राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई के एक दिन पहले, राम जन्मभूमि निर्माण समिति के मुकदमेबाज़ महंत धरमदास ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है।
इस पत्र से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी संबोधित किया गया है। धरमदास ने इस पत्र द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश के महाभियोग की माँग की है क्योंकि उन्हें देख कर लगता है कि इस मामले की सुनवाई करना उनकी प्राथमिकता नहीं है।
न्यूज़18.कॉम को धरमदास ने बताया-“कोर्ट ने पहले ही बता दिया है कि ये संपत्ति भगवान राम की है। अगर मुख्य न्यायाधीश 70 साल पुराने मामले को प्राथमिकता नहीं दे सकते तो ऐसे मुख्य न्यायाधीश की जरुरत ही क्या है? हमें अब उनपर बिलकुल भी भरोसा नहीं रहा है और इसलिए हम चाहते हैं कि उन्हें इस मामले से हटा दिया जाये।”
उन्होंने RSS और VHP को भी गलत जानकारी फ़ैलाने और सरकार के लिए बेवजह की रुकावटें पैदा करने के लिए लताड़ लगाई है। उनके मुताबिक, “RSS, VHP और बाकी संगठनों द्वारा देश में ये अफवाह फैलाई जा रही है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए एक कानून बनने वाला है। ये संभव ही नहीं है क्योंकि ये एक संपत्ति विवाद है और तुम इसके ऊपर कोई कानून नहीं ला सकते।”
इस हफ्ते की शुरुआत में, ANI को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ये स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर कोई अध्यादेश नहीं ला रही जब तक इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।