बॉलीवुड के सुपरस्टार और मिस्टर पर्फेक्टनिस्ट के नाम से जाने जाने वाले आमिर खान को अपनी फिल्मों में हर बार कुछ अलग तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार करने के लिए जाना जाता है। आमिर खान का स्टारडम बाकी खानों से थोड़ा हटके है।
लोग उनके नाम से तो फिल्म देखने जाते है हैं लेकिन उनकी फिल्मों से लोगों को उम्मीद भी काफी होती है। दर्शक पूरे साल आमिर की फिल्म का इंतज़ार करते हैं और जब उनकी फिल्म आती है तो सारे रिकार्ड्स तोड़ कर जाती है।
यदि आमिर की कोई फिल्म पसंद नहीं की जाती और निर्माताओं को नुक्सान होता है तो वह इसकी पूरी ज़िम्मेदारी भी लेते हैं और यही बात किसी भी कलाकार को सही मायने में सुपरस्टार बनाती है।
आज आमिर खान का जन्मदिन है और फैंस उन्हें खूब बधाइयां दे रहे हैं। वह 54 साल के हो चुके हैं। 1973 में आई फिल्म ‘यादों की बारात’ में जब पहली बार आमिर खान चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में परदे पर दिखे थे तो किसने सोचा था कि यह बच्चा आगे चल कर भारतीय सिनेमा के इतिहास में बड़े योगदान देगा।
.@aamir_khan and #KiranRao cutting the cake at the press conference as #AamirKhan celebrates his birthday today. #HappyBirthdayAamirKhan pic.twitter.com/4fWySecNik
— Box Office India (@boxofficeindia) March 14, 2019
तो इस ख़ास मौके पर आइये याद करते हैं आमिर खान द्वारा निभाए गए कुछ चुनौतीपूर्ण किरदार जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
लगान 2001 – इस फिल्म ने न सिर्फ विदेशों में कई पुरष्कार जीते थे बल्कि आमिर को काफी लोकप्रिय स्टार बना दिया था। ‘लगान’ में आमिर की भूमिका गाँव के एक नौजवान की थी जो ब्रिटिश शासकों की ज्यादती से बचने के लिए उनसे क्रिकेट मैच खेलने का दाव लगाता है। आज भी हम इस फिल्म को आमिर की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक मानते हैं।
रंग दे बसंती 2006-
2006 में आई राकेश ॐ महरा की इस फिल्म में आमिर खान ने चंद्रशेखर आज़ाद की भूमिका निभाई थी।
पच्चीस करोड़ की लागत से बनी यह फिल्म नई दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और पंजाब में फिल्माई गयी थी। कहानी एक ब्रिटिश documentry मेकर की है जो अपने दादा की डायरी पढ़कर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर एक फिल्म बनाने के लिए भारत आती है।
और यहाँ उसकी मुलाक़ात 5 दोस्तों से होती है।
यह एक क्रन्तिकारी फिल्म साबित हुई थी और इसने भारत के युवाओं पर भ्रस्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए बहुत प्रेरित किया था। ‘रंग से बसंती’ में आमिर के अलावा सोहा अली खान, आर माधवन, कुणाल कपूर और शर्मन जोशी मुख्य भूमिकाओं में थे।
थ्री इडियट्स 2009- इस फिल्म ने न सिर्फ युवाओं में आमिर को लोकप्रिय बनाया था बल्कि आमिर खान को चीन में मिले स्टारडम के पीछे भी लोग इस फिल्म का हांथ मानते हैं। रणछोड़ दास चांचड़ की भूमिका में आमिर को इतना पसंद किया गया था इंजीनियरिंग क्या हर स्ट्रीम के छात्र आमिर के इस किरदार को ही अपना भगवान् मानने लगे थे।
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी काफी सफल रही थी।
तारे ज़मीन पर 2007- एक अभिनेता के तौर पर नए-नए किरदारों से खुद को चुनौती देने के साथ आमिर खान अपनी फिल्मों से लोगों में जागरूकता फैलाना भी अपना धर्म समझते हैं। तभी तो वह लगातार समाज को बेहतर बनाने के पीछे काम करते रहते हैं।
आमिर खान की यह फिल्म भी कुछ ऐसी ही थी जिसमें मुख्य भूमिका में आमिर नहीं बल्कि एक चाइल्ड आर्टिस्ट था और आमिर उसके सहयोगी कलाकार थे। इस तरह के किरदार शायद ही कोई और स्टार करेगा पर आमिर ने डिस्लेक्सकीया की बिमारी को लेकरअपने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए यह किरदार किया था।
यह फिल्म आमिर की शानदार फिल्मों में से एक है।
दंगल 2016- यह वह समय था जब आमिर खान अपनी ही फिल्मों से अपना रिकॉर्ड तोड़ने लगे थे। आमिर की फिल्मों के सामने कोई और फिल्म टिक नहीं पा रही थी। ‘दंगल’ ने भारत में ही नहीं बल्कि चीन में भी ताबड़तोड़ कमाई की थी।
इस फिल्म में आमिर द्वारा निभाया गया किरदार इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने अधेड़ उम्र के एक पिता की भूमिका निभाई है। जहाँ सलमान खान, शाहरुख़ खान और ह्रितिक रोशन जैसे समकालीन स्टार्स पर्दे पर रोमांस करना पसंद करते हैं वहीं एक सुपरस्टार के लिए इस तरह का किरदार स्वीकार करना ही अपने आप में चुनौती होती है और आमिर ने इसे बखूबी निभाया था।
पीके 2014- फिल्म की शूटिंग के दौरान के बार आमिर खान ने फिल्म का अपना पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए फैंस से पूछा था कि यह किरदार क्या है? और कोई इसे पागल तो कोई सनकी कह रहा था लेकिन किसे पता था कि इस फिल्म में आमिर एलियन की भूमिका निभाने वाले हैं।
ऐसा किरदार जो बॉलीवुड में आजतक किसी ने नहीं किया था और इस तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार को आमिर ने इतनी सच्चाई और मासूमियत के साथ किया था जैसा शायद ही बॉलीवुड का कोई और अभिनेता कर पाता।
आमिर की यह फिल्म इस लिए भी खास थी क्योंकि यह हमारी दुनिया में हो रहे पागलपन पर एक व्यंग भी थी जिसपर साधारणतः कोई ध्यान नहीं देता है।
धोबी घाट 2011-किरण राव की निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म जिसमें आमिर खान एक पेंटर की भूमिका में थे जो अपने काम को पूरा करने के लिए मुंबई के एक फ्लैट में रुकते हैं और उन्हें कुछ वीडियो टेप मिलते हैं।
यह ऐसी फिल्म थी जिसे कोई भी मुख्यधारा का अभिनेता नहीं करना चाहेगा लेकिन यह अपने आप में एक शानदार फिल्म थी जिसे आगे चलकर क्लासिक फिल्मों में गिना जाएगा।
इतनी अच्छी फ़िल्में और इतने कमाल के किरदार आमिर के और किसी समकालीन अभिनेता ने नहीं किया है। आमिर के जन्मदिन पर हम आशा करते हैं कि वह आगे भी हमारे लिए इसी तरह की और शानदार फिल्में लेकर आते रहेंगे।
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