पाकिस्तान में आयोजित साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोपेराशन यानी सार्क सामेलन में शिरकत के लिए भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रण दिया जायेगा। साल 2016 में सीमा पार आतंकी हमलो के कारण भारत ने पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मलेन का बहिष्कार किया था।
भारत सहित अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी इस सम्मेलन का बहिष्कार किया था। इस सम्मेलन के यदि आठ सदस्यों में से एक भी सम्मिलित होने से इनकार करता है तो इस बैठक को रद्द कर दिया जाता है। साल 2016 में सार्क सम्मेलन को रद्द कर दिया था।
भारत का इस सम्मेलन का बहिष्कार करने का फैसला उसके वैश्विक अभियान का हिस्सा था ताकि पाकिस्तान अलग-थलग पड़ जाए। जम्मू-कश्मीर के उरी में सैन्य बेस पर चार आतंकी हमलावरों ने हमला कर दिया था, जिसमे 18 सैनिकों ने जान गँवा दी थी।
हाल ही में पंजाब के अमृतसर शहर के निरंकारी भवन में आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला किया था जिसमे तीन लोगों की मौत हो गयी थी। इस हमले के तार भी पाकिस्तान से जुड़े मिले है जिसका खुलासा खुद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किया था। हाल ही में अमृतसर के निरंकारी भवन में हुए हमों के बाबत पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि बेक़सूर लोगों पर ग्रेनेड से हमला एक बर्बर कृत्य है।
उन्होंने कहा कि लोग गाँव में धार्मिक सम्मलेन में एकत्रित हुए थे और उन पर ग्रेनेड से हमला कर उनकी पूजा में खलल डाला गया था। अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तानी सेना का निरंतर सीमा का उल्लंघन करने पर भी लताड़ लगाई है। उन्होंने पाकिस्तान सेना द्वारा भारतीय जवानो की स्नाइपर से हत्या करने की भी आलोचना की है।
पंजाब में हमले के कारण मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान में आयोजित करतारपुर स्थापना समारोह में शरीक होने से इनकार कर दिया था। इसके आलावा सुषमा स्वराज ने भी चुनाव में मशरूफियत का हवाला देकर इस समारोह के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।