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    मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव

    पिछले कुछ वक्त से सपा के सितारे गर्दिश में चल रहे है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले देश के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवार में मतभेद उभर कर सामने आए थे और सपा दो धड़ों में विभाजित हो गई थी। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत उनके करीबियों को पार्टी से निकाल दिया था। अखिलेश यादव खुद सपा अध्यक्ष बन बैठे थे और सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को संरक्षक की भूमिका में सीमित कर दिया था। इस बिखराव का असर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों पर भी देखने को मिला। सत्ताधारी दल सपा को शिकस्त मिली और भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई थी।

    सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के समक्ष सपा पर अपना दावा पेश किया था और चुनाव आयोग ने फैसला अखिलेश यादव के पक्ष में सुनाया था। इसके बाद से ही यह चर्चा थी कि मुलायम सिंह यादव छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ मिलकर नई पार्टी शुरू कर सकते हैं पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली शिकस्त के बाद से यह चर्चाएं ठंडी पड़ गई थी। खबर आ रही है कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव मिलकर नई पार्टी शुरू कर सकते हैं और इसकी घोषणा नवरात्र के दौरान की जा सकती है। 3 दिन पहले कन्नौज में शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव का और अपमान अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अखिलेश यादव शुरुआत से ही शिवपाल सिंह यादव को पसंद नहीं करते हैं। माना जा रहा है कि शिवपाल सिंह यादव नेताजी को आगे कर शिवपाल अखिलेश यादव पर वार करना चाहते है।

    राष्ट्रपति चुनावों के दौरान फिर नजर आए थे मतभेद

    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद सपा के आंतरिक मतभेद कुछ वक्त के लिए सुलझते नजर आ रहे थे पर राष्ट्रपति चुनावों के दौरान मतभेद फिर से खुलकर सामने आ गए थे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार की उम्मीदवारों का समर्थन किया वहीं मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन किया। राष्ट्रपति चुनाव के दिन शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि अखिलेश यादव के गुट के 15-20 विधायक रामनाथ कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करेंगे जिससे इन अटकलों को बल मिला था कि मुलायम सिंह यादव का गुट नई पार्टी बनाने जा रहा है।

    लोहिया ट्रस्ट की बैठक के बाद होगा फैसला

    आगामी 21 सितम्बर को मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई है। इस ट्रस्ट के सदस्यों में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव भी शामिल हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह दोनों इस बैठक में शामिल होते है? लोहिया ट्रस्ट की बैठक से पूर्व अखिलेश यादव ने आज लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। अखिलेश यादव को अंदाजा हो चूका है कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव नई पार्टी का गठन कर सकतरे हैं इसलिए वह सपा में अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहते है। 23 सितम्बर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में सपा का प्रादेशिक सम्मलेन बुलाया है। इसके बाद 5 अक्टूबर को आगरा में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है। राष्ट्रीय अधिवेशन के माध्यम से अखिलेश यादव एक बार फिर सपा में अपना वर्चस्व दिखाना चाहते है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।