ताशकंद फाइल्स बॉक्स ऑफिस अपडेट: विवेक अग्निहोत्री की थ्रिलर ‘द ताशकंद फाइल्स‘ बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा ट्रेंड कर रही है।
मंगलवार को फिल्म ने 0.36 करोड़ का कलेक्शन किया और यह शुक्रवार की संख्या 0.40 करोड़ के समान है। फिल्म अपने पांचवें दिन भी काफी स्थिर है और इस बात से यह साबित होता है कि फिल्म को पसंद किया गया है।
फिल्म ने अब तक 2.91 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और हालांकि संख्या कम है, लेकिन हमें इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि फिल्म बहुत ही छोटे स्तर पर रिलीज़ की गई है। फिल्म का स्क्रीन काउंट महज 250 है।
#TheTashkentFiles shows solid trending on weekdays, despite limited showcasing [250 screens/few shows at plexes]… Tue biz higher than Mon biz, 👍👍👍… Fri 40 lakhs, Sat 80 lakhs, Sun 1 cr, Mon 35 lakhs, Tue 36 lakhs. Total: ₹ 2.91 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) April 17, 2019
वास्तव में ‘कलंक’ के रिलीज़ होने के कारण फिल्म की स्क्रीन आज और कम हो गई है। हालाँकि फिल्म में अगले कुछ हफ़्तों तक भी बने रहने की योग्यता है।
यदि ऐसा होता है तो फिल्म अच्छी कमाई कर सकती है।
Great News: #TheTashkentFiles despite a small release has garnered more footfalls on Tuesday than Fri/Mon.
Despite such growth most multiplex chains have cut down our shows due to #Kalank.
If you really loved the film, pl force @_PVRCinemas @INOXMovies etc to show it. pic.twitter.com/qZqhqGeNbL
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 17, 2019
लाल बहादुर शास्त्री की मौत कहानी को सिल्वर स्क्रीन पर लाना, निश्चित रूप से यह उत्सुकता पैदा करता है कि फिल्म कैसे बनाई गई है। फिल्म में कई दिग्गज कलाकार शामिल हैं। ‘ताशकंद फाइल्स‘ स्वर्गीय प्रधान मंत्री की मृत्यु के आसपास की रहस्यमय परिस्थितियों के चारों ओरघूमती है जिसके रहस्य आजतक अनसुलझे हैं।
इससे पहले, ट्रेड एनालिस्ट और फिल्म समीक्षकों ने स्टार कास्ट और उनके पहले लुक का खुलासा करते हुए फिल्म के पोस्टर का अनावरण किया था।
विवेक ने एक साक्षात्कार में कहा था कि, “उनकी मृत्यु के तुरंत बाद, शास्त्री के परिवार के सदस्यों ने आधिकारिक तौर पर तत्कालीन कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा से पोस्टमार्टम का अनुरोध किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। परिवार ने पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से भी अनुरोध किया था, लेकिन एक बार फिर से ध्यान नहीं दिया गया।”
10 जनवरी, 1966 को, शास्त्री ने ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और कुछ ही घंटों बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। इस मृत्यु का रहस्य आज तक अनसुलझा है। क्या यह दिल का दौरा था या जहर था? सबसे बड़े कवरअप की सच्चाई को उनके परिवार और हमारे लिए नकार दिया गया है।
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