पाकिस्तान में पेशावर में स्थित पंज तीर्थ हिन्दू धार्मिक स्थल को राष्ट्रीय संपदा घोषित कर दिया है। इस स्थल का नाम पंज तीर्थ वहां मौजूद पांच पानी के तालाबों के कारण रखा गया है। इस प्राचीन स्थल को नुकसान पंहुचाने वाले जिम्मेदार लोगों को 20 लाख तक का जुर्माना देना होगा या पांच वर्ष की कारावास की सज़ा भुगतनी होगी।
इस सूचना को आर्कोलोजी एंड म्यूजियमस के केपी निदेशालय ने 2016 एक्ट के तहत जारी की है। पंज तीर्थ हस्त्नगरी में स्थित है और मिथ्य के मुताबिक महाभारत में हस्तिनापुर के सम्राट पांडू का इस इलाके में स्वागत हुआ था। इस कथा के अनुसार हिन्दू धर्म के लोग कार्तिक माह में इन तालाबों में डुबकी लगाते हैं और दो दिन तक पूजा-अर्चना करते हैं।
साल 1747 में अफगान दुर्रानी वंश के दौरान इस स्थल को क्षति पहुंचाई गयी थी। बहरहाल, साल 1834 में स्थानीय हिन्दुओं ने इसका पुनर्निर्माण किया था। खैबर पख्तुन्वा की सरकार ने पुरातत्व विभाग से इस स्थल का अधिग्रहण करने और और इसके संरक्षण के लिए कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी है।