Sat. Jan 4th, 2025

    Category: धर्म

    संतोषी माता की आरती

    आरती: जय सन्तोषी माता जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ॥ ॥ जय सन्तोषी माता…॥ सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो। हीरा…

    शनि आरती

    शनि आरती – 1 जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।…

    कुबेर जी की आरती

    भारत के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली का शुभ आरंभ धनतेरस से होता है, धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर एवं श्री गणेश की पूजा-आरती प्रमुखता से की जाती है।…

    गणेश वंदना

    गणेश वंदना (भाग 1) – ‘वक्रतुण्ड महाकाय …’ तथा अन्य छंद अधिकांश हिंदू परिवारों-समुदायों में किसी भी शुभकार्य का आरंभ प्रायः गणेश वंदना से किया जाता है । इसी परंपरा…

    लक्ष्मी जी की आरती

    लक्ष्मी जी की आरती महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय…

    शिव चालीसा

    शिव चालीसा (शाब्दिक रूप से शिव पर चालीस चौपाई) एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो हिंदू देवता, भगवान शिव को समर्पित है। शिव पुराण के अनुसार, इसमें 40 (चालिस) चौपाई (छंद)…