Thu. Apr 18th, 2024

    Category: धर्म

    वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ श्लोक

    वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ श्लोक वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ अर्थ – घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु,…

    आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की

    आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल…

    माँ कालकाजी मंदिर

    कालकाजी मंदिर एक हिंदू मंदिर या मंदिर है, जो हिंदू देवी काली को समर्पित है। मंदिर भारत के कालकाजी में, दिल्ली के दक्षिणी भाग में स्थित है, एक ऐसा इलाका…

    तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये – भजन

    नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला प्रसिद्ध व लोकप्रिय भजन। साँची ज्योतो वाली…

    रामचंद्र स्तुति – श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन

    श्रीरामचंद्र कृपालु भज मन अथवा राम स्तुति गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित १६वीं शताब्दी का एक भजन है। ईसमे श्रीराम प्रभु के अदभुत गुण एवं शौर्य का वर्णन है। मनुष्य के…

    “येषां न विद्या न तपो न दानं” श्लोक का अर्थ

    श्लोक : ।। येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।। अर्थ : जिसके पास विद्या, तप,…

    “काक चेष्टा बको ध्यानं” श्लोक का भावार्थ, मतलब

    श्लोक: काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च । अल्पहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥ भावार्थ: कौआ की तरह चतुर, बगुला की तरह ध्यान करने वाले, स्वान की…