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    RC4 algorithm in hindi

    विषय-सूचि

    RC4 एल्गोरिथ्म क्या है? (rc4 algorithm in hindi)

    RC4 एक स्ट्रीम cipher है और एक वेरिएबल लेंथ का key अल्गोरिथम है। ये अल्गोरिथम एक समय पर 1 बाइट को एन्क्रिप्ट करता है (और कभी-कभी ज्यादा यूनिट)। key इनपुट एक pseudorandom बिट जनरेटर होता है जो एक 8 बिट स्ट्रीम संख्या को प्रोडूस करता है जिसे बिना इनपुट key के बारी में जाने हुए प्रेडिक्ट करना बहुत मुश्किल है।

    जनरेटर के आउटपुट को key स्ट्रीम कहते हैं। इन सभी को प्लेनटेक्स्ट स्ट्रीम cipher की मदद से एक बार में एक बाइट कर के कंबाइन किया जाता है और ऐसा करने के लिए X-OR ऑपरेशन का प्रयोग किया जाता है।

    उदाहरण:

    RC4 Encryption 
    10011000 ⊕ 01010000 = 11001000    
    
    RC4 Decryption 
    11001000 ⊕ 01010000 = 10011000
    

    Key जनरेशन अल्गोरिथम (key generation algorithm)

    Initialization: S की सारी एंट्री को 0 से 255 के बीच का मान बढ़ते क्रम में सेट कर दिया जाता है। इसके बाद एक अस्थाई वेक्टर T को क्रिएट किया जाता है।

    अब अगर करी का लेंथ 256 बाइट है तो K को T को असाइन कर दिया जाता है। एक k लेंथ बाइट के key के लिए, T के पहले k-len एलेमेंट्स को जैसे K से कॉपी किया जाता है और उसे बाद T को भरने के लिए जितनी बार जरूरी हो उतनी बार K को दुहराया जाता है।

    for
        i = 0 to 255 do S[i] = i;
    T[i] = K[i mod k - len];

    S[0] से S[255] तक, हम T का प्रयोग S के शुरुआती permunation को प्रोडूस करने के लिए करते हैं। उसके बाद प्रत्येक S[i] अल्गोरिथम के लिए इसे S के किसी और बाइट के साथ स्वैप करते हैं (जैसा कि T[i] स्कीम से निर्धारण किया जाता है)। लेकिन S के अंदर 0 से 255 तक का मान ही होता है।

    j = 0;
    for
    i = 0 to 255 do
    {
    j = (j + S[i] + T[i])mod 256;
    Swap(S[i], S[j]);
    }

    सूडो रैंडम जनरेशन अल्गोरिथम (pseudo random generation algorithm)

    जब एक बार वेक्टर S इनिशियलाइज़ हो जाता है, उसेक बाद इनपुट key का प्रयोग नहीं किया जाता। इस स्टेप में, सभी S[i] अल्गोरिथम के लिए, इसे S के अंदर मौजूद दूसरे बाइट के साथ स्वैप करें जो कि S के अभी के कॉन्फ़िगरेशन के स्कीम द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

    S[255] तक पहुँचने के बाद प्रक्रिया जारी रहेगा और फिर से S[0] से शुरू हो जाएगा।

    i, j = 0;
    while (true)
    i = (i + 1)mod 256;
    j = (j + S[i])mod 256;
    Swap(S[i], S[j]);
    t = (S[i] + S[j])mod 256;
    k = S[t];

    X-OR का प्रयोग कर के एन्क्रिप्ट

    इस प्रक्रिया को नीचे के चित्र में दिखाया गया है:

    55

    सितम्बर 2015 में माइक्रोसॉफ्ट ने माइक्रोसॉफ्ट एज और इन्टरनेट एक्स्प्लोरर में RC4 को बंद करने का एलान किया।

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    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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