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    हरप्रीत

    भारत ने अपने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप का अभियान 16 पदको के साथ समाप्त किया और रविवार को इससे पहले ग्रीको-रोमन ने अपनी पदक तालिका में एक रजत और एक कांस्य पदक और जोड़ा।

    हरप्रीत सिंह ने 82 किग्रा में अपने नाम रजत पदक किया वही ज्ञानेंद्र ने भी 60 क्रिगा में अंतिम दिन अपने नाम कांस्य पदक किया।

    भारत के कुल 16 पदकों में शामिल थे – एक स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य – पुरुषों के फ्रीस्टाइल पहलवानों द्वारा जीते गए, महिलाओं द्वारा चार कांस्य और तीन रजत और ग्रीको-रोमन पहलवानों द्वारा एक कांस्य।

    हरप्रीत ने फाइनल राउंड में जगह बनाने के लिए तूफान के सामान प्रदर्शन किया, और उन्होने सेमीफाइनल मैच में चीन के हैतो-किअन को 10-1 से मात दी।

    हालांकि उसके बाद हरप्रीत शीर्ष स्थान पर खत्म करने में नाकाम रहे और उन्हे खिताबी मुकाबले में ईरान के सैयद मोराद अब्दवली से 0-8 से हार गए।

    इससे पहले ज्ञानेंद्र ताईपे के जूई ची हुआंग से हार गए थे जिसके बाद उन्हे कांस्य पदक से ही संतुष्ट रहना पड़ा।

    ज्ञानेंद्र क्वार्टरफाइल में जोर्डन के अली आवेद अलनासेर से 9-1 से जीते थे लेकिन उन्हे सेमीफाइनल में उज़्बेकिस्तान के इस्लामजोन बखरामोव से 0-9 से हार का सामना करना पड़ा।

    इसके विपरीत, योगेश तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले में किर्गिस्तान के रुस्लान त्सरेव द्वारा पीटे जाने के बाद 72 किग्रा वर्ग में पोडियम फिनिश पर हार गए।

    योगेश ने चीन के हुजुन झांग से अपना क्वालीफाइंग मैच 0-9 से हारने के बावजूद कांस्य पदक के दौर में प्रवेश किया था क्योंकि उनके चीनी प्रतिद्वंद्वी ने स्वर्ण पदक का दौर बनाया था।

    हालांकि, रविवार को मुकाबले में दो और जो भारतीय खिलाड़ी रविंद्र और हरदीप थे- लेकिन वह जल्द बाहर हो गए। रविंद्र को 67 क्रिगा के मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा तो वही हरदीप को 97 क्रिगा में हार मिली।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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