/Tp कर के T से भाग करना होगा और Efficiency= Tt/ (C* 2 * Tp + Tt + Tp)
अब;
Efficiency = 1/(e*2a + 1 + a) a = Tp/Tt e = 2.72 Now Efficiency = 1/( 1 + 6.44a)
एफिशिएंसी का और विश्लेसन करने पर;
Efficiency = 1/ (1 + 6.44a) = 1/ {1 + 6.44(Tp/Tt)} = 1/ {1 + 6.44((distance/speed)(Bandwidth/packet length))}
इस derivation से हमें जो कुछ पता चला उसे नीचे लिस्ट कर रहे हैं:
- दूरी बढ़ने के साथ ही CSMA कि एफिशिएंसी घटने लगती है।
- CSMA लम्बी दूरी के नेटवर्क जैसे कि WAN में प्रयोग करने के लिए सूटेबल नही है लेकिन छोटे नेटवर्क जैसे कि LAN में इसका प्रयोग सही ढंग से होता है।
- अगर पैकेट का लेंथ बड़ा हो तो CSMA कि एफिशिएंसी भी बढ़ जाती है। यहाँ ये ध्यान रखने वाली बात है कि length के लिए अधिकतम सीमा 1500 bytes है।
- ट्रांसमिशन टाइम >= 2* (Propagation टाइम)
इस तरह से CSMA/CD कि एफिशिएंसी कैलकुलेट कि जाती है और हमसे उपयुक्त बातें पता चली।
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