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    विवेक दहिया ने की कास्टिंग काउच, संघर्ष, दिव्यांका त्रिपाठी और पसंदीदा सह-कलाकारों पर बात

    अभिनेता विवेक दहिया जिन्होंने शो ‘वीरा’ में एक नकारात्मक किरदार से टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा था, उन्होंने ‘क़यामत की रात’ में राज के किरदार से सभी का दिल जीत लिया। उनके ‘यह है मोहब्बतें’ में एसीपी अभिषेक और ‘कवच’ में राजबीर के किरदार को भी बहुत सराहा गया था। अभिनेता ने हाल ही में टाइम्स ऑफ़ इंडिया से अपनी ज़िन्दगी के कई पहलुओं पर बात की-

    संयोग से किया अभिनय 

    मैंने वास्तव में कभी अभिनेता बनने का सपना नहीं देखा। किस्मत ने अपना दांव खेला और मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा। मैं कभी कभी मॉडलिंग कर लेता था क्योंकि मैं चंडीगढ़ में अपनी कॉर्पोरेट जॉब से खुश नहीं था। दोस्त ने अभिनय करने का और ऑडिशन देने का सुझाव दिया। फिर मैं छह महीने के लिए, अकाउंट में 50,000 रूपये लेकर मुंबई आया। मैंने फैसला किया कि पहले जो भी खत्म हो, मैं बस्ता उठा कर वापस चला जाऊंगा।

    VIVEK

    कठिन संघर्ष 

    शुरुआत में, ऑडिशन देते वक़्त मैं वास्तव में कई मुद्दों को संभाल लेता खासतौर पर स्क्रिप्ट के साथ। अपनी पहली नौकरी मिलने से पहले, मैंने 300-400 ऑडिशन तो दिए होंगे। फिर मुझे चुना गया और मैंने शूटिंग शुरू की। मैं सातवे आसमान पर था। फिर मैंने अपने पिता को कॉल किया जो घबराये हुए थे क्योंकि तब तक मेरा कई चयन नहीं हुआ था। कीमत बड़ी नहीं थी लेकिन इतने समय बाद बड़ा प्रोजेक्ट मिलना मेरे लिए बड़ी बात थी। वो केवल शुरुआत थी।

    कास्टिंग काउच 

    ये हर जगह होता है लेकिन ये तुम पर निर्भर है। मैंने इन्हें नजरंदाज़ किया और अपने सिद्धांतों के साथ आगे गया। एक बार मुझे कोऑर्डिनेटर ने अपने ऑफिस बुलाया और कहा कि इस इंडस्ट्री में मेरा टिकना बहुत मुश्किल है क्योंकि मेरा गॉडफादर नहीं है और नेपोटिस्म अपने चरम पर है। तो उन्होंने शुरू में मुझे सुझाव दिया कि पूरे किरदार पाने के लिए मुझे लोगो को पैसे देने होंगे। लेकिन मुझे पता था ये सच नहीं है। जब मैंने मना किया तो उन्होंने कास्टिंग काउच का विकल्प दिया।

    VIVEK DAHIYA 2

    जब मैंने उनसे पूछा कि ऐसे तरीको से हटकर कोई रास्ता है तो उन्होंने कहा-“तुम्हारे जूते घिस जाएँगे लेकिन तुम्हे काम नहीं मिलेगा। कुछ नहीं होगा।” मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास बहुत सारे जूते है और एक नहीं तो दूसरा पहन लुंगा लेकिन मैं सही रास्ता ही अपनाऊंगा। मैं स्पष्ट था।

    पत्नी दिव्यांका त्रिपाठी है लकी चार्म 

    मैं निश्चित रूप से दिव्यांका को अपना लकी चार्म मानता हूँ। ऊपर से मेरे पिता ने बहुत बार कहा है कि वह मेरे लिए बिल्कुल भाग्यशाली हैं। उन्होंने मुझे पहले कहा था कि जब तुम्हे अपनी साथी मिल जाएगी तो यूनिवर्स तुम्हारे लिए आश्चर्यजनक रूप से बात करेगा। यह बात मेरे साथ रही और मैं इंतजार कर रहा था कि क्या होता है। और मुझे यकीन नहीं हुआ जब शादी के तुरंत बाद ‘कवच’ मुझे मिला। मैंने सोचा-हां, यह बात काम कर रही है। दिव्यांका पूरी तरह से मेरी भाग्यशाली शुभंकर हैं।

    DIVYANKA-VIVEK

    सबसे पसंदीदा सह-कलाकार 

    करिश्मा तन्ना एक शानदार सह-कलाकार रही हैं। वह अपनी राय में वास्तव में सच है। मैं काफी भाग्यशाली रहा हूँ कि मैंने उनके साथ ‘क़यामत की रात’ में काम किया। मोना सिंह भी लगातार मुझसे कहतीं और मुझे सुझाव देतीं अगर ‘कवच’ के दौरान कोई दृश्य सही नहीं होता। आपका सबसे अच्छा जज आपका सह-कलाकार है। करिश्मा और मोना वास्तव में मददगार रही हैं।

    KARISHMA-VIVEK

    मोना सिंह के साथ शूट करने में अजीबता

    मुझे याद है हमारा पहला दृश्य ही रोमांटिक था। मैंने ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ को पसंद किया था जब मैं इंडस्ट्री में नहीं था। और इतने सालो तक उसी अभिनेत्री के साथ काम करना थोड़ा अजीब था। मैं ठीक से शॉट नहीं दे पाया और मेरे निर्देशक ने मेरा मनोबल बढ़ाया था। मोना ने भी मेरी झिझक समझी और मुझे सहज महसूस करवाया। दृश्य के बाद, मैंने मोना को उन्हें छूने देने के लिए धन्यवाद किया। उसके बाद हम काफी अच्छे दोस्त बन गए।

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    फैंस करते हैं प्रोत्साहित

    मेरे फैंस ने मुझे ज्यादा मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके सन्देश, टिपण्णी और प्रशंसाओं ने मुझे बेहतर बनाया है। मुझे याद है ‘वीरा’ के दिनों में, ट्रैफिक सिग्नल पर एक किन्नर आई और अपना हाथ रख कर ऑटोग्राफ मांगने लगी। मेरा दिल बहुत खुश हुआ था और वो लम्हा हमेशा मेरे साथ रहेगा।

     

     

     

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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