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    माइक पोम्पिओ

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि “दक्षिण एशिया के दो पड़ोसियों भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर लम्बे समय से जारी विवादित मसला है।” अमेरिका के कूटनीतिक कौशल को उन्होंने कश्मीर विवाद और इजराइली विवाद से जाहिर किया था।

    माइक पोम्पिओ का बयान

    माइक पॉपओ ने फ्यूचर फार्मर्स ऑफ़ अमेरिका में कहा कि “अगर आप जटिल समस्याओं की तरफ देखे, सबसे अच्छा उदाहरण क्या है? मध्य पूर्व में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच शान्ति की स्थापना कैसी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच लम्बे समय से जारी कश्मीर मसले का समाधान कैसे निकलेगा। एक कूटनीतिक होने के नाते हम उस स्थान को ढूंढने की कोशिश करते हैं, जो दोनों के समान हो।”

    अमेरिका के प्रयासों के बाबत उन्होंने कहा कि “जब हम बिचौलिये की भूमिका में होते हैं, तो हम दोनों को समझाने का प्रयास करते हैं। हम समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करते हैं या हिंसा को खत्म करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि इसमें किसी को कुछ हासिल नहीं होता है।”

    इजराइली विवाद का अमेरिकी समाधान

    इजराइल विवाद में अमेरिका ने राजधानी तेलअवीव से अपने दूतावास को विवादित स्थान येरुशलम में स्थानांतरित कर दिया था, जिससे विवाद अधिक गहरा गया था।

    इस निर्णय पर अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी। बीते दिसम्बर में यूएन के सभी सदस्य देशों ने अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ मतदान किया था। हालांकि अमेरिका ने इस निर्णय को नज़रंदाज़ करते हुए इस साल के शुरुआत में दूतावास की स्थापना कर दी थी।

    इजराइल समस्त येरुशलम पर अपना हक़ मानता है जबकि फिलिस्तीन पूर्वी येरुशलम पर अपने अधिकार का दावा करता है। इस इलाके को इजराइल ने साल 1967 में जंग के दौरान अपने अधिकार में लिया था। येरुशलम में तीन धर्मों यहूदी, मुस्लिमों और ईसाईयों के पवित्र स्थल मौजूद है। इस विवाद के कारण येरुशलम में किसी भी देश का दूतावास नहीं है। इजराइल की राजधानी तेल अवीव में विश्व के 84 देशों के दूतावास मौजूद है। संयुक्त राष्ट्र और अधिकतर देश येरुशलम पर इजराइल के दावे को ख़ारिज करते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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