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अमेरिका और चीन

अमेरिका और चीन के मध्य व्यापर्ब को अगले सप्ताह बहाल किया जायेगा। एक लम्बे अबतराल के पश्चात वार्ता को दोबरा शुरू किया जायेगा। अधिकारी के हवाले से सीएनएन ने प्रकाशित रिपोर्ट में कहा कि ट्रेज़री सेक्रेटरी स्टीवन मनुचिन और अमेरिकी व्यापर प्रतिनिधि रोबर्ट लइतीज़ूर चर्चा के लिए चीन की तरफ रवाना हो चुके हैं। इस यात्रा का मकसद दोनों देशो के मध्य व्यापार समझौते को मुक्कमल करना है।

वांशिगटन में अगले स्तर की वार्ता के लिए चीनी प्रतिनिधियों के समूह का उप प्रधानमंत्री लिउ हे नेतृत्व करेंगे। ब्राज़ील समकक्षी जैर बोल्सोनारो ने मंगलवार को साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “चीन अच्छा कर रहा है। चीन की बातचीत की प्रक्रिया काफी अच्छी जा रही है।”

हाल ही में, 1 मार्च से पूर्व बैठक के आयोजन के बाबत डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि इस तय समयसीमा से पूर्व मुलाकात नहीं हो सकती है। ट्रम्प ने कहा कि अंतिम प्रस्ताव मेरे और शी जिनपिंग के मुलाकात के बाद ही संपन्न हो पायेगा।

रायटर्स के मुताबिक चीन के वाणिज्यिक मंत्री वांग शौवेन ने कहा कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता बराबरी और साझा हितों से जुड़ी हुई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद हैं कि दोनों देश अपने बीच जमी बर्फ को पिघालने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाएं।

चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले सप्ताह आयोजित जी -20 के सम्मेलन में मुलाकात कर सकते हैं। व्यापार समझौते पर दुनिया की दो ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं टकराती रही है। मंत्री वांग ने कहा कि दोनों राष्ट्र एक ही दिशा की और अग्रसर है और जल्द ही इन दिक्कतों के समाधान खोज लेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रों के नेताओं के दिशा निर्देशों के मुताबिक अधिकारी संपर्क में हैं।

वांशिगटन चाहता है कि अमेरिका अपने बाज़ार के द्वार खोले और उद्योगिक सब्सिडी घटाकर, 375 बिलियन डॉलर के व्यापार अंतर को भरे। डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी उत्पादों के निर्यात पर 250 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया था। सूत्रों के मुताबिक 200 बिलियन डॉलर के चीनी उत्पादों पर जनवरी से 10 से 25 फीसदी तक बढेगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने धमकी दी है यदि चीन अमेरिका की मांगों को पूरा करने में असमर्थ रहता है तो 267 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया जायेगा।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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