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    मसूद अज़हर

    पेरिस में स्थित फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को वित्तपोषित करने के खिलाफ कार्रवाई न करने पर चेतावनी दी है। भारत के जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में स्थित आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद ने ली थी, जिसके बाद भारत पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया था।

    पाकिस्तान की कार्रवाई

    इस आतंकी हमले की आलोचना करते हुए एफएटीएफ ने कहा कि “समस्त विश्व में आतंकवाद समाज के लिए खतरा बना हुआ है और बगैर वित्तीय सहायता के यह ख़ड़े नहीं हो सकते हैं। आतंक के मददगारों को वित्तीय सहायता मुहैया करने से रोकना होगा।”

    वित्तीय निगरानीकर्ता समूह ने साल 2018 में 8707 संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन की रिपोर्ट जारी की है। साल 2017 में पाकिस्तान में 5548 संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन हुए थे। पाकिस्तान में इस मसले पर छह बैंको पर जुर्माना लगाया गया है जबकि 109 बैंकरों पर फर्जी खाते खोलने की जांच हो रही है।

    तस्कर मुद्रा और जेवेलरी की कीमत मिलाकर 20 अरब रूपए की रकम से भी अधिक है। यह जुलाई 2018 से 31 जनवरी के बीच तक की रिपोर्ट है। आईसीआरजी की पाकिस्तान के साथ बैठक में वह प्रगति से संतुष्ट नहीं दिखा था। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपने लक्ष्य को पूरा करने की हिदायत दी है, जिसकी समयसीमा मई 2019 तय की गयी है।

    एफएटीएफ का एक्शन प्लान

    सूत्रों के मुताबिक “एफएटीएफ के 10 पॉइंट के एक्शन प्लान के तहत 27 लक्ष्य अब खान सरकार की प्राथमिकता में शुमार है।” पाकिस्तान की फाइनेंसियल मॉनिटरिंग यूनिट ने साल 2018 में 8707 संदिग्ध ट्रांसक्शन की रिपोर्ट जारी की है, जबकि साल 2017 में यह 5548 थे।

    एफएटीएफ की आलोचना के बाद ही पाकिस्तान ने जमात उद दावा और फलाह ई इंसानियत पर दोबारा प्रतिबन्ध लगा दिए थे। एफएटीएफ से ब्लैकलिस्ट होने का मतलब, देश विश्व के साथ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद से लड़ने के लिए गंभीर नहीं हैं। इस्लामाबाद पर भी काफी कर्ज का भार है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इसके लिए कई देशों का भ्रमण कर चुके हैं। वह आईएमएफ से बैलआउट पैकेज के लिए भी बातचीत कर रहे हैं।

    फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स एक सरकारी संस्था है जो आतंकियों के वित्तपोषण और अन्य मामलों पर कार्रवाई करती है। इसका गठन साल 1989 में हुआ था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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