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    एमिनो एसिड (Amino Acid in Hindi)

    अमीनो एसिड जैविक यौगिक (organic compound) जिसमे a-कार्बन के एमिनो समूह (NH2) एवं अम्लीय समूह (COOH) पाया जाता है। इसलिए इनको a-एमिनो एसिड भी कहा जाता है। यह सभी विकल्पित (substitute) मीथेन है। सभी प्रोटीन α-एमिनो एसिड के पॉलीमर होते हैं। एमिनो एसिड में एमिनो (-NH2) एवं कार्बोक्सील (-COOH) फंक्शनल समूह मौजूद होते हैं। कार्बोक्सील समूह में उनके स्थान के आधार पर α, β, γ, δ के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। α-एमिनो एसिड प्रोटीन के हाइड्रोलिसिस से मिलते हैं।

    हर α-एमिनो एसिड का एक अनोखा नाम होता है जिससे उसकी यौगिक या स्रोत के विशेषता का पता चलता है। Glycine (ग्रीक भाषा = मीठा ) का नाम ऐसा इसलिए है क्योंकि उसका स्वाद मीठा होता है। Tyrosine (ग्रीक – cheese) पहली बार cheese से प्राप्त हुआ था। एमिनो एसिड के अणु (molecule) में एमिनो एवं कार्बोक्सील समूह की जितनी संख्या होती है, उस आधार पर उनको अम्लीय (acid), क्षार (basic) एवं न्यूट्रल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

    • अगर एमिनो और कार्बोक्सील ग्रुप समान बराबर मात्रा में हो, एमिनो एसिड न्यूट्रल होते हैं।
    • अगर एमिनो की संख्या कार्बोक्सील से ज्यादा हो तो वह क्षार (basic) होता है।
    • अगर कार्बोक्सील समूह एमिनो से ज्यादा हो तो वह अम्लीय (acidic) होता है।

    शरीर के लिए जो एमिनो एसिड नहीं बन सकते वह खाना द्वारा लेना जरुरी है, जिसे essential एमिनो एसिड कहा जाता है।

    प्रोटीन (Protein in Hindi)

    प्रोटीन जीवों में पाया जाने वाला सबसे प्रमुख जैविक अणु (biomolecule) है। दूध, पनीर, दाल, मूंगफली, मीट, मछली आदि प्रोटीन के प्रमुख स्रोत हैं। यह सभी प्रकार के जैविक शरीरों में पाए जाते हैं एवं शरीर के संरचना एवं अंगों के कार्य प्रणाली के लिए जरुरी हैं। यह एक पॉलीपेप्टाइड हैं। खाने से मिलने वाले प्रोटीन एमिनो एसिड के प्रमुख स्रोत हैं। non-essential एमिनो एसिड वह हैं जिनका निर्माण शरीर में हो जाता है जबकि essential एमिनो एसिड खाद्य से प्राप्त होता है। Collagen जीवों के शरीर में पाया जाने वाला एक प्रमुख प्रोटीन है।

    प्रोटीन की संरचना (Structure of Protein in Hindi)

    हम पहले ही पढ़ चुके हैं कि प्रोटीन α-एमिनो एसिड के पॉलीमर हैं। यह पेप्टाइड बंध के द्वारा एक दूसरे से जुड़े होते हैं। रासायनिक तौर पर पेप्टाइड बंध एक amide (एक यौगिक जिसमे C(O)NH2 समूह मौजूद होता है) है।

    जब एमिनो एसिड के दो समान या विभिन्न अणुओं में प्रक्रिया होती है तब एमिनो समूह का एक अणु कार्बोक्सिलिक समूह के दूसरे अणु से संयोजित हो जाती है, इससे पानी का एक अणु का अणु हट जाता है एवं पेप्टाइड बंध -CO-NH- का निर्माण होता है। परिणाम में मिले अम्ल को डाइपेप्टाइड कहा जाता है क्योंकि यह दो एमिनो एसिड से मिलकर बना है। अगर तीसरा एमिनो एसिड आकर डाइपेप्टाइड में प्रक्रिया करता है तो उसे ट्राइपेप्टाइड कहा जाता है।

    रेशेदार प्रोटीन (Fibrous Protein in Hindi)

    जब पेप्टाइड चेन की समानांतर (parallel) संरचना होती है और वह हाइड्रोजन और डाईसल्फाइड बंध द्वारा बंधे हुए होते हैं तब एक रेशेदार संरचना बनती है। इस प्रकार के प्रोटीन पानी में नहीं घुलते। उदहारण:- keratin, myosin आदि।

    ग्लोब्यूलर प्रोटीन

    इसमें पॉलीपेप्टाइड एक गोलाकार वस्तु के चारों ओर सिमटा (coiled) रहता है। यह पानी में घुल जाते हैं। उदाहरण:- इन्सुलिन, albumin।

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