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    सायरस पूनावाला पुणे अमीर आदमी

    दुनिया भर के अमीरों की सूची में भारत के भी एक- दो नहीं बल्कि कई बड़े-बड़े उधोगपतियों का नाम दर्ज है। और अब बात करे भारत के सबसे अमीर शहर की तो वह मुंबई शहर है। लेकिन मुंबई के बाद अब एक और शहर का नाम भी अमीर शहर और सबसे ज्यादा अमीरों को जन्म देने वाला बन गया है और वह है, महाराष्ट्र राज्य का पुणे शहर। मुबंई के बाद महाराष्ट्र का दूसरा बड़ा शहर पुणे ही है। पुणे को महाराष्ट्र की मिनी राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। ख़ासकर पुणे शहर को देश के लिए तकनीकी उन्नति के लिए भी जाना जाता है। इस शहर ने वर्षों से देश को बड़े-बड़े और सफल उद्योगपति दिए हैं।

    इस लेख के जरिये हम पुणे शहर के सबसे अमीर आदमियों और उद्योगपतियों के बारे में चर्चा करेंगे। नीचे दी गयी सभी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ली गयी है।

    साइरस पूनावाला

    कुल संपत्ति – 57,274 करोड़ रूपए

    सायरस पूनावाला संपत्ति

    साइरस पूनावाला भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक है। साइरस पूनावाला को पूनावाला ग्रुप चेयरमैन के तौर पर हर व्यक्ति जानता है। लेकिन साथ ही आपको बता दें कि साइरस पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के भी मालिक है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया  वैक्सीन बनाने वाली एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दुसरी सबसे बड़ी संस्था है।

    साइरस पूनावाला की फैमली का मुख्य बिज़नेस घोड़ों की रेस का था और इन्हीं के पास पूनावाला स्टड फार्म भी था। जहां घोड़ो के बूढ़ा हो जाने पर उनको को बेच दिया जाता था, जिनसे वैक्सीन बनाया जाता था। एक दिन पूनावाला ने यह महसूस किया कि वो खुद भी तो वैक्सीन बनाने का चैलेंज ले सकते है। और इन वैक्सीन को सामान्य रेट पर देश में उपलब्ध करा सकते है। इसके लिए उन्होने अपने भाई के साथ मिलकर 1966 में वैक्सीन का उत्पादन करना शुरू किया।

    वर्तमान में सीरम इस्ंटीट्यूट लिमिटेड़ डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस, हिब, बीसीजी, आर-हेपेटाइटिस बी, मेसल्स, मंप और रूबेला, जैसी बिमारियों की विश्व में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाती है। साइरस पूनावाल की सारी सम्पत्ति में नब्बे प्रतिशत सम्पत्ति केवल सीरम इस्टीट्यूट ऑफ इंडिया लिमिटेड़ से प्राप्त होती है। जिसमें हर साल लगभग चालीस प्रतिशत सम्पत्ति की बढ़़ोतरी हो रही है।

    साइरस पूनावाला एक सफल बिजनेस मैन के साथ-साथ समाज सेवा में भी रूचि रखते है। साथ ही ऐसे बच्चों के लिए पैसे दान करते है जो पैसे कमाने के लिए सक्षम नही है। ऐसा भी कहा जाता है कि पुणे शहर को साफ करने के लिए पूनावाला की तरफ से 15 मिलियन डॉलर का दान दिया जा रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने साइरस पूनावाला को पद्म श्री से सम्मानित किया था।

    राहुल बजाज

    कुल संपत्ति – 26,684 करोड़ रूपए

    राहुल बजाज

    भारत के सबसे ज्यादा सफल उधोगपतियों में से एक नाम राहुल बजाज का भी शुमार है। राहुल बजाज इस समय पूरे बजाज समूह के अध्यक्ष है। बजाज समूह पूरे भारत में और विदेशो में बनने वाली उत्पादों और वित्तिय सेवाओं को प्रदान करने के लिए जाना जाता है। बजाज समूह का बिजनेस दुपहिया वाहनों , घरेलू उपकरणों , पवन ऊर्जा और कई प्रकार की धातुओं में, यात्रा जनरल और जीवन बीमा निवेश में वित्तिय सेवाओ जैसों क्षेत्रों में फैला हुआ है।

    राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। बजाज व्यापार की नींव  राहुल बजाज के दादा जी जमनालाल बजाज ने रखी थी। धीरे- धीरे आगे आने वाली पीढियों ने बजाज घराने के बिजनेस को आगे बढाया। राहुल बजाज ने कैथेकल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की । राहुल ने दिल्ली विश्वधालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में डिग्री ली और बंबई विश्विधालय से लॉ की डिग्री प्राप्त की थी। बाद में हार्वड से बिजनेस स्कूल से एमबीए भी किया था।

    राहुल बजाज ने सन् 1965 में बजाज समूह की बागडोर संभाली उनके कुशल नेतृत्व में कंपनी ने लाइसेंस राज  जैसे कठिन समय में भी सफलता के नई बुलंदियों को छुआ। सन 1980 के दशक में बजाज दो पहिया स्कूटरों का टॉप निमार्ताओं में से एक था । बजाज समूह के चेतक ब्रान्ड स्कूटर की मांग इतनी ज्यादा थी कि इसके लिए 10 साल तक वेंटिग पीरियड चला था।

    वर्तमान में भी राहुल कई कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। आर्थिक क्षेत्र और उधोग में उनके योगदान के लिए भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए उनको चुना गया। साल 2001 में भारत सरकार ने राहुल बजाज को पद्म भूषण से सम्मानित किया। भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए बजाज को भारत की तरफ से तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया।

    बाबा कल्याणी

    कुल संपत्ति – 18,223 करोड़ रूपए

    बाबा कल्याणी

    भारत फोर्ज लिमिटेड़ के अध्यक्ष बाबा कल्याणी का नाम भी अमीरों की सूची में शुमार है। फोर्ब्स इंडिया द्वारा भी हाल ही में जारी की गई अमीरों की सूची में बाबा कल्याणी का नाम भी दर्ज है।। बाबा कल्याणी को फोर्ब्स सूची में 2.2 अरब डॉलर के साथ 100 अमीरों की सूची में 41 वां स्थान मिला। बाबा कल्याणी प्रथम पुणे शिक्षा फाउंडेशन के संस्थापक भी है।

    बाबा कल्याणी का जन्म पुणे में पेशे से इंजीनियर माता-पिता सुलोचना और नीलकंठ कल्याणी के घर हुआ था। कल्याणी के पिता के पास ऑटो पार्ट्स बनाने का एक छोटा सा कारखाना भी था। बाबा ने अपनी स्कूल की पढ़ाई बेलगांव के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होनें बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजिनियरिंग में डिग्री ली। आने वाले समय मे बाबा कल्याणी मिलिट्री और डिफेंस सेक्टर में उपयोग की जाने वाली बड़ी-बड़ी तोपे और हथियार को लेकर बड़े पैमाने पर एन्ट्री कर सकते है।

    औधोगिक क्षेत्र में सबसे सफल बिजनेसमैन के तौर पर योगदान देने के लिए साल 2008 में बाबा कल्याणी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया । बाबा कल्याणी की कंपनी का करगिल युद्ध में काफी अहम योगदान रहा है। युद्ध में उपयोग की गई बोफोर्स तोपों के लिए गोले और शेल्स का काम बाबा की कंपनी ने किया था। कल्याणी ने दावा किया है कि मौजूदा बोफोर्स गन से भी ज्यादा पावरफुल गन उनकी कंपनी ने तैयार की है। वह

     

    तुलसी तांती

    कुल संपत्ति – 16,271 करोड़ रूपए

    तुलसी तांती

    तुलसी तांती का नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में  सबसे ज्यादा प्रसिद्ध नाम है। तुलसी तांती सुजलॉन एनर्जी के प्रबंध निदेशक हैं। सुजलान एनर्जी कंपनी भारत में सबसे बड़ी ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी है। मार्केट में इस कंपनी के हिस्सेदारी के मामलें में यह कंपनी एशिया में चौथी सबसे बड़ी विंड टरबाइन बनाने वाली कंपनी है।  इस कंपनी का  मुख्या्लय पुणे में स्थापित है। इसके अलावा सुजलॉन एनर्जी कंपनी भारत के कई हिस्सों पांडिचेरी.दमन, भुज , गांधीधाम और कई विदेशों जैसे चीन, जर्मनी और बेल्जियम में भी है।                  

    बेशुमार सम्पति के मालिक उधोगपति तुलसी तांती ने व्यापार की दुनिया में छाने के लिए सुजलाॉन कंपनी की 1995 में स्थापना  की। इस कंपनी की शुरूआत करने के पीछे तुलसी का एक पर्सनल नुकसान और ख़ास जरूरत बनी। जब तुलसी तांती अपने परिवार की स्वामित्व वाली कपडा कंपनी में काम कर रहे थे , तो उस साल भारत का अस्थिर पावर ग्रिड और बिजली की बढ़़ती लागत ने कंपनी में होने वाले पूरे मुनाफे को भी खा गया। इसलिए तुलसी ने कपड़ा कंपनी की ऊर्जा से सम्बन्धित जरूरतों को पूरा करने के लिए राजकोट के अपने कुछ दोस्तों की सहायता से  पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एन्ट्री मारी। उसके बाद तुलसी तांती ने सुजलॉन एनर्जी कंपनी को उधोग की दुनिया में खड़ा कर ऊचाईयों का आयाम छुआ।


     
    सतीश मेहता

    कुल संपत्ति – 12,366 करोड़ रूपए

    सतीश मेहता एम्क्योर

    सतीश मेहता भी पुणे शहर के सबसे अमीर उधोगपतियों में से एक है। सतीश मेहता का बिजनेस दवाईयों और स्वास्थ्य से सम्बन्धित है। सतीश मेहता एम्क्योर फार्मास्यूटिकल्स के संस्थापक और निर्देशक हैं। कंपनी के 60% से अधिक राजस्व विदेशों में पैदा होता है उनकी फार्मा कंपनी भारत और अमेरिका दोनों में फार्मा के सबसे बड़े बांटने वालों में से एक है।

    सतीश मेहता ने 1981 में फार्मा के साथ अपने करियर की शुरुआत की और एक दशक के बाद ही बाजार में अपना उत्पादन शुरू करने का फैसला किया।सतीश मेहता कंपनी की यूएस में एक मददगार कंपनी है, जो अमेरिका में एम्प्योर फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की देख-रेख और संभालती है।

    भारत देश के लोगों की स्वास्थ्य सम्बन्धि परेशानियों को दूर करने में सतीश मेहता का एक ख़ास योगदान रहा है।

     

    ऊपर दिए गए सभी आंकड़े हाल ही में किये गए शोध के अनुसार हैं। किसी भी तरह के संपादन या अन्य जानकारी के लिए आप कमेंट के जरिये हम से पूछ सकते हैं।