पाकिस्तान नेशनल डे का आयोजन 23 मार्च को होगा और भारत के मना करने के बावजूद इस कार्यक्रम में हुर्रियत के नेताओं को आमंत्रित किया है। इसके खिलाफ भारत सरकार ने अपना विरोध व्यक्त किया है साथ ही उच्चायोग में आयोजित इस समारोह में भारत का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नही होगा।
मीडिया की खबरों के अनुसार पाकिस्तान उच्चायोग ने 22 मार्च को हुर्रियत के नेताओं को इस समारोह में शरीक होने का आमंत्रण भेजा था। पाकिस्तान हमेशा नेशनल डे में हुर्रियत के नेताओं को आमंत्रित करता रहा है, लेकिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने अपना रवैया सख्त कर दिया है।
23 मार्च 1940 को मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान के गठन के लिए लाहौर में प्रस्ताव पारित किया था। 23 मार्च 1956 को पाकिस्तान ने अपना पहला संविधान अपनाया था। इस वर्ष मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद पाकिस्तानी दिवस के मुख्य अतिथि होंगे।
बीते वर्षो से भारत ने कई मंत्रालयों के मंत्री को पाकिस्तान दिवस में प्रतिनिधि के तौर पर भेजा है। इसमें विदेश मामलों राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर और राज्य कृषि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल है। यह एक राजनीतिक परंपरा होती है जिसके तहत मेज़बान देश राष्ट्रीय समारोह में उच्चायोग या दूतावास को आमंत्रित करता है।
इस वर्ष जनवरी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हुर्रियत के नेता मीरवायज उमर फ़ारूक़ से बातचीत की थी। इस बाद भारत ने नई दिल्ली में नियुक्त पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद को तलब किया था और इस बाबत विरोध जताया था।
पाकिस्तानी परेड में चीनी विमान लेंगे हिस्सा
चीनी वायु सेना के जे-10 लड़ाकू विमान 23 मार्च को पाकिस्तानी दिवस में आयोजित परेड में शामिल होंगे। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पीपल लिब्रेशन आर्मी की वायु सेना के बायीं एरोबेटिक टीम शनिवार को पाकिस्तान पंहुच चुकी है ताकि फ्लाइट परफॉरमेंस की तैयारी कर सके।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन, सऊदी अरब और तुर्की इस परेड में शामिल होगा। शंघाई अकेडमी ऑफ़ सोशल साइंस के रिसर्च फेलो हुई जहियोंग ने कहा कि “चीन का लड़ाकू विमानों को परेड में शामिल होने के लिए भेजना दोनों देशों की मज़बूत दोस्ती को प्रदर्शित करता है। पाकिस्तान चीन का सदाबहार दोस्त है।”