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    कंप्यूटर नेटवर्क में रोल बेस्ड एक्सेस कण्ट्रोल role based access control in hindi, computer networks

    विषय-सूचि

    RBAC क्या है? (role based access control in hindi)

    रोल बेस्ड एक्सेस कण्ट्रोल (RBAC) किसी भी आर्गेनाईजेशन के नेटवर्क में व्यक्ति के रोल के हिसाब से नेटवर्क को एक्सेस करने कि अनुमति देता है।

    ये एडवांस एक्सेस कण्ट्रोल का एक प्रमुख मेथड बन कर उभरा है। यहाँ किसी के रोल का अर्थ हुआ नेटवर्क के अंदर उस कर्मचारी के एक्सेस का लेवल।

    इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी कर्मचारी नेटवर्क में वही चीजों को एक्सेस कर सकता है जो उसका काम अच्छे से पूरा करने में सहायक हो।

    एक्सेस अलग-अलग चीजों पर निर्भर कर सकता है जैसे कि अथॉरिटी, जिम्मेदारी, जब competency इत्यादि। इसके अलावे कंप्यूटर के अन्साधं तक एक्सेस भी सिमित हो सकता है जैसे कि किसी फाइल को देखना, बनाना या फिर मॉडिफाई या एडिट करना।

    इसके परिणामस्वरूप आर्गेनाईजेशन में नीचले लेवल पर आने वाले कर्मचारियों को उन सेंसिटिव डाटा को एक्सेस नही कर पाएंगे जब तक कि उनको अपने काम में उनकी जरूरत ना पड़ जाये।

    ये तब बहुत ही उपयोगी साबित होता है जब आपके पास बहुत से कर्मचारी हैं और आप थर्ड पार्टी या कॉन्ट्रैक्टर्स का प्रयोग करते हैं जो कि नेटवर्क को नजदीक से मॉनिटर या कण्ट्रोल करने में कठिनाई पैदा करते हैं। RBAC आपके कंपनी के सेंसिटिव डाटा और महत्वपूर्ण एप्लीकेशन को सिक्योर करता है।

    RBAC के कार्य (function of role based access control in hindi)

    अब हम जानेंगे कि रोल बेस्ड एक्सेस कण्ट्रोल काम कैसे करता है। जब कोई भी यूजर नेटवर्क में लॉग-इन करता है तो नेटवर्क उसे उसके पोस्ट या रोल के हिसाब से एक सिक्यूरिटी पालिसी असाइन करता है।

    अगर ये एक एम्प्लोयी का कंप्यूटर है तो सिक्यूरिटी पालिसी उसे Employee यूजर एक्सेस ग्रुप के अंदर असाइन करेगा जिसमे वो नेटवर्क फीचर होंगे जो पहले से ही उन्हें असाइन किये गये होंगे। जैसे उदाहरण के तौर पर ईमेल सर्वर, वेब गेटवे, और कुछ सिमित इन्टरनेट सर्वर के सेट इत्यादि।

    ऐसे ही उदाहरण के तौर पर किसी अस्पताल को ले लीजिये। अस्पताल में कोई यूजर अगर गेस्ट वाले वाई-फाई से कनेक्ट करना चाह रहा है और वो मरीज है तो उसे आटोमेटिक रूप से नेटवर्क के वही फीचर असाइन किये जाएँगे जो उसे allow किये गये हैं। वो हॉस्पिटल के दूसरे डाक्यूमेंट्स या ससेंसिटिव चीजों को एक्सेस नहीं कर सकता।

    RBAC के फायदे (benefits of role based access control in hindi)

    सूचनाओं कि सुरक्षा के लिए नेटवर्क एक्सेस को मैनेज करना और ऑडिट करना काफी जरूरी होता है। जिनको जिस प्रकार कि एक्सेस कि जरूरत है उन्हें नेटवर्क में उतनी ही एक्सेस मिलनी चाहिए।

    हजारों कर्मचारियों या लोगों के साथ सिक्यूरिटी को मेन्टेन करने के लिए सभी के रोल के हिसाब से नेटवर्क को एक्सेस करना जरूरी है। यहाँ हम रोल बेस्ड नेटवर्क एक्सेस के कुछ लाभ बता रहे हैं:

    नेटवर्क का प्रबन्धन कार्य और आईटी समर्थन घटाना– RBAC के रहते हुए जब कोई नये एम्प्लोयी को बहाल किया गया हो या पुराने के रोल में कोई बदलाव किया गया हो तो आपको ज्यादा पेपरवर्क करने कि जरूरत नहीं पड़ती। इसके लिए आप RBAC के प्रयोग से सीधा रोल को तेजी से स्विच कर सकते हैं और उन्हें पूरे नेटवर्क के सभी प्लेटफ़ॉर्म, सिस्टम और एप्लीकेशन में लागू कर सकते हैं। ये यूजर को परमिशन असाइन करते समय गलतियों कि सम्भावनाओं को भी काफी कम कर देता है। प्रबन्धन के कार्य में समय कि बचत होना RBAC के प्रमुख आर्थिक लाभ में से एक है। इसके अलावे ये इंटीग्रेटेड यूजर को उन्हें नेटवर्क में वही एक्सेस देता है जो उनके लिए पहले से ही परिभाषित हैं।

    ऑपरेशन की एफिशिएंसी को बढाना– RBAC एक ऐसा stramline एप्रोच देता है जो लॉजिकल तौर पर परिभाषित होते हैं। नीचले लेवल के एक्सेस कण्ट्रोल का प्रबंधन करने कि बजाय इसमें आर्गेनाईजेशन के सारे रोल को स्ट्रक्चर के साथ अलाइन किया जा सकता है और यूजर अपना कार्य और भी एफिशिएंसी से पूरा कर सकते हैं।

    अनुपालन को बढ़ाना– सभी आर्गेनाईजेशन में कुछ सरकारी, राज्य सम्बन्धी और लोकल स्तर पर नियम-क़ानून होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। अगर नेटवर्क के सिस्टम में RBAC हो तो प्राइवेसी और भरोसे से जुड़े इन सारे नियमों का पालन करवाना और भी आसान हो जाता है। जैसे कि आईटी डिपार्टमेंट के लोग और एग्जीक्यूटिव को ये प्रबंध करने की जिम्मेदारी होती है कि डाटा को कैसे एक्सेस और प्रयोग किया जा रहा है। ओस स्वास्थ स्न्मन्धी और आर्थिक संस्थाओं में ज्यादा जरूरी है क्योंकि उनमे बहुत सारे सेंसिटिव डाटा को मैनेज करना रहता है जैसे कि PSI डाटा या फिर PHI डाटा।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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