प्रयागराज में कुम्भ की धूम मची हुई है और इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक संगम के तट पर आयोजित करने जा रहे हैं। यूपी सरकार के अधिकारियों ने कहा कि बैठक या तो 29 जनवरी को हो सकती है या 4 फरवरी को। मंत्री पहले गंगा में डुबकी लगाएंगे फिर बैठक करेंगे।
वैसे प्रयागराज ने अपना पहला विधान सभा सत्र 1952 में आयोजित किया था और और एक राज भवन भी बनवाया जो 1963 में परिवर्तित होकर मोती लाल नेहरू गवर्नमंट मेडिकल कॉलेज हो गया, अधिकारियों ने कहा है कि इस बार की मंत्रिमंडल की बैठक किसी सरकारी दफ्तर में नहीं होगी बल्कि कुम्भ मेला के मैदान के एक टेंट में होगी।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि ये दुनिया को इस बड़े उत्सव के महत्त्व का एक प्रभावशाली संकेत भेजेगी।
उनके मुताबिक, “एक दिन में लगभग 1-2 करोड़ लोग कुम्भ में आकर मिलते हैं। हम दुनिया को ये बताना चाहते हैं कि हमारी विकास योजना और पवित्र त्यौहार साथ साथ पूरे किये जाते हैं। ये फैसला पिछली मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था और ये तय किया गया कि इतने महत्वपूर्ण त्यौहार के दौरान एक बैठक तो प्रयागराज में होनी ही चाहिए।”
विपक्षियों ने कहा कि इस कदम से वित्तीय और पर्यटन जोर बढ़ेगा मगर सरकार किसानों की मदद के लिए मंत्रिमंडल के फैसलों को लागू करने में विफल रही।