Thu. Dec 5th, 2024
    CJI ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष रूप से सक्षम कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित कैफे का किया उद्घाटन

    भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के परिसर में एक कैफे का उद्घाटन किया, जो पूरी तरह से विशेष रूप से सक्षम कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह कैफे “मिट्टी कैफ़े” के नाम से जाना जाएगा और इसे एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा चलाया जाएगा। कैफे में काम करने वाले सभी कर्मचारी शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक विकलांगता से पीड़ित हैं।

    CJI चंद्रचूड़ ने कैफे के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि यह कैफे विकलांग व्यक्तियों को आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान प्रदान करने के लिए एक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कैफे विकलांग व्यक्तियों की क्षमताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।

    मिट्टी कैफ़े ने पूरे भारत में 38 आउटलेट खोले हैं और कोविड-19 महामारी के दौरान छह मिलियन भोजन परोसे हैं। NGO की सीईओ-संस्थापक अलीना आलम ने बताया कि मिट्टी कैफ़े विकलांग लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है और लगभग 500 विकलांग लोग सीधे कैफे से जुड़े हैं, जबकि 1200 से अधिक विकलांग लोग अप्रत्यक्ष रूप से कैफे से जुड़े हैं।

    CJI चंद्रचूड़ ने कैफे के सभी कर्मचारियों को उनके साहस और दृढ़ संकल्प के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह कैफे सुप्रीम कोर्ट के सभी कर्मचारियों और वकीलों के लिए एक प्रेरणा है।

    मिट्टी कैफ़े का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट में विकलांग व्यक्तियों के लिए समावेश और पहुंच में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उम्मीद की जाती है कि यह कैफे अन्य सरकारी और निजी संगठनों को विकलांग व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रेरित करेगा।

    क्या है कैफे के खुलने से विकलांग व्यक्तियों को होने वाले लाभ?

    • आर्थिक स्वतंत्रता
    • सम्मान
    • क्षमताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना
    • रोजगार के अवसर

    क्या है समाज की जिम्मेदारी?

    • विकलांग व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना
    • उनके सम्मान और अधिकारों का सम्मान करना
    • उन्हें समाज में मुख्यधारा में लाना

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *