अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गेगांग अपांग ने मंगलवार को पार्टी को ये कहकर इस्तीफा दे दिया कि वे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों का अब पालन नहीं करती है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिए इस्तीफा पत्र में उन्होंने लिखा-“मुझे ये देखकर निराशा हुई कि वर्तमान में भाजपा अब स्वर्गीय वाजपेयी जी के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा-“पार्टी अब सत्ता पाने का एक मंच बन गयी है, यह एक ऐसे नेतृत्व का काम करती है, जो विकेंद्रीकरण या लोकतांत्रिक निर्णय लेने से नफरत करता है और जिन मूल्यों के लिए पार्टी की स्थापना की गई थी, उन पर विश्वास नहीं करते हैं।”
“2014 में अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने बीजेपी को सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया था। बीजेपी नेतृत्व ने डर्टी ट्रिक्स का इस्तेमाल कर दिवंगत कलिखो पुल को मुख्यमंत्री बनाया था। सुप्रीम कोर्ट के एक प्रतिकूल फैसले के बावजूद, बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई। पुल की आत्महत्या के मामले में भी उचित जांच नहीं की गई और ना ही वर्तमान बीजेपी नेतृत्व ने पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में सरकार बनाने में नैतिकता का ख्याल रखा।’
उन्होंने आगे कहा कि अतीत में भाजपा ने हमेशा पार्टी के सदस्यों से उनके विचार पूछे है और तब नेतृत्व के मुद्दों पर फैसला किया है। ऐसी अलोकतांत्रिक प्रथाएँ उन दलों के लिए नहीं हैं जो आडवाणी, वाजपेयी, बी.एस. शेखावत, कुशाभाऊ ठाकरे, मदन लाल खुराना, राजमाता सिंधिया और सिकंदर बाखल जैसे लोगों के नेतृत्व में आगे बढ़ा हो।
उनके मुताबिक, “चाहे आम लोगों के लिए बनाई गयी सरकारी योजनायें हो या नागा शांति वार्ता, चकमा-हाजोंग मुद्दा, नागरिकता बिल, दूरसंचार व वास्तविक समय में डिजिटल कनेक्टिविटी के साथ ही बांग्लादेश, म्यांमार और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने जैसे अहम मुद्दे, दोनों ही पार्टी और मोदी सरकार असल मुद्दों को संबोधित नहीं कर रही है।”
अपांग ने अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘राज धर्मा’ को लेकर वाजपेयी जी के सिद्धान्तों को याद करने के लिए कहा, और फिर बोले कि इतिहास उनके आंकेगा।