अश्वगंधा एक बहुत ही बेहतरीन प्राकृतिक औषधीय जड़ी बूटी है, जिसका सेवन शरीर की अनेकों समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। मुख्य रूप से अश्वगंधा को दिमाग के लिए बेहतर बताया जाता है।
इसके अलावा तनावग्रस्त लोगों को भी अश्वगंधा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। तनाव में अश्वगंधा शरीर में रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को कम करता है एवं दिमाग की कार्य क्षमता को बढ़ाता है। अश्वगंधा का उपयोग मुख्य रूप से अश्वगंधा चूर्ण के रूप में किया जाता है।
विषय-सूचि
अश्वगंधा के फायदे (ashwagandha benefits in hindi)
यहाँ हम अश्वगंधा के सेवन करने से होनें वाले मुख्य फायदों के बारे में चर्चा करेंगे।
शुगर के लिए अश्वगंधा के फायदे (ashwagandha for sugar in hindi)
कई तरह के परीक्षणों में यह पाया गया है कि अश्वगंधा शरीर के रक्त में शुगर की मात्रा को कम करता है।
दरअसल इसका इस्तेमाल खून में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ावा देता है जिससे डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में शुगर की समस्या से आराम मिलता है।
एक शोध में जब 6 डायबिटीज पीड़ित लोगों को अश्वगंधा का सेवन करवाया गया तो यह पाया गया कि बिना किसी अन्य दवाइयों के सेवन से सिर्फ अश्वगंधा का सेवन करने से अन्य दवाइयों जितना ही असर पड़ता है। (डायबिटीज की जानकारी)
इसका मतलब यह है कि डायबिटीज पर महंगी दवाइयों का जितना असर होता है उतना ही असर मात्र अश्वगंधा का सेवन करने से होता है।
अश्वगंधा तनाव के स्तर को कम करता है (ashwagandha for stress in hindi)
हमारे शरीर में ‘कोर्टिसोल’ नामक एक हॉर्मोन मौजूद होता है, जो शरीर में ज्यादा होने पर तनाव बढ़ाता है।
कई बार शरीर में ज्यादा मात्रा में ‘कोर्टिसोल’ होनें पर रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप कई तरह की बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं।
कई शोधों से यह पता चला है कि अश्वगंधा शरीर में ‘कोर्टिसोल’ की मात्रा को कम करता है, जिससे तनाव आदि में मदद मिलती है।
अलग-अलग परीक्षणों में यह सिद्ध हुआ है कि नियंत्रित मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करने वाले लोगों में 30 फीसदी तक तनाव को कम पाया गया है।
अश्वगंधा के फायदे अवसाद में (ashwagandha benefits for depression in hindi)
अवसाद ने वर्तमान समय में लोगों को घेर रखा है। इसके कारण लोगों के जीवन में अस्थिरता आ गयी है। इसी अस्थिरता का एक उपयोगी इलाज है “अश्वगंधा”।
तकरीबन 60 लोगों पर किये एक शोध में यह पाया गया है कि जिन लोगों ने प्रतिदिन 60 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन किया उनमें अवसाद की शिकायतों में 79% तक गिरावट आई थी। वहीं इसका प्रयोग न करने वालों में 10% तक वृद्धि आई थी।
हालांकि, इस विषय में अभी तक ज्यादा परिक्षण नहीं किये गए हैं लेकिन जितने किये गए हैं उनके परिणाम सकारात्मक हैं।
अश्वगंधा कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करता है
अश्वगंधा कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित रखकर हार्ट सम्बन्धी समस्याओं को दूर करता है।
एक परिक्षण में पाया गया है कि अश्वगंधा रक्त में मौजूद फैट को घटाता है जिससे कोलेस्ट्रोल का स्तर भी घाट जाता है।
कई अध्ययनों में पाया गया है कि अश्वगंधा का नियमित रूप से प्रयोग करने वालों में कोलेस्ट्रोल की मात्रा 53% तक घट जाती है और ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा 45% तक घटती है।
अन्य परीक्षणों में यह भी पाया गया है कि जो लोग अश्वगंधा को अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं उनमें ज्यादा फायदा देखने को मिला है।
अश्वगंधा के सुजन में फायदे (ashwagandha benefits in swelling in hindi)
कई परीक्षणों में पाया गया है कि अश्वगंधा के प्रयोग से सूजन भी कम हो जाती है।
कई परीक्षणों में पाया गया है कि इसका प्रयोग नेचुरल किलर सेल्स की गतिविधियों को बढाता है जो हमे स्वस्थ रहने और बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं।
कई शोधकर्ताओं ने यह पाया है न कि जिन लोगों ने प्रतिदिन 250 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन किया था उनके सीआरपी में 36% गिरावट आई थी।
अश्वगंधा मस्तिष्क और याददाश्त को तेज़ बनता है (ashwagandha for brain in hindi)
शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा के प्रयोग से पुरानी चोटों से उभरने में सहायक होता है। शोध में पाया गया कि ये नर्व सेल्स को मज़बूत करता है और दिमाग को तेज़ बनाता है।
हालांकि, आयुर्वेदिक चिकित्सा में अश्वगंधा का प्रयोग काफी समय से किया जा रहा है लेकिन अभी भी इस पर कई परिक्षण जारी हैं।
अलग अलग अध्ययनों में ये पाया गया है कि प्रतिदिन 500 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन करने वालों में उनके दिमाग की स्थिरता और प्रदर्शन में महत्त्वपूर्ण सुधार आया।
अश्वगंधा मांसपेशियों की क्षमता को बढ़ाता है (ashwagandha for muscles in hindi)
अश्वगंधा शरीर की शक्ति और मांसपेशियों की क्षमता बढाता है।
शोधकर्ता कई परिक्षण कर ये पहेचानने की कोशिश कर रहे हैं कि अश्वगंधा के सेवन की सुरक्षित मात्रा कितनी होनी चाहिए।
कई परीक्षणों में यह सिद्ध हुआ कि जिन लोगों ने 30 दिन तक प्रतिदिन 750-1250 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन किया उनकी मांसपेशियां मज़बूत हुई और उनके अन्दर फैट कम हुआ।
यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढाकर प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है
अश्वगंधा की खुराक पुरुष हार्मोन के स्तर और प्रजनन स्वास्थ्य पर शक्तिशाली प्रभाव डालती है।
शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा का प्रयोग रक्त में एंटीओक्सीडैन्ट्स के स्तर को बढाता है।
कई परीक्षणों में पाया गया है कि जिन पुरुषों ने अश्वगंधा का ज्यादा प्रयोग किया है उनमें बेहतर परिणाम पाए गए हैं।
अश्वगंधा के फायदे तनाव के लिए
अश्वगंधा अपनी तनाव दूर करने की काबिलियत के लिए जाना जाता है।
यह साबित किया गया है कि जिन लोगों ने अश्वगंधा का नियमित प्रयोग किया उनमें चिंता और तनाव नहीं पाया गया।
कई परीक्षणों के परिणाम में यह बात सामने आई है कि अश्वगंधा तनाव दूर करने की एक महत्त्वपूर्ण औषधि है।
60 दिन के लिए 64 लोगों पर किये गए परिक्षण में पाया गया की नियमित अश्वगंधा प्रयोग करने से उनके तनाव की परेशानी में 11% की गिरावट आई।
इसमें कैंसर से लड़ने की काबिलियत होती है (ashwagandha for cancer in hindi)
अश्वगंधा में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने की ताकत होती है।
यह कैंसर सेल्स के विकास को रोकता है। शोध में पाया गया है कि ये हर तरह के कैंसर से लड़ सकता है और उसकी समस्या में सुधार ला सकता है।
एक परिक्षण में पाया गया कि अश्वगंधा के प्रयोग से कैंसर में बन्ने वाले टियुमर सेल्स मर जाते हैं और कैंसर को बढ़ने से रोकते हैं।
अश्वगंधा नींद की समस्या को रखे दूर (ashwagandha for sleep disorder in hindi)
2017 में जापान में किये गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि अश्वगंधा में नींद को प्रेरित करने वाला यौगिक मौजूद होता है।
इस सर्वेक्षण के आधार पर यह माना जाता है कि अश्वगंधा नींद की समस्या निजात पाने में उपयोगी होता है।
अश्वगंधा कैंसर में उपयोगी
कुछ समय से विज्ञान भी आयुर्वेदिक औषधियों के गुणों को मानने लगा है। इसी के पक्ष में यह बात सामने आई है कि इसमें कैंसर प्रतिरोधी क्षमता होती है।
इसमें मौजूद एंटीट्यूमर गुण इसे कैंसर से लड़ने के काबिल बनाते हैं।
अश्वगंधा थाइरोइड ग्लैंड को उत्तेजित करता है (ashwagandha for thyroid in hindi)
एक शोध में पाया गया है कि यदि नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन किया जाये तो शरीर में थाइरोइड सम्बंधित उपयोगी होर्मोनेस उत्तेजित हो जाते हैं।
अश्वगंधा से इम्युनिटी बढ़ जाती है
एक शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा के नियमित सेवन से इम्युनिटी बढ़ जाती है और इम्मुनोसुप्प्रेस्सिव ड्रग द्वारा होने वाले बोन मेरो पर विषैले प्रभाव को भी रोकता है।
अश्वगंधा एनीमिया में उपयोगी (ashwagandha for anemia in hindi)
हेमतोपोइएसिस नमक प्रक्रिया से शरीर में नया खून बनता है। ऐसा पाया गया है कि अश्वगंधा का सेवन करने से इस प्रक्रिया की गति बढ़ जाती है।
चूहों पर किये गये एक सर्वेक्षण में पाया गया है अश्वगंधा का सेवन करने के बाद आरबीसी और डब्लूबीसी की मात्रा बढ़ गयी थी।
यही कारण है कि ये एनीमिया जैसी बिमारियों में उपयोगी होता है।
आँखों में समस्या का निवारण (ashwagandha for eyes in hindi)
हैदराबाद में हुए एक शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा में ऐसे एंटीओक्सीडैन्ट्स होते हैं जो इसे आँखों से सम्बंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए उपयोगी बनाते हैं।
अध्ययन में यह पाया गया है कि इसमें ऐसे गुण होते हैं जो आँखों को मोतियाबिंद से बचाते हैं।
अश्वगंधा संक्रमण दूर करे (ashwagandha for infection in hindi)
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में किये गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि अश्वगंधा में ऐसे एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पैथोजेनिक बैक्टीरिया के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता दिखाते हैं।
ऐसा पाया गया था कि अश्वगंधा की जडें और पत्तियां दोनों ही साल्मोनेला संक्रमण को खत्म कर देती हैं।
अश्वगंधा गठिया में लाभकारी
2014 में किये गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि अश्वगंधा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया की तीव्रता को कम कर देता है और इसके लक्षण से भी निजात दिलाता है।
अश्वगंधा किडनी की कार्य कुशलता बढ़ाये
अश्वगंधा में नेफ्रोप्रोतेक्टिव प्रभाव होता है जिसके कारण ये कुछ दवाइयों के विषैले प्रभाव को कम कर देता है। ये इसके एंटीओक्सीडैन्ट गुणों के कारण होता है।
अश्वगंधा मस्तिष्क को करे तेज़
कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि अश्वगंधा में मस्तिष्क को तेज़ करने और उसका कार्य कौशल बढाने के गुण पाए जाते हैं।
अल्झाइमर में लाभकारी
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ मेडिसिन में 2011 में किये गये शोध में यह पाया गया है कि अर्धशुद्ध अश्वगंधा की जड़ का प्रयोग करने से अल्झाइमर को ठीक किया जा सकता है।
अश्वगंधा मीनोपॉज में फायदेमंद (ashwagandha for women in hindi)
मीनोपॉज के दौरान महिलाओं को अनेक समस्याएं झेलनी पड़ती हैं लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है।
अश्वगंधा के प्रयोग से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है जैसे कि तनाव, मूड स्विंग, नींद की समस्या, याददाश्त कमजोर होना आदि।
अश्वगंधा उर्जावान बनाये
यदि आपको बहुत जल्दी थकान महसूस होने लगती है तो आप अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं।
शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा के सेवन से आपके शरीर की उर्जा और धैर्य में बढ़ोत्तरी होती है।
अधिवृक्क थकान का इलाज करता है
आपके अधिवृक्क ग्रंथि कुछ हार्मोन के स्राव के लिए ज़िम्मेदार हैं, जैसे एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल यदि आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव से दूर होते हैं, तो यह अधिवृक्क थकान कहलाता है।
इस स्थिति में, आपके थका हुआ अधिवृक्क ग्रंथि प्रोजेस्टेरोन जैसे अन्य हार्मोनों के संश्लेषण को बाधित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बांझपन और उम्र बढ़ने में तेजी होती है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि अश्वगंधा वास्तव में अधिवृक्क थकान के प्रभावों का विरोध कर सकती हैं।
बढती उम्र के लक्षणों को न दिखने दे
अश्वगंधा में प्रचुर मात्रा में एंटीओक्सीडैन्ट्स पाए जाते हैं जिसके कारण ये धूप की किरणों के कारण होने वाली क्षति से हमें बचाते हैं।
अश्वगंधा त्वचा के कैंसर से रक्षा करता है। इसके लिए आप ऐसा पैक बना सकते हैं जो आपकी त्वचा को एंटीएजिंग लाभ देता हो।
इसके लिए अश्वगंधा के चूर्ण में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर 15 मिनट के लगा लें फिर चेहरा पानी से धो लें।
अश्वगंधा घावों को भरे
अश्वगंधा घावों को भरने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एक बार लगाने पर यह चमत्कारी गुण दिखाता है।
इसके लिए अश्वगंधा की जड़ों को काट लें और पीस लें। इसे डिस्टिल्ड पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें।
आप चूर्ण के स्थान पर अश्वगंधा का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अश्वगंधा त्वचा की सूजन कम करे
अश्वगंधा को अपने शक्तिशाली विरोधी भड़काऊ गुणों के लिए लंबे समय से उपयोगी माना गया है।
इसमें मेंनोलिड्स नामक यौगिक शामिल हैं। यह यौगिक अर्क स्टेफिलाकोकास ऑरियस बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं जो त्वचा की सूजन और संक्रमण के लिए जिम्मेदार है।
केराटोसिस में लाभदायक
आयुर्वेदिक चिकित्सा में, अश्वगंधा का उपयोग अक्सर केराटोसिस से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।
यह एक ऐसी स्थिति है जहां कोई व्यक्ति अपनी त्वचा पर गैर-कैंसरयुक्त केरातिन की वृद्धि पा सकता है, जो कि उनकी त्वचा को किसी न किसी और सूखे समग्र रूप से बना देता है।
इस हालत से छुटकारा पाने के लिए, दिन में दो बार पानी के साथ 3 ग्राम अश्वगंधा लें।
अश्वगंधा कोर्टिसोल के स्तर को घटाए
यदि आप बहुत तनाव ग्रस्त रहते हैं तो इससे आपके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है जो आपकी त्वचा को नुक्सान पहुँचाता है। कोर्टिसोल के कारण त्वचा के लिए उपयोगी प्रोटीन का उत्पाद कम हो जाता है।
एक शोध में कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित रखने में इसकी उपयोगिता दिखायी गयी है।
अश्वगंधा कोलेजन का उत्पादन बढाता है
अश्वगंधा में पाए जाने वाले कुछ पदार्थ शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ा देते हैं। एस्ट्रोजन आपकी त्वचा को जवान और स्वस्थ रखता है और दाग धब्बों को दूर रखता है।
बालों की जड़ों को मजबूती दे (ashwagandha benefits for hair in hindi)
आयुर्वेद में काफी समय से अश्वगंधा का प्रयोग बालों से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता रहा है।
ये बालों की जड़ों तक रक्त का संचार सुधार देता है जिससे आपके बाल तेज़ी से बढ़ते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
अश्वगंधा बालों को मजबूत बनाये
बालों के झड़ने के लिए ज़िम्मेदार एक बहुत बड़ा कारण तनाव होता है। अश्वगंधा शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है जिससे बालों पोषण मिलता है और बालों को मजबूती मिलती है।
अश्वगंधा के फायदे रुसी में (ashwagandha for dandruff in hindi)
अश्वगंधा के एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ये बालों को रूसी से मुक्त रखता है और एक्जिमा जैसी समस्याओं को दूर करता है।
समय से पहले बालों को सफ़ेद न होने दे
अश्वगंधा के प्रयोग से शरीर में मेलेनिन का उत्पादन होता है जो बालों के रंग के लिए ज़िम्मेदार होता है और इसकी कमी से ही बाल सफेद होने लगते हैं।
इसके नियमित सेवन से बाल समय से पहले सफ़ेद नहीं होते हैं।
अश्वगंधा का आयुर्वेद में प्रयोग (use of ashwagandha in ayurved in hindi)
अश्वगंधा की पत्तियां, फल, बीज और जडें सभी को चिकित्सीय गुणों के कारण प्रयोग किया जाता है।
अश्वगंधा को रसायन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। रसायन एक ऐसी जड़ी बूटी होती है जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार देती है और आपको जवान रखने में सहायता करता है।
कितना लें?
अश्वगंधा के प्रयोग से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप अपने चिकित्सक से परामर्श ले लें कि इसको कितनी मात्रा में लिया जाना चाहिए।
- आमतौर पर दिन में 4-5 ग्राम अश्वगंधा का सेवन करें।
- इसके कैप्सूल भी उपलभ होते हैं तो दिन में 1-2 कैप्सूल लें, कोशिश करें कि शाम के समय लें।
- 2 ग्राम अश्वगंधा को उबले पानी में मिला लें। इसे 15 मिनट तक उबलने दें। 10 मिनट तक ठंडा होने दें लेकिन दिन में 2 कप से ज्यादा न लें।
अश्वगंधा के नुकसान (side effects of ashwagandha in hindi)
- अश्वगंधा के प्रयोग से आपकी किडनी में घाव हो सकते हैं।
- अत्यधिक लेने से इससे डायरिया हो सकता है।
- इसका अधिक सेवन करने से पेट में दर्द भी हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को पालने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे को मिलने वाला पोषण कम हो जाता है।
- यदि आप किसी प्रकार की दवाइयां ले रहे हैं तो अश्वगंधा का सेवन न करें।
- इससे आपका वजन भी बढ़ सकता है।
- इससे आपके ब्लड प्रेशर में भी गिरावट भी आ सकती है।
- इसमें इम्युनिटी बढाने की क्षमता होती है इसलिए एड्स, एचआईवी आदि बिमारियों के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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अश्वगंधा एक बेहतर औषधि है. इसके अपार औषधीय गुण हैं. आप नियमित रूप से इसका सेवन करें.
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