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    कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी

    कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में भारत के वर्तमान स्थिति और भविष्य में उनकी योजनाओं के बारे में बातचीत की।

    2014 में कांग्रेस पार्टी की हार पर राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी ने उस समय जो 30000 नौकरियों का वादा किया था, वह उसे नहीं निभा सके। इसपर उन्होंने मोदी सरकार को भी घेरते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियां देखकर यह नहीं लगता कि मोदी सरकार भी इसे पूरा कर पाएगी।

    गाँधी ने कहा कि देश में हर रोज 30000 नौजवान नौकरी के लिए तैयार हो रहे हैं, लेकिन सरकार सिर्फ 400 नौकरियां ही उपलब्ध करा पा रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार देना किसी भी सरकार की सबसे बड़ी चुनौती होती है।

    पिछले लोक सभा चुनावों में मोदी के जीतने पर उन्होंने कहा कि उस समय पुरे देश को बेरोजगारी की शिकायत थी। इसी के चलते देश में नरेंद्र मोदी की लहर बनी। अमेरिका का भी उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी लोग बेरोजगारी से परेशां थे और इस कारन से डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार बनी थी।

    इसके बाद राहुल गाँधी ने सरकार द्वारा शुरू की गयी ‘मेक इन इंडिया’ योजना पर कहा कि मैं इसका समर्थन करता हूँ लेकिन सरकार को इसे लागू करना नहीं आता। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश की बड़ी कंपनियों को फायदा होगा जबकि बड़ी मात्रा में रोजगार छोटी और मध्य वर्ग की कंपनियों से बनते हैं।

    राहुल ने आगे जीएसटी का भी समर्थन किया और कहा कि यह योजना कांग्रेस पार्टी की थी जिसका श्रेय मोदी सरकार को मिल गया है। हालाँकि इसपर उन्होंने कहा कि सभी शक्तियों को केंद्रित करना भी सही नहीं है।

    इसके बाद गाँधी ने भारत-चीन संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा कि दोनों देश आने वाले समय में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को आर्थिक विकास के लिए एक साथ काम करने की जरूरत है।

    उन्होंने चीनी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि चीन बहुत तेजी से विकास कर रहा है और इसमें उनकी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन से सीखना चाहिए और विकास में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने रोजगार के छेत्र में चीन की बड़ाई करते हुए कहा कि चीन ने इस समस्या का हल निकल लिया है और भारत को भी इसमें चीन के रस्ते पर चलना चाहिए।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।