सारा अली खान और जाह्नवी कपूर को इस साल बॉलीवुड में आए स्टार किड्स में सबसे अच्छा मान सकते हैं। सारा ने ‘केदारनाथ’ फ़िल्म से बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा है। दर्शकों और समीक्षकों को सारा का अभिनय पसंद आया है।
फिलहाल सारा अपनी दूसरी फ़िल्म के रिलीज़ की तैयारियों में लग गई हैं। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया था कि उनकी माँ ने उन्हें स्क्रीन पर देखकर क्या प्रतिक्रिया दी थी।
सारा ने बताया कि अमृता सिंह ने स्क्रिप्ट सुनी थी और फ़िल्म की शूटिंग भी देखी थी पर जब फ़िल्म का क्लाइमेक्स आया तो अमृता रो पड़ी।
फ़िल्म ‘केदारनाथ’ उत्तराखंड बाढ़ 2013 की एक प्रेमकथा है। फ़िल्म के टीज़र में सुशांत और सारा के बीच किस्सिंग सीन भी है। इस फ़िल्म में सारा एक हिन्दू तीर्थयात्री की भूमिका निभा रही हैं वहीं सुशांत एक मुस्लिम व्यक्ति के किरदार में हैं जो तीर्थयात्रियों को पहाड़ के ऊपर मंदिर तक पहुचने में मदद करता है।
बाढ़ के समय दोनों अपने प्यार को जिंदा रखने के लिए कितनी कोशिश करते हैं। सारा बागी हैं वहीं सुशांत एक सीधे-साधे व्यक्ति हैं जो मंदिर के नीचे एक गाँव में अपनी विधवा माँ के साथ रहता है और लोगों को मंदिर तक पहुचने में मदद कर के अपनी आजीविका चलाता है।
अजेन्द्र अजय जो बी जे पी के सदस्य हैं ने सी बी एफ सी को लिखा था कि, ”फ़िल्म में मुख्य भूमिका में कोई किरदार हिन्दू नहीं है जिससे हिन्दू धर्म की भावनाएं आहत हो रही हैं। फ़िल्म में मुख्य किरदार मुस्लिम है जो एक हिन्दू तीर्थ यात्री से प्यार कर लेता है यह सब उस समय आई हुई आपदा में होता है। यह अपमानजनक है और उस हादसे के महत्त्व को कम करता है। ”
उन्होंने सी बी एफ सी को यह भी लिखा था कि फ़िल्म लव जिहाद का प्रचार करती है और जिसके करण करोड़ों हिन्दुओं की आस्था हिल गई है। फ़िल्म प्रोड्यूसर रोंनी स्क्रेव्वाला और प्रज्ञा कपूर ने अब तक इस बात पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हालांकि न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया था फिर भी फ़िल्म उत्तराखंड के कई जिलों में बैन थी।
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