एक्टर और मक्कल निधि मायम(एमएनएम) के राष्ट्रपति कमल हसन ने मंगलवार के दिन, केरल सरकार से और वहा के लोगो से अपील की है कि वे राजनीती से उठकर तमिल नाडु में “गाजा” की वजह से हुए नुकसान में मदद करें।
हसन ने कहा कि “चक्रवात गाजा” ने तमिल नाडु के कई ज़िलों में भारी तबाही मचाई है और वहा कई लोगो की ज़िन्दगी और सामान को नुकसान पहुँचा है।
हसन ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से मदद मांगने के लिए उन्हें एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है-“एमएनएम केरल सरकार से और वहा के लोगो से अपील करता है कि वे सामने आये और जो भी उनसे बन पड़े उस तरीके में तमिल नाडु को वापस अपने पैरो पे खड़े होने में मदद करे। कलह के वक़्त ही मानव भलाई चमकती है।”
एक्टर ने ये कहा कि “चक्रवात गाजा” से होने वाले नुकसान की भरपाई करने में कई साल लग जाएंगे। मगर उन्होंने इस बात पे ज़ोर देते हुए भी कहा कि वे पुनर्वास का काम जल्द शुरू कर सकते हैं और अपने राज्य में सामान्य स्तिथि लाने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस तूफ़ान में लोगो के घर, पेड़ और मछुआरों की नाव भी खराब हो गयी हैं।
हसन के मुताबिक, “किसानो और मछुआरों के कमाने का एकमात्र जरिया इस तूफ़ान में नष्ट हो चूका है। तो हम आपसे(केरल निवासी) आग्रह करते हैं कि आप राजनीती और बाकि जुड़ाव से ऊपर उठकर मानव दयालुता की मूल भावना दिखाएं। मानव होना मानवता का आधार है। ये लोगो को साथ जोड़कर रखता है और यही आज तमिल नाडु की जरुरत भी है।”
“चक्रवात गाजा”, जो तमिल नाडु में 16 नवंबर को आया था, उसने अपने चपेट में 45 लोगो की जाने ले ली थी। 1.7 पेड़ो को जड़ से उखाड़ दिया और 88,102 हेक्टर की कृषि भूमि को खराब कर दिया है।
इसने कुछ ज़िलों में भारी तबाही मचाई थी। उन ज़िलों के नाम हैं- नागपट्टिनम, थंजावुर, पुडुकोट्टई और तिरुवरुर। और पड़ोस के पुडुचेर्री में कराईकल को भी इसने नहीं छोड़ा था। गाजा ने तमिल नाडु के शिवगंगा, मदुरई, डिंडीगुल, करूर और थेनि में छोटा मोटा नुकसान किया था।
तमिल नाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानिस्वामी ने केंद्र सरकार से राहत कार्य के लिए 15,000 करोड़ देने का आग्रह किया है।